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लोकसभा में केंद्रीय मंत्री टेनी ने पेश किया 'क्रिमिनल प्रोसीजर शिनाख्त बिल, कहा- आपराधियों का अपराध करने का ट्रेंड बढ़ा, इसलिए इस बिल को...

  • by: news desk
  • 28 March, 2022
लोकसभा में  केंद्रीय मंत्री टेनी ने पेश किया 'क्रिमिनल प्रोसीजर शिनाख्त बिल, कहा- आपराधियों का अपराध करने का ट्रेंड बढ़ा, इसलिए इस बिल को...

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने आज लोकसभा में आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक, 2022 पेश किया। इसमें किसी अपराध के मामले में गिरफ्तार और दोषसिद्ध अपराधियों का रिकॉर्ड रखने के लिये अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी के उपयोग की अनुमति देने का प्रस्ताव किया गया है। लोकसभा में  केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने कहा,''आपराधियों को और अपराध करने का जो ट्रेंड बढ़ा है इसलिए हम दण्ड प्रक्रिया शिनाख्त अधिनियम 2022 लेकर आए हैं| 



लोकसभा में विधेयक को पेश करते हुए टेनी ने कहा,''मौजूदा बन्दी शिनाख्त अधिनियम साल 1920 में बना था और उसमें केवल फिंगर और फुट प्रिंट लिया जाता था। दुनिया में बहुत से चीज़ें बदली हैं,आपराधियों को और अपराध करने का जो ट्रेंड बढ़ा है इसलिए हम दण्ड प्रक्रिया शिनाख्त अधिनियम 2022 लेकर आए हैं| 



 लोकसभा में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने कहा,''इससे हमारे जांच एजेंसियों को फायदा होगा और प्रॉसिक्यूशन बढ़ेगा। प्रॉसिक्यूशन के साथ-साथ कोर्ट में दोषसिद्धि की प्रतिशत भी बढ़ने की पूरी संभावनाएं हैं|



केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने कहा,''मैं अधीर रंजन चौधरी को बताना चाहता हूं कि मैंने 2019 में लोकसभा का पर्चा भरा है, अगर मेरे विरुद्ध एक भी केस हो और एक मिनट के लिए भी मैं थाने और जेल में गया हूं तो मैं अभी राजनीति से सन्यास ले लूंगा|


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क्या है आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक

इस विधेयक के माध्यम से कैदियों की पहचान संबंधी कानून में संशोधन का प्रस्ताव किया गया है। औपनिवेशिक ब्रिटिश काल के वर्तमान कानून में उन दोष सिद्ध अपराधियों और अपराध के मामले में गिरफ्तार लोगों के शरीर के सीमित स्तर पर माप की अनुमति दी गई है जिसमें एक वर्ष या उससे अधिक सश्रम कारावास का प्रावधान होता है। 


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इस विधेयक में दोषियों और अपराध के मामले में गिरफ्तार लोगों का विभिन्न प्रकार का ब्यौरा एकत्र करने की अनुमति देने की बात कही गई है जिसमें अंगुली एवं हथेली की छाप या प्रिंट, पैरों की छाप, फोटो, आंखों की पुतली, रेटिना और लिखावट के नमूने आदि शामिल हैं। सरकार का मानना है कि अधिक से अधिक ब्यौरा मिलने से दोष सिद्धि दर में वृद्धि होगी और जांचकर्ताओं को अपराधियों को पकड़ने में सुविधा होगी।


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