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अगर एक साल पहले यह फैसला लिया जाता तो 700+ किसानों की जान बचाई जा सकती थी: कृषि क़ानून रद्द होने पर मल्लिकार्जुन खड़गे

  • by: news desk
  • 19 November, 2021
अगर एक साल पहले यह फैसला लिया जाता तो 700+ किसानों की जान बचाई जा सकती थी: कृषि क़ानून रद्द होने पर मल्लिकार्जुन खड़गे

नई दिल्ली:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज देश के नाम संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का एलान कर दिया है| पीएम मोदी ने कहा कि आज मैं सभी को बताना चाहता हूं कि हमने तीनों कृषि कानून को निरस्त करने का फ़ैसला किया है|



कृषि क़ानून रद्द होने पर कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा,''700 से ज़्यादा किसानों की मौत के बाद अगर ये सरकार कृषि क़ानून वापस लेती है तो इससे पता चलता है कि यह सरकार किसानों के बारे में कितना सोचती है। साल भर से जो किसान और आम जनता का नुकसान हुआ है इसकी ज़िम्मेदारी कौन लेगा? इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे|




खड़गे ने कहा,'संकल्प और सत्याग्रह से क्या हासिल नहीं हो सकता?..पीएम मोदी द्वारा कृषि कानूनों को निरस्त करना किसानों और भारत के लोगों के लिए बहुत बड़ी जीत है। अगर एक साल पहले यह फैसला लिया जाता तो इतने किसानों की जान बचाई जा सकती थी। पीएम मोदी को उनकी पीड़ा के लिए माफी मांगनी चाहिए।



मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा,''''मैं श्री राहुल गांधी को सितंबर 2020 से इन कानूनों पर अपने दृढ़ रुख के लिए बधाई देता हूं। भाजपा और मीडिया के कुछ वर्ग उन पर हमले करते रहे, लेकिन वे कभी डगमगाए नहीं। यह जीत उन सभी किसानों को समर्पित होनी चाहिए जिन्होंने अपने प्राण न्यौछावर कर दिए। भारत उनके बलिदान को हमेशा याद रखेगा।



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कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा,'''' अंत में सत्य और न्याय की जीत हुई है। एक साल के लंबे संघर्ष, विरोध बहुत दर्द, पीड़ा और सैकड़ों लोगों की जान गंवाने के बाद ही सही, सरकार को 3 काले कानून वापिस लेने पड़े।सरकार को यह समझ जाना चाहिए कि संसदीय प्रथाओं और व्यवस्थाओं को दरकिनार करते हुए जल्दबाजी में महत्वपूर्ण कानून बनाने का परिणाम टकराव और संघर्ष होता है। सरकार को हठधर्मिता छोड़, आम सहमति बनाने के लिए सभी महत्वपूर्ण विधेयकों को संसदीय स्थायी या चयन समितियों के पास भेजना चाहिए।



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तीनों कृषि क़ानून रद्द होने पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा,' किसानों की बहुत बड़ी जीत है। मैं किसानों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। उनके संघर्ष को सलाम करता हूं। सरकार ने यह फ़ैसला उत्तर प्रदेश चुनाव को ध्यान में रखते हुए लिया है:  जयपुर



कृषि कानून वापस लेने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐलान के बाद महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक ने कहा,''आज से तीनों कृषि क़ानून इस देश में नहीं रहेंगे। एक बड़ा संदेश देश में गया है कि देश एकजुट हो तो कोई भी फैसला बदला जा सकता है। चुनाव में हार के डर से प्रधानमंत्री ने तीनों कृषि क़ानूनों का वापस लिया है। किसानों की जीत देशवासीयों की जीत है| 




शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा,''आज सरकार को तीनों कृषि क़ानून वापस लेने पड़े हैं, राजनीति की वजह से यह वापस लिए गए हैं लेकिन मैं इसका स्वागत करता हूं। पंजाब और उत्तर प्रदेश के चुनाव में हार के डर की वजह से यह क़ानून वापस लिए हैं। सरकार के ऊपर दबाव था आखिर में किसानों की जीत हुई|



