नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को 2021 लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को आठ सप्ताह की अंतरिम जमानत दे दी। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पीठ ने निर्देश दिया कि आशीष अंतरिम जमानत अवधि के दौरान न तो उत्तर प्रदेश में रहेंगे और न ही दिल्ली में। अदालत ने यह भी कहा कि वह मामले में मुकदमे की निगरानी करेगी।
3 अक्टूबर, 2021 को, लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया में आठ लोग मारे गए थे, जहां किसान उत्तर प्रदेश के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के क्षेत्र के दौरे का विरोध कर रहे थे। हिंसा में एक पत्रकार की भी मौत हो गई थी|
उत्तर प्रदेश पुलिस के अनुसार, किसानों को एसयूवी ने कुचल दिया, जिसमें आशीष मिश्रा बैठे थे। इस घटना के बाद गुस्साए किसानों ने कथित तौर पर आशीष मिश्रा की एसयूवी को आग के हवाले कर दिया था| हिंसा में 4 किसान, एक पत्रकार, एक ड्राइवर और दो बीजेपी कार्यकर्ता मारे गए थे|
सुप्रीम कोर्ट ने 19 जनवरी 2023 को आशीष मिश्रा की अंतरिम जमानत की अर्जी पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था | बुधवार, 25 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट ने 2021 के लखीमपुर खीरी में किसानों की मौत के मामले में आरोपी केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत याचिका पर अपना फैसला सुनाया है| सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा को 8 हफ्ते के लिए अंतरिम जमानत दे दी है|
सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा को अंतरिम जमानत देते हुए कहा कि अगर गवाहों को धमकाया गया, तो बेल केंसिल कर दी जाएगी| अगर यह पाया जाता है कि मिश्रा ट्रायल में देरी करने की कोशिश कर रहे हैं, तो यह उनकी जमानत रद्द करने का एक वैध आधार होगा| आशीष मिश्रा कोर्ट को अपनी लोकेशन के बारे में बताएंगे|
आशीष मिश्रा या उनके के परिवार के सदस्य द्वारा गवाह को प्रभावित करने के किसी भी प्रयास से जमानत रद्द हो जाएगी| आशीष मिश्रा ट्रायल मे भाग लेने को छोड़कर यूपी नहीं जाएंगे| साथ ही उनको अपने स्थान के अधिकार क्षेत्र के थाने में हाजिरी लगानी होगी| सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट जल्द सुनवाई पूरी करने को कहा है| 14 मार्च को मामले की अगली सुनवाई होगी| आशीष मिश्रा की जमानत आगे बढ़ाई जाए या नहीं ये सुप्रीम कोर्ट 8 हफ्ते बाद तय करेगा|
लखीमपुर खीरी में क्या हुआ था ?
जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर नेपाल की सीमा से सटे तिकुनिया गांव में 3 अक्टूबर 2021 की दोपहर करीब तीन बजे किसान भारी मात्रा में प्रदर्शन कर रहे थे, तभी अचानक से तीन गाड़ियां (थार जीप, फॉर्च्यूनर और स्कॉर्पियो) किसानों को रौंदते चली गईं। घटना से आक्रोशित किसानों ने जमकर हंगामा किया। इस हिंसा में कुल 8 लोगों की मौत हो गई। इसमें 4 किसान, एक स्थानीय पत्रकार, दो भाजपा कार्यकर्ता शामिल थे|
'सोची समझी साजिश' के तहत किसानों को गाड़ी से कुचला गया था: SIT
लखीमपुर खीरी के मामले में जांच कर रही एसआईटी की टीम ने 14 दिसंबर, 2021 को बड़ा खुलासा किया था| लखीमपुर खीरी मामले में किसानों पर गाड़ी चढ़ाना एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा थी| स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम (SIT) ने यह बात कही थी| लखीमपुर हिंसा को SIT ने सोची समझी साजिश बताया था।
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच कर रही टीम का कहना था कि यह घटना एक "पूर्व नियोजित साजिश" थी, जिसमें 8 लोगों की मौत हुई और कई लोग घायल हुए।
आशीष मिश्र को मुख्य आरोपी बनाते हुए एसआईटी ने दाखिल की थी 5000 पन्नों की चार्जशीट
तीन अक्तूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया गांव में हुई हिंसा मामले में एसआईटी ने तीन महीने के अंदर सीजेएम अदालत में तीन जनवरी 2022 को 5000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें आशीष मिश्र को मुख्य आरोपी बनाते हुए 13 आरोपियों को मुल्जिम बताया था। इन सभी के खिलाफ सोची समझी साजिश के तहत हत्या, हत्या का प्रयास, अंग भंग की धाराओं समेत आर्म्स एक्ट के तहत कार्रवाई की गई थी।
https://www.thevirallines.net/india-news-sc-cancels-bail-granted-to-ashish-mishra-son-of-union-minister-ajay-mishra-in-lakhimpur-kheri-violence-case