Russia-Ukraine War Day 59:रूस और यूक्रेन के बीच जंग जारी है। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को अब दो महीने पूरे होने वाले हैं, कई शहर तबाह हो गए हैं। हजारों सैनिकों की मौत हो गई है। इसी बीच यूक्रेन ने दावा किया है कि इसके सैनिकों ने जंग की शुरूआत से अब तक 854 रूसी टैंक तबाह कर दिए हैं।
यूक्रेन पर हमले का 59वां दिन
बैलेस्टिक मिसाइल पर रूस का दावा
रूस ने दावा किया है कि वह अपनी सरमट इंटरकांटिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल को सितंबर-अक्तूबर तक हमले के लिए तैनात कर देगा। यूक्रेन युद्ध के दौरान अमेरिका और पश्चिमी देशों के साथ चल रहे तनाव के बीच विकसित की गई इस मिसाइल के अजेय होने का दावा रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने किया है। उन्होंने कहा कि यह मिसाइल हर तरह के डिफेंस सिस्टम को फेल करने की क्षमता रखती है। यह एक साथ दस या इससे ज्यादा परमाणु हथियार लेकर कई लक्ष्यों पर परमाणु हमला करने में सक्षम है।
अमेरिकी विदेश मंत्री और रक्षा सचिव यूक्रेन जाएंगे
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन और रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन यूक्रेन दौरे पर जाने वाले हैं। दोनों 24 अप्रैल को यूक्रेन का दौरा करेंगे। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने इसका एलान किया।
जेलेंस्की बोले- रूस ने दिखावटी जनमत संग्रह किया, तो यूक्रेन शांति वार्ता स्थगित कर देगा
वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा कि अगर रूस मैरियूपोल में किसी भी सैनिक को मार देता है या खेरसोन और जापोरिजिया में आंशिक रूप से कब्जे वाले दक्षिणी क्षेत्रों में स्वतंत्रता के लिए जनमत संग्रह करता है, तो यूक्रेन मास्को के साथ शांति वार्ता को निलंबित कर देगा। उन्होंने कहा कि जनमत संग्रह के साथ आगे बढ़ना "इस स्थिति के राजनयिक समाधान के लिए उपयोगी नहीं होगा"।
● अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन रविवार को कीव जाएंगे
● यूक्रेन के ज़ेलेंस्की ने 'युद्ध समाप्त करने के लिए' रूस के पुतिन से मिलने का आह्वान किया
ओडेसा में रूसी हमले में पांच लोगों की मौत: यूक्रेन
यूक्रेन के काला सागर शहर ओडेसा में शनिवार को रूसी हमले में एक बच्चे समेत कम से कम पांच लोगों की मौत हो गई और 18 अन्य घायल हो गए।
रूसी सैनिकों ने मारियुपोल में यूक्रेनी सेना के अंतिम मजबूत गढ़ पर हमला किया
यूक्रेन के राष्ट्रपति कार्यालय के एक सलाहकार ने कहा है कि रूसी सैनिक बंदरगाह शहर मारियुपोल में एक इस्पात संयंत्र पर हमला कर रहे हैं, जो यूक्रेनी सेना का अंतिम मजबूत गढ़ है। यूक्रेन में राष्ट्रपति कार्यालय के प्रमुख के एक सलाहकार ओलेक्सीव एरस्तोविच ने शनिवार को प्रेस ब्रीफिंग में कहा कहा कि रूसी सैनिकों ने एजोवस्तल पर हवाई हमले फिर से शुरू कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि दुश्मन एजोवस्तल इलाके में मारियुपोल के रक्षकों के प्रतिरोध का पूरी तरह से दमन करने की कोशिश कर रहा है।
