नई दिल्ली: कृषि कानूनों के रद्दे होने पर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा,''आज सरकार को तीनों कृषि क़ानून वापस लेने पड़े हैं, राजनीति की वजह से यह वापस लिए गए हैं लेकिन मैं इसका स्वागत करता हूं। पंजाब और उत्तर प्रदेश के चुनाव में हार के डर की वजह से यह क़ानून वापस लिए हैं। सरकार के ऊपर दबाव था आखिर में किसानों की जीत हुई|
कृषि कानून वापस लेने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐलान के बाद महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने कहा,''आज से तीनों कृषि क़ानून इस देश में नहीं रहेंगे। एक बड़ा संदेश देश में गया है कि देश एकजुट हो तो कोई भी फैसला बदला जा सकता है। चुनाव में हार के डर से प्रधानमंत्री ने तीनों कृषि क़ानूनों का वापस लिया है। किसानों की जीत देशवासीयों की जीत है|
कृषि कानूनों के रद्दे होने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा,'''' अंत में सत्य और न्याय की जीत हुई है। एक साल के लंबे संघर्ष, विरोध बहुत दर्द, पीड़ा और सैकड़ों लोगों की जान गंवाने के बाद ही सही, सरकार को 3 काले कानून वापिस लेने पड़े।सरकार को यह समझ जाना चाहिए कि संसदीय प्रथाओं और व्यवस्थाओं को दरकिनार करते हुए जल्दबाजी में महत्वपूर्ण कानून बनाने का परिणाम टकराव और संघर्ष होता है। सरकार को हठधर्मिता छोड़, आम सहमति बनाने के लिए सभी महत्वपूर्ण विधेयकों को संसदीय स्थायी या चयन समितियों के पास भेजना चाहिए।
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