Maharashtra Politcal Crisis: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के समूह ने एक विस्फोटक खुलासे में दावा किया है कि पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे भारतीय जनता पार्टी के साथ समझौता करने और गठबंधन करने के इच्छुक थे।
शिवसेना सांसद राहुल शेवाले ने कहा, "उद्धव ठाकरे भाजपा के साथ फिर से जुड़ने के इच्छुक थे, लेकिन अपनी बात से मुकर गए।उन्होंने कहा, "हमने ठाकरे से उपराष्ट्रपति पद के लिए मार्गरेट अल्वा का समर्थन नहीं करने के लिए भी कहा था, लेकिन हमारे विचारों को नजरअंदाज कर दिया गया।
बता दे कि,,''शिवसेना (उद्धव ठाकरे) की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 20 जुलाई को सुनवाई करेगा। भारत के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की एक बैंच बुधवार को शिवसेना के बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करेगी|
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से पहले लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मंगलवार को शिवसेना के शिंदे गुट की सदन के नेता को बदलने की मांग को स्वीकार कर लिया है। अब सदन में शिवसेना के नेता राहुल शेवाले होंगे। जबकि भावना गवली को मुख्य सचेतक के रूप में बरकरार रखा गया है|
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उद्धव ठाकरे खेमे द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल याचिका पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को कहा,''हमें अपनी न्यायपालिका पर अटूट विश्वास और भरोसा है। लोकतंत्र में बहुमत (विधानसभा में) का महत्व होता है। हमने सभी नियमों का पालन किया है|
विदित हो कि, महाराष्ट्र में ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को एकनाथ शिंदे की अगुवाई में विधायकों की बगावत का सामना करना पड़ा। पार्टी के अधिकतर विधायकों ने शिंदे का पक्ष लिया, जिससे महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार गिर गई। ठाकरे ने 29 जून को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और उसके एक दिन बाद 30 जून को शिंदे ने राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली| भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी|
गैरकानूनी है फडणवीस-शिंदे सरकार
शिंदे-फडणवीस सरकार के भविष्य का फैसला ने पिछले सोमवार 11 तारीख को सर्वोच्च न्यायालय में होना था, परंतु फैसला आगे के लिए टाल दिया गया था| सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई को महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष से शिवसेना के विधायकों को अयोग्य ठहराने को लेकर कोई फैसला नहीं करने को कहा था|