यूक्रेन में राष्ट्रपति कार्यालय के प्रमुख के एक सलाहकार ओलेक्सीव एरस्तोविच ने शनिवार को प्रेस ब्रीफिंग में कहा कहा कि रूसी सैनिकों ने एजोवस्तल पर हवाई हमले फिर से शुरू कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि दुश्मन एजोवस्तल इलाके में मारियुपोल के रक्षकों के प्रतिरोध का पूरी तरह से दमन करने की कोशिश कर रहा है।
पोपसना में रूसी गोलाबारी में दो लोगों की मौत
यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच शनिवार को लुगांस्क के गवर्नर सेरही हैदाई ने कहा कि पोपसना शहर में रूसी गोलाबारी में दो लोगों की मौत हो गई। हैदाई ने मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम पर शनिवार को कहा कि इस क्षेत्र में आवासीय भवनों पर कल 12 बार गोलाबारी की गई, और सबसे अधिक गोलाबारी पोपसना शहर में हुई है। उन्होंने लिखा, 'इसके अलावा, रूसी सेना लगातार बहुमंजिला इमारतों और घरों पर हमले कर रही है। शुक्रवार को स्थानीय लोगों को गोलाबारी का सामना करना पड़ा...जिनमें से कुछ की मौत हो गई।'
दोनेत्स्क में गोलीबारी में तीन नागरिकों की मौत
पूर्वी यूक्रेन के दोनेत्स्क क्षेत्र में शुक्रवार को गोलाबारी में कम से कम तीन नागरिकों की मौत हो गई और सात अन्य घायल हो गए। क्षेत्र के गवर्नर ने एक टेलीग्राम पोस्ट में यह जानकारी दी। गवर्नर पावलो किरिलेंको ने तीनों लोगों की मौत के लिये रूसी गोलाबारी को जिम्मेदार ठहराया। किरिलेंको ने एक अन्य टेलीग्राम पोस्ट में कहा कि शुक्रवार दोपहर तक, रूसियों ने क्षेत्र में 20 बस्तियों पर गोलियां चलाईं और 34 नागरिक बुनियादी सुविधाओं को नष्ट या क्षतिग्रस्त कर दिया।
यूक्रेन ने बताया दोनेत्स्क-लुहांस्क पर रूस के हमले का प्लान
यूक्रेन के सैन्य अधिकारी ने कहा कि रूसी सैनिक पूर्वी यूक्रेन में यूक्रेनी सुरक्षा बलों को हराने के मकसद से लगातार हमले कर रहे हैं ताकि वे दोनेत्स्क और लुहांस्क पर पूरी तरह कब्जा कर लें। उनका मकसद इन क्षेत्रों से क्रीमिया तक जमीनी रास्ता तैयार करना है। अधिकारी ने शनिवार को फेसबुक पेज पर कहा कि यूक्रेन की सेना ने पिछले 24 घंटों में दो क्षेत्रों में आठ रूसी हमलों को विफल किया, जिसमें नौ टैंक, 18 बख्तरबंद इकाइयां और 13 वाहन, एक टैंकर और तीन तोपखाने नष्ट हो गए।
पोपसना में रूसी गोलाबारी में दो लोगों की मौत
यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच शनिवार को लुगांस्क के गवर्नर सेरही हैदाई ने कहा कि पोपसना शहर में रूसी गोलाबारी में दो लोगों की मौत हो गई। हैदाई ने मैसेजिंग ऐप टेलीग्राम पर शनिवार को कहा कि इस क्षेत्र में आवासीय भवनों पर कल 12 बार गोलाबारी की गई, और सबसे अधिक गोलाबारी पोपसना शहर में हुई है। उन्होंने लिखा, 'इसके अलावा, रूसी सेना लगातार बहुमंजिला इमारतों और घरों पर हमले कर रही है। शुक्रवार को स्थानीय लोगों को गोलाबारी का सामना करना पड़ा...जिनमें से कुछ की मौत हो गई।' उन्होंने कहा कि लिसिचांस्क और नोवोदुरशेस्क में भी कुछ मकान तबाह हो गए।