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कृषि क़ानून रद्द होने पर दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा,''सरकार को उन तमाम किसान परिवारों से माफी मांगनी चाहिए जिन्होंने इस आंदोलन की वजह से अपनी जान गंवाई। भाजपा के यही लोग थे जिन्होंने किसानों को आतंकवादी बताया था। सरकार का किसानों के साथ एक साल तक ऐसा व्यवहार करना गलत था|




दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल ने कहा,''आज का दिन भारतीय इतिहास में 26 जनवरी और 15 अगस्त की तरह लिखा जाएगा। केंद्र सरकार को किसानों के संघर्ष के आगे झुकना पड़ा और तीनों काले क़ानून वापस लेने पड़े। आज किसानों ने सभी सरकारों को बता दिया कि जनतंत्र में सरकारों को हमेशा जनता की बात सुननी पड़ेगी|



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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा,''देश के किसान जीते हैं और नरेंद्र मोदी का अंहकार हारा है। भाजपा नेताओं द्वारा किसानों को कभी ठग, अंहकारी, कभी चीनी, पाकिस्तानी समर्थक क्या-क्या उनके लिए नहीं कहा गया।प्रधानमंत्री और भाजपा नेताओं को देश और किसानों से माफी मांगनी चाहिए|



भूपेश बघेल ने कहा,गांधीवादी आंदोलन ने एक बार फिर अपनी ताक़त दिखाई है। केंद्र सरकार को तीन काले क़ानूनों को वापस लेने पर बाध्य करने के लिए देश के‌ किसानों को बधाई। यह किसानों की ही नहीं, अन्याय के खिलाफ लोकतंत्र की जीत है|



छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा,''एक अंग्रेज़ पत्रकार ने महात्मा गांधी के बारे में कहा था कि इतिहास में कोई एक व्यक्ति इतनी बार सही साबित नहीं हुआ। उसी नैतिक विरासत ने राहुल गांधी जी को वह नज़र दी है जिससे वे दूर तक देख पा रहे हैं। कोरोना, लॉकडाउन, मंदी से लेकर चीन और किसान कानून तक हर बार वे सही साबित हुए|




कृषि क़ानून रद्द होने पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा,''आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतज़ार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा। सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें|




राकेश टिकैत ने कहा,'जब तक तीनों कृषि क़ानून संसद में वापस नहीं होते हैं तब तक किसान वहीं पर है। यह किसानों की जीत है। इस जीत का श्रेय उन 700 किसानों को जाता है, जिनकी एक साल के अंदर मृत्यु हुई। यह संघर्ष और लंबा चलेगा और जारी रहेगा| टिकैत ने कहा,'वह संसद में जाएं और जो भी कार्यवाही है (कृषि क़ानून वापस लेने की) उसको पूरा करें। आज संयुक्त किसान मौर्चा की बैठक है, उसमें सारी चीज़ें तय होगीं। हमारी एक कमेटी बनेगी जो अलग-अलग मुद्दों पर भारत सरकार से बात करेगी|





AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा,'सरकार ने कृषि क़ानूनों को रद्द करने का फ़ैसला देरी से लिया है। यह किसान आंदोलन और किसानों की सफलता है। चुनाव में जाना था इसलिए केंद्र सरकार ने यह फ़ैसला लिया है। वह दिन भी दूर नहीं है, जब मोदी सरकार CAA का क़ानून भी वापस लेगी




पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा,'खुशी की बात है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो कृषि क़ानून किसानों के ख़िलाफ़ थे, उन्हें वापस लिया है और माफी भी किसानों से मांगी है। इसके लिए मैं प्रधानमंत्री और गृह मंत्री का धन्यवाद करता हूं। इससे ज़्यादा कोई कुछ नहीं कर सकता|



किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा,''हम प्रधानमंत्री के निर्णय का स्वागत करते हैं लेकिन इसका श्रेय किसान संगठन, किसान आंदोलन और संयुक्त किसान मोर्चा को जाता है। मैं किसानों को बधाई देता हूं। हमारा संघर्ष जारी रहेगा। एक दो-दिन में हम संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक बुलाएंगे उसमें फ़ैसला लेंगे|




