कोलकाता: पश्चिम बंगाल के बीरभूम के रामपुरहाट में में बीते दिनों भड़की हिंसा का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ है कि क्षेत्र में 40 देसी बम बरामद होने से सनसनी फैल गई है। बीरभूम जिले के रामपुरहाट के मारग्राम में 40 देसी बम बरामद हुए। कच्चे बमों को 4 बाल्टियों में छिपाकर एक निर्माणाधीन घर के पिछले हिस्से में रखा गया था।
बीरभूम के पुलिस अधीक्षक (SP) नागेंद्र नाथ त्रिपाठी ने कहा,' बीरभूम जिले के रामपुरहाट के मारग्राम में 40 देसी बम बरामद हुए। कच्चे बमों को 4 बाल्टियों में छिपाकर एक निर्माणाधीन घर के पिछले हिस्से में रखा गया था। मामले में जांच शुरू कर दी गई है|
बता दें कि 22 मार्च को बीरभूम में घरों में आग लगने से आठ लोगों की मौत हो गई थी। यह घटना एक दिन पहले टीएमसी नेता की हत्या के बाद हुई थी। मरने वालों में तीन महिलाएं और दो बच्चे शामिल थे।
मरने वालों के नाम
जहाँआरा ( 38 साल )
लिली खातून ( 18 साल)
शेली बीवी ( 32 साल)
नूरनेहर बीवी ( 52 )
रूपाली बीवी ( 39)
क़ाज़ी रहमान ( 22)
तुली खातून ( 7)
मीना बीवी ( 40)
गौरतलब है कि गौरतलब है कि बीरभूम जिले के रामपुरहाट कस्बे के पास बोगतुई गांव में मंगलवार को तड़के कुछ घरों में कथित तौर पर आग लगा देने से दो बच्चों सहित आठ लोगों की झुलसकर मौत हो गई थी| सोमवार को,बीरभूम के रामपुरहाट में तृणमूल नेता की हत्या के बाद कथित रूप से भीड़ द्वारा घरों में आग लगाने से 8 लोगों की मृत्यु हो गई थी|
इसके बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार बोगतुई गांव का दौरा किया था| यहां उन्होंने पीड़ित परिवार के सदस्यों को सरकारी नौकरी देने का वादा किया| सीएम ने पीड़ित परिवारों को पांच-पांच लाख रुपये देने और क्षतिग्रस्त मकानों के पुनर्निर्माण के लिए दो-दो लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा भी की| उन्होंने कहा कि घायलों को 50-50 हजार रुपये दिए जाएंगे|
CM ममता बनर्जी ने कहा था,''प्रशासन की तरफ से बड़ी लापरवाही हुई है, TMC नेता की हत्या के बाद पुलिस को अलर्ट होना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जो भी इसके पीछे है उन्हें सख्त सज़ा मिलेगी। मृतक के परिवार को 5 लाख, जिनके घर जले है उन्हें 2 लाख रूपए और घर चलाने के लिए 10 लोगों को नौकरी दी जाएगी|
बंगाल सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था। लेकिन कलकत्ता उच्च न्यायलय के आदेश के बाद मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी गई। इसके बाद पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) अखिलेश सिंह के नेतृत्व में सीबीआई की 15 सदस्यीय टीम शनिवार को बीरभूम हिंसा की जांच के लिए पश्चिम बंगाल के रामपुरहाट गांव पहुंची। टीम में नई दिल्ली के केंद्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला (सीएफएसएल) के विशेषज्ञ भी शामिल थे|
अधिकारियों के मुताबिक, धारा 302 (हत्या), 326 (खतरनाक हथियारों पर हमला), 435 (आग से संपत्ति को नुकसान), 436 (आग से घर को नष्ट करना), 449 (अपराध करने के लिए घर-अतिचार) और अन्य भारतीय दंड संहिता के तहत मामला दर्ज किया गया।