अमेरिका ने रूस को साजोसामान से सहयोग करने के खिलाफ चीन को आगाह किया
अमेरिका की एक वरिष्ठ अधिकारी ने चीन को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के यूक्रेन में ‘‘बिना उकसावे वाले’’ युद्ध में ‘‘साजोसामान संबंधी सहयोग’’ देने के खिलाफ आगाह किया है। उन्होंने कहा कि मॉस्को के खिलाफ प्रतिबंधों से बीजिंग को यह अंदाजा हो गया होगा कि अमेरिका क्या कर सकता है। उप विदेश मंत्री वेंडी शर्मन ने ब्रसेल्स में चीन पर यूरोपीय संघ-अमेरिका वार्ता की तीसरी बैठक के बाद बृहस्पतिवार को यह चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि पुतिन द्वारा यूक्रेन के खिलाफ बिना उकसावे के युद्ध छेड़ने से तीन सप्ताह पहले उन्होंने और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने एलान किया था कि चीन और रूस के बीच साझेदारी असीमित है।
रूस को पश्चिमी देशों द्वारा अलग-थलग करने के बावजूद वह तब तक जी-20 का सदस्य बना रहेगा जब कि कि सदस्य देश इस सहमति पर न पहुंचे कि उसे इससे बाहर करना चाहिए। चीन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका समेत कई देशों ने साफ कर दिया है कि वे जी-20 में रूस की सदस्यता का समर्थन करेंगे। पिछले हफ्ते जब विश्व के नेता वाशिंगटन में बैठक के लिए जुटे तब इसके संकेत मिले कि यूक्रेन पर रूस के हमले के बावजूद जी-20 में उसकी सदस्यता बनी हुई है। इस बैठक में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष, विश्व बैंक, जी-7 और 20 देशों के वृहद समूह के अधिकारी शामिल हुए थे।
रूसी सेना द्वारा मारियुपोल निकासी को 'विफल' किया गया: मारियुपोल के अधिकारी
शहर के एक अधिकारी ने कहा कि मारियुपोल के बिखरते शहर से नागरिकों को निकालने का यूक्रेन का प्रयास (जहां कई लोग फंसे हुए हैं) को शनिवार को रूसी बलों ने "असफल" कर दिया।
● अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने संकेत दिए हैं कि कीव में फिर से अमेरिकी दूतावास खोलने पर विचार किया जा रहा है।
● ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कीव में दूतावास खोलने की घोषणा की है। जंग के बाद ब्रिटेन ने अपना दूतावास बंद कर दिया था।
● यूक्रेनी सेना ने कहा है कि पूर्वी यूक्रेन के डोनेट्स्क इलाके में अभी भी रूसी हमले जारी हैं। रूसी सैनिकों ने रिहायशी इमारतों पर भी हमला किया है।
रूस ने पूर्वी यूक्रेन में उतारे अपने सैनिक
रूस और यूक्रेन के बीच युद्धग्रस्त देश के औद्योगिक गढ़ पर नियंत्रण को लेकर संघर्ष शुरू हो सकता है क्योंकि यूक्रेनी अधिकारियों ने बताया है कि रूस ने अपनी सैन्य इकाइयों को मारियुपोल बंदरगाह से पूर्वी यूक्रेन भेजना शुरू कर दिया है। यूक्रेन की राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा परिषद के सचिव ओलेक्सी डैनिलोव ने कहा कि क्रेमलिन ने यूक्रेन में लड़ाई में सीरिया और लीबिया से 100,000 से अधिक सैनिकों और भाड़े के सैनिकों को उतारा है और देश में हर दिन अधिक सेना तैनात कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हमारे समक्ष मुश्किल स्थिति है, लेकिन हमारी सेना हमारे देश की रक्षा कर रही है।’’
