लखीमपुर खीरी: लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा ने रविवार को कोर्ट के सामने सरेंडर कर दिया। केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा टेनी के बेटे आशीष को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में लखीमपुर खीरी जेल भेज दिया गया है। 18 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने आशीष की जमानत रद्द करते हुए उसे एक सप्ताह में सरेंडर के लिए कहा था। आशीष ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए समय से एक दिन पहले रिमांड मजिस्ट्रेट के सामने सरेंडर किया है।
किसान पक्ष के वकील ने बताया कि वर्किंग डे की भीड़ से बचने के लिए छुट्टी का दिन चुना जाता है। यह एक सामान्य प्रक्रिया है। एक दिन या एक दिन बाद सरेंडर करने से केस पर कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है। 26 अप्रैल को जिला अदालत में आरोप तय होने हैं।
आशीष मिश्रा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के पुत्र हैं| आशीष मिश्रा ने मोहलत खत्म होने के पहले ही सीजेएम कोर्ट में सरेंडर किया, जहां से उन्हें लखीमपुर खीरी की जेल में भेज दिया गया है| पुलिस की गाड़ी में कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें पिछले दरवाजे से जेल ले जाया गया|
पिछले साल 3 अक्टूबर 2021 में किसान आंदोलन के दौरान लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचलने की घटना हुई थी| इसमें केंद्रीय मंत्री के पुत्र पर हत्या समेत कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के साथ जेल भेज दिया गया था| आशीष मिश्रा को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फरवरी 2022 में जमानत दी थी, जिसको लेकर तमाम सवाल भी उठे थे| सुप्रीम कोर्ट ने 18 अप्रैल को केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा की बेल रद्द कर दी गई थी|
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला रद्द करते हुए कहा था कि पीड़ितों को हर स्तर पर सुनवाई का अधिकार है| इस केस में पीड़िता को सुनवाई के अधिकार से वंचित किया गया है| हाईकोर्ट ने कई अप्रासंगिक तथ्यों और अनदेखे उदाहरणों को ध्यान में रखकर फैसला दिया था| कोर्ट ने आदेश दिया कि एक हफ्ते में आशीष मिश्रा सरेंडर करें|
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा था कि आशीष मिश्रा की जमानत अर्जी पर हाईकोर्ट नए सिरे से विचार करे| पीड़ितों के वकील दुष्यंत दवे ने गुजारिश की थी कि हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को सुप्रीम कोर्ट निर्देश दे कि इस बार किसी अन्य पीठ के सामने ये मामला जाए| सीजेआई ने कहा कि ऐसा आदेश पारित करना उचित नहीं होगा| हमें यकीन है कि वही जज दोबारा इस मामले को सुनना भी नहीं चाहेंगे|
उल्लेखनीय है कि आशीष मिश्रा की जमानत को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार और आरोपी को नोटिस जारी किया था| कोर्ट ने जवाब मांगा था कि आशीष मिश्रा की बेल कैंसल क्यों न की जाए| सुप्रीम कोर्ट ने गवाहों पर हमले के मुद्दे पर भी चिंता जताई थी| सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार को नोटिस जारी कर गवाहों की सुरक्षा के मुद्दे पर विस्तृत जवाब मांगा था| अदालत ने यूपी सरकार को सभी गवाहों की सुरक्षा का निर्देश दिया था| याचिकाकर्ता के वकील प्रशांत भूषण ने कोर्ट को बताया था कि आशीष मिश्रा को जमानत के बाद एक प्रमुख गवाह पर बेरहमी से हमला किया गया था| हमलावरों ने धमकी दी थी कि अब जब बीजेपी यूपी चुनाव जीत गई है तो वे उसका " ख्याल" रखेंगे|