नई दिल्ली: उद्धव ठाकरे खेमे द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में दाखिल याचिका पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा,''हमें अपनी न्यायपालिका पर अटूट विश्वास और भरोसा है। लोकतंत्र में बहुमत (विधानसभा में) का महत्व होता है। हमने सभी नियमों का पालन किया है|
दिल्ली पहुँचने पर शिंदे ने कहा,''मैं OBC आरक्षण पर चर्चा करने के लिए दिल्ली आया हूं क्योंकि महाराष्ट्र सरकार OBC को न्याय दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है। यह राज्य के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है। हमने OBC आरक्षण मामले की तैयारी पर वकीलों के साथ चर्चा की है|
महाराष्ट्र के CM के दिल्ली दौरे पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा," महाराष्ट्र में बाढ़ की स्थिति गंभीर है, लोगों की मृत्यु हो रही है। लेकिन CM दिल्ली में महाराष्ट्र की सरकार बचाने के लिए आए हैं, वे चुनाव आयोग जाएंगे और भी कहीं जाएंगे। वे अब BJP के CM हैं वे शिवसेना के CM नहीं है|
गौरतलब है कि, शिवसेना की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 20 जुलाई को सुनवाई करेगा। भारत के मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की एक बैंच बुधवार को शिवसेना के बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करेगी|
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शिंदे-फडणवीस सरकार के भविष्य का फैसला ने पिछले सोमवार 11 तारीख को सर्वोच्च न्यायालय में होना था, परंतु फैसला आगे के लिए टाल दिया गया था| सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई को महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष से शिवसेना के विधायकों को अयोग्य ठहराने को लेकर कोई फैसला नहीं करने को कहा था|
गैरकानूनी है फडणवीस-शिंदे सरकार
सर्वोच्च न्यायालय में याचिका: उद्धव ठाकरे गुट की ओर से दायर की गई याचिकाएं
●Govt के विरोध में बगावत करने वाले 16 विधायकों की अपात्रता की नोटिस को शिंदे गुट की चुनौती।
●एकनाथ शिंदे सरकार की स्थापना को लेकर निमंत्रण देनेवाले राज्यपाल के निर्णय को शिवसेना की चुनौती।
●विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव की अनुमति देनेवाले राज्यपाल के निर्णय के विरोध में याचिका।
●राज्यपाल द्वारा शिंदे सरकार बहुमत पेशी को लेकर दिए गए निर्देश के खिलाफ शिवसेना की चुनौती।
●एकनाथ शिंदे द्वारा विधान मंडल में गट नेता रहते हुए चौधरी की नियुक्ति के खिलाफ याचिका।
●एकनाथ शिंदे को गुट नेता और भरत गोगावले को प्रतोद पर नियुक्ति को मान्यता दिए जाने के निर्णय के खिलाफ शिवसेना की याचिका।