यूक्रेन को अधिक सक्रिय समर्थन दे भारत: यूक्रेनी मंत्री की मांग
यूक्रेन के एक मंत्री ने शुक्रवार को भारत से युद्धग्रस्त उनके देश को ‘‘अधिक सक्रिय रूप से’’ समर्थन देने का आग्रह किया। उन्होंने पश्चिमी देशों से रूसी तेल और गैस के निर्यात पर ‘वास्तविक प्रतिबंध’’ लगाने का भी आह्वान किया। यूक्रेन के संस्कृति एवं सूचना मंत्री ऑलेक्जेंडर त्काचेंको ने कहा कि यूक्रेन के खिलाफ रूस की कार्रवाई कई दशक पहले यूरोप में एडोल्फ हिटलर की तुलना में अलग नहीं है और राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का लक्ष्य उनके देश पर पूरी तरह से कब्जा करना और इसकी पहचान को मिटाना है। उन्होंने कहा कि भारत और यूक्रेन लोकतांत्रिक मूल्यों को साझा करते हैं।
तुर्की का दावा- 48 घंटे में खत्म होगी जंग
यूक्रेन पर रूसी हमले को 60 से अधिक दिन हो चुके हैं, लेकिन दोनों देशों के बीच जंग लगातार जारी है। यूक्रेन ने दावा किया है रूस लगातार स्टील कारखानों पर बमबारी कर रहा है। इस बीच तुर्की ने बड़ा दावा किया है। तुर्की ने कहा है कि 48 घंटे के भीतर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की की इंस्ताबुल में मुलाकात हो सकती है।
तुर्की के राष्ट्रपति तैयप एर्दोगन ने कहा- हमें उम्मीद है कि अगले 48 घंटे में रूस और यूक्रेन के बीच जंग थम जाएगी। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्ष जल्द मिलकर समस्या को सुलझाएंगे। हम दोनों देश के नेताओं के संपर्क में हैं।
मारियूपोल में मिली सामूहिक कब्र, 1000 से ज्यादा शव दबे होने की आशंका
यूक्रेन के ध्वस्त हो चुके शहर मारियुपोल के बाहर एक और सामूहिक कब्र मिली है। शहर के मेयर के सलाहकार ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। शहर की परिषद ने ‘प्लेनेट लैब्स’ द्वारा उपग्रह से ली गयी एक तस्वीर पोस्ट की है जिसे सामूहिक कब्र बताया जा रहा हैं। बताया जा रहा है कि 45 मीटर लंबे और 25 मीटर चौडी इस कब्र में मारियुपोल के कम से कम 1,000 निवासियों के शव हो सकते हैं।
रूस ने मानी मोस्कवा युद्धपोत हमले में नौसैनिक के मौत की बात
रूस के रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि बीते हफ्ते युद्धपोत मोस्कवा पर आग लगने के कारण एक नौसैनिक की मौत हो गई, जबकि 27 लापता हैं और 396 को बचा लिया गया। रूस की ओर से यह बयान युद्धपोत के डूबने के एक हफ्ते बाद आया है। घटना के कुछ देर बाद रूसी रक्षा मंत्रालय ने दावा किया था कि पोत पर सवार सभी लोगों को बचा लिया गया है। मंत्रालय ने विरोधाभासी बयानों पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया। यूक्रेन ने कहा था कि उसने युद्धपोत पर मिसाइल से हमला किया था।
अगले हफ्ते यूक्रेन का दौरा करेंगे UN प्रमुख