कृषि क़ानूनों के रद्द होने पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा,''देर से ही सही पर दुरस्त आए हैं। प्रधानमंत्री का आभार है और किसानों को बधाई है। यह किसानों के संघर्ष के कारण हुआ है। बाकी बातें भी हैं, बैठकर उसका भी समाधान निकालना चाहिए|



पंजाब उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा,''पीएम मोदी की सरकार आज तक कहती रही कि तीनों कृषि कानूनों किसानों के लिए अच्छा है, अगर ये बहुत ही अच्छा था तो ये कानून आज क्यों वापस लिया गया? पहले उन्हें इसका जवाब देना चाहिए। क्या ये चुनाव की वजह से वापस लिया गया है? या और कोई मज़बूरी है|



कृषि कानूनों के रद्दे होने पर पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा,''एक नया अध्याय शुरू होने वाला है इस जीत का श्रेय कोई भी लेने की कोशिश न करें क्योंकि इस जीत का सारा श्रेय संयुक्त किसान मोर्चा के सत्याग्रह को जाता है। उन्हें बहुत बदनाम करने की कोशिश की गई लेकिन वो डटे रहे|



 3 कृषि कानूनों के रद्द होने पर कांग्रेस सांसद जसबीर सिंह गिल ने कहा,''ये एक अच्छा फैसला है ये किसानों की ही नहीं बल्कि मानवता और देश की जीत है, अगर यही करना था तो एक साल लोगों को क्यों इतना तड़पाया? क्यों लोगों को तप्ती गर्मी और ठंड में घर से बेघर किया?




 हरियाणा CM मनोहर लाल खट्टर ने कहा,''जो कृषि कानून बिल पास किया गया था वो किसानों के हित में था लेकिन कुछ किसान नेताओं ने ऐतराज जताया इसलिए आज पीएम मोदी ने बड़े हृदय से उन कानूनों को वापस लिया है और जैसे ही लोकसभा का सत्र शुरू होगा वैसे ही इसे विधिवत तौर पर संसद में रखकर वापस लिया जाएगा| हमने किसानों से अपील की कि वो अपने धरने को समाप्त कर बॉर्डर को खाली कर दें। जहां तक MSP की बात है तो इसके लिए भी PM ने पहल करके कहा है कि एक कमेटी बनाई जाएगी और इस कमेटी में केंद्र और प्रदेश सरकार के लोग, कृषि वैज्ञानिक आदि लोग इस पर सार्थक निर्णय लेंगे|



3 कृषि कानूनों के रद्द होने पर शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा,'आज प्रकाश पर्व पर परमात्मा की बड़ी कृपा बरसी कि आज किसानों का संघर्ष  सफल हुआ है मैं इसके लिए उन्हें बधाई देता हूं| शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने कहा,'इन तीन काले कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ 1.5 साल की लड़ाई के बाद किसानों को जीत मिली है। आज उन 800 किसानों को याद करने का दिन है जिन्होंने इन क़ानूनों की वापसी के लिए अपनी जान गवाई। हम उनके बलिदान को कभी नहीं भूल पाएंगे|




3 कृषि कानूनों के रद्द होने पर राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा,'देश की जनता सब समझ रही है कि ये सब वोट लेने के लिए किया जा रहा है, आने वाले चुनाव में सभी जनता इनके ख़िलाफ़ वोट देगी|



 बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा,'पीएम मोदी ने आज तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है और उन्होंने बहुत स्पष्टता के साथ अपनी बातें रखीं और बाकी जिसे बोलने का मन है वो बोलते रहें, सबको अपनी बात बोलने का अधिकार है तो वो बोलते हैं| बिहार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा,'ये तीनों कृषि क़ानून किसानों के व्यापक हित में हैं। मेरी प्रधानमंत्री जी से और भारत सरकार से विनम्र प्रार्थना है कि इस क़ानून पर आगे भी चर्चा हो, इसपर आगे भी बात बढ़े और इस क़ानून को पुनर्जीवन मिले|



मथुरा में भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने कहा,'''ये जो कानून था वो किसानों के लिए बहुत अच्छा था लेकिन कुछ किसान लोग नहीं चाह रहे थे इसलिए केंद्र की सरकार ने आज तीनों कानूनों को रद्द किया है। हमारी पार्टी हमेशा किसानों के लिए समर्पित है|





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