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस अगले हफ्ते रूस के बाद यूक्रेन का भी दौरा करेंगे। गुटेरेस मंगलवार को मॉस्को में व्लादिमीर पुतिन से मिलने के बाद कीव जाएंगे, जहां उनकी मुलाकात यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से होगी। इसके अलावा वे यूक्रेनी विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा से भी मिलेंगे।
डोनबास क्षेत्र में रूसी सेना ने अपने हमलों की तीव्रता और बढ़ा दी
डोनबास क्षेत्र में रूसी सेना ने अपने हमलों की तीव्रता और बढ़ा दी है। इस बीच मारियूपोल पर भी पुतिन की सेना ने कब्जे का दावा किया है। अभी यह साफ नहीं है कि यूक्रेनी सेना के कितने सैनिक मारियूपोल में रूस का सामना कर रहे हैं, लेकिन जानकारी मिली है कि रूसी सैनिक फिलहाल छिपे हुए सैनिकों पर हमले के लिए आगे नहीं बढ़ रहे हैं। बल्कि वे उनके ठिकानों का घेराव कर उनके निकलने का इंतजार कर रहे हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो रूसी सेना यूक्रेन के सैनिकों के लिए दो ही विकल्प छोड़ना चाहती है- या तो बाहर आकर सरेंडर या फिर अंदर ही भूख से मौत।
पुतिन से मिलेंगे UN चीफ, यूक्रेन भी जा सकते हैं
इधर, एक अहम अपडेट यह है कि यूनाइटेड नेशन्स (UN) के जनरल सेक्रेटरी एंटोनियो गुटेरेस मंगलवार को मॉस्को जाएंगे। वे वहां रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करेंगे। UN के प्रवक्ता ने बताया कि पुतिन और गुटेरस के बीच मंगलवार को मॉस्को में मीटिंग प्रस्तावित है। गुटेरेस रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव से भी मुलाकात करेंगे।
ताइवान ने यूक्रेन को 611 करोड़ रु की मदद भेजी
रूस-यूक्रेन जंग में जहां चीन रूस की मदद कर रहा है, वहीं ताइवान ने यूक्रेन का समर्थन करते हुए करीब 8 मिलियन डॉलर, यानी 611 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। इस रकम का इस्तेमाल वहां हॉस्पिटल और मेडिकल सर्विसेस को फिर से शुरू करने के लिए किया जाएगा।
ब्लैक सी में 27 रूसी सैनिक लापता
रूस ने बयान जारी कर कहा है कि ब्लैक सी में जहाज पर यूक्रेनी हमले से उसके 27 सैनिक लापता हो गए हैं, जबकि एक सैनिक की मौत हो गई है। रूसी रक्षा मंत्रालय ने आगे कहा कि हमने 396 क्रू मेंबर्स को रेस्क्यू कर लिया है। मास्कोवा में 14 अप्रैल को यूक्रेन ने रूसी जंगी जहाज पर हमला किया था।
माता-पिता को मौत के मुंह से निकालकर लाई यूक्रेनी बेटी
युद्ध में रूस के सैनिक एक-एक कर यूक्रेन के हर शहर को श्मशान बनाने में लगे हुए हैं। इस समय यूक्रेन के मारियुपोल शहर को रूसी सेना ने घेर लिया है। लगातार बमबारी के बीच शहर का बाकी दुनिया से संपर्क टूट गया है। इस बीच शहर में फंसे अपने माता-पिता को ढूंढने के लिए 23 साल की यूक्रेनी लड़की ने एक ऐसा कदम उठाया, जो शायद हर किसी के बस की बात न हो।
अनस्तासिया पावलोवा नाम की यह लड़की अपने माता-पिता को मौत के मुंह से बाहर निकालने के लिए अपने पार्टनर से साथ रेस्क्यू ऑपरेशन पर निकल पड़ी। रूसी सेना की गोलियों और बम का सामना करने के लिए इस लड़की के पास सिर्फ हौसला और उम्मीद ही थी। जिसके दम पर वह 260 किलोमीटर का सफर गाड़ी से तय कर अपने माता को बचाने चली जाती है। वह भी तब जब उसे यह खबर भी नहीं कि उसके माता-पिता जिंदा भी है या नहीं।
पांच हफ्ते पहले हुई थी बात, मां ने कहा था 'यहां मत आना बेटी'
खार्कीव में बमबारी के बाद अनस्तासिया पावलोवा अपने पार्टनर अबाकेलिया के साथ साउथ यूक्रेन में सिटी ऑफ दनीप्रो में जाकर बस गई थी। मगर, जैसे ही मारियुपोल शहर में रूसी सेना ने हमला शुरू किया, अनास्तसिया को माता-पिता की चिंता सताने लगी। उनके माता-पिता मारियुपोल के बाहरी क्षेत्र में रहते हैं। उनकी मां ओकसाना एक धार्मिक शिक्षिका हैं। मार्च में उन्होंने अपने बेटी से फोन पर बात की थी। उन्होंने बेटी से कहा था कि 'तुम यहां मन आना बेटी'। इस बातचीत को पांच हफ्ते बीत चुके थे। यही अनास्तसिया की अपने माता-पिता से आखिरी बातचीत थी।
इसके बाद अनास्तसिया ने अपने माता-पिता को बचाने का फैसला लिया। उसने जंग में लोगों की मदद करने वाली एक संस्था से एक वैन और एक ड्राइवर को साथ लिया। मारियुपोल के अंतिम सुरक्षित छोर शहर ज़ापोरीज्ज्या से अपना सफर शुरू किया। 260 किलोमीटर का सफर तय कर अपने माता-पिता के पास पहुंची।
हर कदम पर लग रहा था गोली लगने और रेप होने का डर
अपने इस सफर के बारे में बात करते हुए अनास्तसिया ने एक इंटरव्यू में कहा कि उस समय कोई भी ड्राइवर मारियुपोल जाने को तैयार नहीं हो रहा था। मगर, मुझे बहुत ही बहादुर ड्राइवर मिला था। इसके बाद भी हमें हर कदम पर यही डर सता रहा था कि कहीं दूसरे ही पल हम रूसी बस या गोली का निशाना न बन जाए या फिर रूसी सैनिक मेरा रेप न कर दे।
इस पूरे सफर में अनास्तसिया को एक और उलझन सता रही थी। उन्हें इस बात की बिलकुल भी जानकारी नहीं थी कि उनके माता-पिता अभी तक जिंदा है भी या नहीं।
9 घंटे के रास्ते में लग रहा था अब हो जाएगा दुनिया का अंत
अपने 9 घंटे के सफर में अनास्तसिया ने दुनिया के अंत को महसूस किया है। वह बताती हैं कि रास्ते की शुरुआत में उन्हें कई श्मशान दिखे। हर जगह मौत का मंजर था। कारें जल रही थी, सड़कों पर टैंक खड़े हुए थे। घरों में छेद हो रखे थे, बिल्डिंग काली रंग में टूटी हुई पड़ी थी। सड़कों पर जो लोग मिल रहे थे वह गंदे कपड़े पहने हुए थे। उनकी आंखें खाली थी और हमारी गाड़ी का पीछा कर रहीं थी। उन लोगों से सब कुछ छिन चुका था। किसी के पति-पत्नी मर चुके थे तो किसी से बच्चे- रिश्तेदार। वह बताती हैं कि अपनी आंखों से यह बर्बादी का मंजर देख लग रहा था कि यही दुनिया का अंत है।
माता-पिता जमीन पर गंदी चादर ओढ़कर लेटे थे
अनास्तसिया जब अपने माता-पिता से मिली तो वह जमीन पर एक गंदी चादर ओढ़कर सो रहे थे। उनका घर धमाकों के कारण हिल रहा था। ऐसी मुश्किल घड़ी में पड़ोसी एक-दूसरे की मदद को आगे आ रहे थे। उनके पड़ोसी ने कुछ लकड़ियां काट रखी थी और स्टोव पर घर के बाहर ही खाना पकाया जा रहा था।
किसी के पास भी खाने को कुछ खास नहीं बचा था। अनास्तसिया के पेरेंट्स के पास ही थोड़ा अनाज बचा था जिसे पका रहे थे। अनास्तसिया ने अपने पेरेंट्स को वहां से सुरक्षित निकाला और उन्हें पश्चिमी यूक्रेन के एक शहर में छोड़ आई।
125 किलोमीटर पैदल चला यूक्रेनी परिवार
यूक्रेन में जंग का भयावह रूप देखने को मिल रहा है। सड़कों पर लाशें बिछी हुई हैं। कई शहर श्मशान में तब्दील हो गए हैं। शवों को सामूहिक कब्रों में दफनाया जा रहा है। रूसी सैनिक आम नागरिकों को निशाना बना रहे हैं। लगातार बमबारी के बीच यूक्रेनी शहरों का बाकी दुनिया से संपर्क टूट गया है। इस बीच मारियुपोल शहर में फंसा एक परिवार अपनी जान बचाने के लिए 125 किलोमीटर पैदल चलकर जपोरिजिया पहुंचा।
रूसी सैनिक शहरों में मिसाइलें दाग रहे हैं। जहां भी आम नागरिकों ने शरण ली, वहां रूस ने हमले किया। रेलवे स्टेशन को भी नहीं छोड़ा। ऐसे में येवगेन और टेटियाना के पास अपने चार बच्चों को मौत के मुंह से बाहर निकालने का एक ही उपाय समझ आ रहा था। वो था किसी भी हाल में मारियुपोल छोड़ना। पूरा परिवार एक साथ पैदल ही निकल पड़ा।
हफ्तों तक रूसी सेना ने मारियुपोल को घेरा और अनगिनत बार हमले किए। तबाही के इस मंजर के बीच येवगेन और टेटियाना अपने बच्चों को मुसीबत का सामना करना सिखा रहे थे। टेटियाना कोमिसारोवा (40) ने बताया कि उनके 4 बच्चे हैं- यूलिया (6), अलेक्जेंडर (8), एना (10) और इवान (12)। टेटियाना ने कहा- हमले के डर से हम हफ्तों बंकर में छिपे रहे। करीब 2 हफ्तों तक हमने बच्चों को समझाया। उन्हें बताया की हमें जान बचाने के लिए भागना होगा। हमारा सफर मुश्किलों से भरा हो सकता है। मंजिल तक पहुंचने में समय भी लग सकता है। उन्होंने कहा कि बच्चों के लिए ये किसी एडवेंचर की तरह था।
जंग शुरू होने के बाद यह पहली बार था जब, मन में डर और आंखों में उम्मीद लिए येवगेन और टेटियाना अपने बच्चों के साथ बंकर से निकले। येवगेन ने बताया कि जब वे बाहर निकले तो शहर खंडहर हो चुका था। उन्होंने कहा- जब बच्चों ने चारों ओर तबाही देखी तो वे सहम गए और चुपचाप बस पैदल चलते रहे। मुझे नहीं पता कि उनके दिमाग में क्या चल रहा था। वे क्या सोच रहे थे। शायद उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि उनका घर, शहर तबाह हो चुका है।
बंकर के अंदर जिंदगी
टेटियाना ने कहा- बंकर में छुपे लोग सिर्फ सर्वाइवल के बारे में सोच रहे थे। हमें दो वक्त की रोटी मिल जाए इतना ही काफी था। भोजन-पानी का इंतजाम करना कठिन जरूर था, लेकिन नामुमकिन नहीं। बमबारी से ज्यादा हमें भूख से मारने वाली बात सता रही थी। किसी तरह हम बच्चों के लिए कुछ किताबें लाए जिससे उनका ध्यान बमबारी की तरफ न जाए। 10 साल की एना ने बहादुरी दिखाते हुए कहा- जब बम गिरे तो हमें ज्यादा डर नहीं लगा। हम सभी बच्चे अंदर खेल रहे थे, लेकिन जब बिल्डिंग टूटने लगी तो सांस लेने में परेशानी होने लगी थी।
मुश्किल हालात के आगे नहीं झुके
येवगेन ने कहा- हम 5 दिन और 4 रात पैदल चले। इस दौरान कई रशियन चेक प्वाइंट आए जहां हमें रोका गया। हमारे मन में बस यही थी कि हमें बच्चों को सुरक्षित रखना है। रूसी सैनिकों ने हमसे कई सवाल किए, लेकिन हमें जाने दिया। 125 किलोमीटर पैदल चलने के बाद हमें मदद मिली। जपोरिजिया के पास एक व्यक्ति ने हमें लिफ्ट दी।
यह परिवार यूक्रेन में ही रहना चाहता है। उनका कहना है कि यूक्रेन उनका घर है और वे अपना पूरा जीवन यहां गुजारना चाहते हैं। साथ ही चाहते हैं कि जंग जल्द खत्म हो जाए और सभी लोग नॉर्मल लाइफ जी सकें।
मारियुपोल के हाल तो बदतर
रूस-यूक्रेन जंग जारी है। कई यूक्रेनी शहर खंडहर में तब्दील हो गए हैं। मारियुपोल के हाल तो बदतर हो गए हैं। ये शहर 90 फीसदी तबाह हो गया है। रूसी सेना ने दावा किया कि उसने यूक्रेन के सबसे बड़े बंदरगाह शहर मारियुपोल पर कब्जा कर लिया है। राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने भी मारियुपोल शहर पर जीत की घोषणा की। उन्होंने कहा कि हमने शहर को आजाद कर दिया है। इसी बीच यूक्रेन ने दावा किया है कि रूस ने आम नागरिकों को दफन करने कब्र खोदी हैं। यूक्रेन के अधिकारियों ने कहा कि मारियुपोल शहर के ठीक बाहर 200 सामूहिक कब्र बनाई गई है।
रूसी सेना पर अपराध छुपाने के आरोप
मारियुपोल के मेयर वदयम बोयचेंको ने आरोप लगाया कि रूसी सेना मानहूश में अपनी सेना के अपराधों को छिपा रही है। मेयर के सलाहकार पेट्रो ने कहा है कि लंबी तलाश के बाद पता चला है कि मानहूश में रूसी सेना ने मारियुपोल में मारे गए लोगों की लाशों को दफन किया है। वहीं, स्थानीय लोगों का दावा है कि रूस ने मारियुपोल पर कब्जा करते समय 9 हजार आम नागरिकों की हत्या की है और उन्हें इन्हीं सामूहिक कब्रों में दफनाया गया है।
मारियुपोल से 19 किलोमीटर दूर दफन की लाशें
पेट्रो ने बताया कि रूसी सेना ने मानहूश में सामूहिक कब्रों को खोदा है। यह शहर मारियुपोल से 19 किलोमीटर दूर पश्चिम में है। उन्होंने कहा कि रूस के ट्रक लाशों को लेकर गए और सीधे कब्रों में डंप कर दिया। यूक्रेन के अधिकारियों का दावा है कि मारियुपोल में रूसी सेना की बमबारी से सड़कों पर ही 20 हजार लोग मारे गए हैं। इसमें महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग शामिल हैं।
अजोवस्टल प्लांट में फंसे यूक्रेनी सैनिक और नागरिक
न्यूज एजेंसी AFP ने रूस के रक्षा मंत्रालय के हवाले से कहा कि सिर्फ अजोवस्टल प्लांट को छोड़कर पूरे मारियुपोल पर रूसी सेना ने कब्जा कर लिया है। हालांकि प्लांट रूसी सैनिकों से घिरा हुआ है। यहां यूक्रेनी सैनिक और नागरिक फंसे हुए हैं। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा- सैकड़ों नागरिक, बच्चे, घायल यूक्रेनी सैनिक प्लांट में शेल्टर लिए हुए हैं। वे यहां फंस गए हैं। उनके पास भोजन, पानी, आवश्यक दवा नहीं है।
प्लांट में फंसे लोगों को मारना चाहते हैं पुतिन
यूक्रेनी विदेश मंत्रालय ने कहा- लोगों की सुरक्षा की गारंटी के साथ अजोवस्टल प्लांट से एक ह्यूमन कॉरिडोर की आवश्यकता है। लेकिन पुतिन ने प्लांट के सभी रास्तों को बंद करने के निर्देश दिए हैं। वे यहां फंसे लोगों को भूखे-प्यासे मारना चाहते हैं। वे लोगों को दर्दनाक मौत देना चाहते हैं।