नई दिल्ली: अडानी समूह द्वारा आम जनता के साथ की गई धोखाधड़ी और इस पूरे मामले में मूकदर्शक बनी मोदी सरकार के खिलाफ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने आगामी 6 फरवरी को देशव्यापी जिला स्तरीय विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। कांग्रेस ने यह जानकारी दी है| कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि ,“ अभूतपूर्व बेरोजगारी, अनियंत्रित मुद्रास्फीति और आर्थिक संकट के कारण चारों ओर फैली घोर निराशा के बीच, मोदी सरकार से उम्मीद की जा रही थी कि वह एक ऐसा बजट पेश करेगी जो जनसामान्य की इन जरूरी चिंताओं का निराकरण कर सके। परन्तु दुःख की बात है कि अपने चिर-परिचित क्रूर और असंवेदनशील चेहरे के अनुरूप ये सरकार, लोगों के हितों के संरक्षण और जनता के पैसे की बर्बादी और लूट को रोकने की बजाय, अभी भी सभी प्रकार के एहतियात और वित्तीय विवेक को ताक पर रखकर प्रधानमंत्री मोदी के मित्रों की मदद करने पर आमादा है।
कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि ,“ इस घोटाले को लेकर व्याप्त जनभावनाओं और व्यापक स्तर पर फैले जन आक्रोश के परिपेक्ष्य में कांग्रेस पार्टी ने सोमवार, 6 फरवरी, 2023 को जीवन बीमा निगम कार्यालयों और भारतीय स्टेट बैंक के कार्यालयों के समक्ष देशव्यापी जिला स्तरीय विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है।
केसी वेणुगोपाल ने कहा कि ,“ सरकार प्रधानमंत्री के मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए भारत के लोगों की गाढ़ी कमाई को खतरे में नहीं डाल सकती है। अदानी समूह में एलआईसी ने कुल 36,474.78 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जबकि भारतीय बैंकों ने इसमें लगभग 80,000 करोड़ रुपये का निवेश किया है और इन संस्थाओं द्वारा अदानी समूह में निवेश तब भी जारी रखा गया, जब इस समूह पर स्टॉक में हेराफेरी, खातों में धोखाधड़ी और अन्य अनियमिताओं के आरोप लग रहे थे। इस घोटाले का पर्दाफाश होने के बाद अदानी समूह को 100 बिलियन डॉलर का नुकसान हो चूका है।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि ,“ सभी प्रदेश कांग्रेस समितियों से जिला कांग्रेस समितियों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करने का अनुरोध किया गया है ताकि वरिष्ठ नेताओं, पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के अलावा ब्लॉक कांग्रेस समितियों, पंचायत और बूथ स्तर पर इस विरोध प्रदर्शन में बढ-चढ़कर सहभागिता सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि ,“ अदानी समूह द्वारा संचालित सैकड़ों हज़ार करोड़ की सार्वजनिक राशि के इस विशाल घोटाले की जांच संयुक्त संसदीय समिति अथवा भारत के मुख्य न्यायाधीश की देखरेख में करवाने की मांग भी कांग्रेस पार्टी करती है।
गौतम अडानी मामले पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को कहा कि, “ जो आज देश में आर्थिक दृष्टि से घोटाले हो रहे हैं, उसके बारे में एक आवाज में सदन में उठाना, ये हम सबका मकसद है। इसीलिए हमने 267 के तहत एक नोटिस दिया था| नोटिस पर हम चर्चा चाहते थे, लेकिन जब भी हम नोटिस देते हैं तो मुझे मालूम नहीं हो रहा है किस तरीके का नोटिस देना चाहिए। हर वक्त हमारे नोटिसज़ रिजेक्ट होते हैं और महत्वपूर्ण जो विषय हैं, मुद्दे हैं जब हम उठाते हैं तो उसको चर्चा का अवसर नहीं मिलता है, समय नहीं मिलता है।
उन्होंने कहा कि ,“करोड़ों लोगों से संबंधित इंस्टिट्यूशन का पैसा आज बर्बाद हो रहा है और दूसरी तरफ जो हैं, एसबीआई बैंक हो और दूसरे दूसरे नेशनलाइज्ड बैंक हो, उसमें भी गरीब लोग अपना पैसा रखते हैं और वो पैसा भी आज हर जगह डिस्ट्रिब्यूट किया जा रहा है| चंद कंपनियों को दिया जा रहा है और उस कंपनी के बारे में इंटरनेशनली एक रिपोर्ट जो बाहर आई है, यूएस का हिंडनबर्ग जो इंस्टिट्यूट है, उसने बाहर निकाला है।
खड़गे ने कहा कि, “ अब जब निकालते ही देश के अंदर जितने भी ये जिस कंपनी को इन्होंने पैसे दिए थे, उस कंपनी के शेयर तो इतने गिर गए कि लोग ऐसा सुन कर वहीं मुर्छा खा कर गिर गए। ऐसी स्थिति इस सरकार ने बना कर रखी है। कौन इस कंपनी के मालिक हैं, आपको तो मालूम है और बार-बार हम एक व्यक्ति के रुप में किसी को टोका-टोकी करने की बजाए हम तो ये कहेंगे कि सरकार ऐसी कंपनियों को कैसे पैसा दे रही है, क्यों प्रेशराइज करके दिला रही है, हमें समझ में नहीं आ रहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि, “इसलिए लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए और जो एलआईसी, एसबीआई, दूसरे बैंको सरकारी इंस्टिट्यूशन हैं, इसकी एक जांच होनी चाहिए। इसके लिए हम इस चर्चा की डिमांड करना चाहते हैं या तो ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी हो या सुप्रीम कोर्ट के जो चीफ जस्टिस हैं, उनके नेतृत्व में इसकी जांच हो और डे टू डे रिपोर्ट भी जनता के सामने रखें, उसकी प्रोग्रेस क्या है और किस बैंक से ये जांच चल रही है, इसकी एक ट्रांसपेरेंसी उसमें आती है और लोगों को भी मालूम होता है कि उनके पैसे, उनकी इन्वेस्टमेंट और उनकी कमाई कहाँ गई, कहाँ तक रही, कहाँ तक बच गई, इसका भी उनको एक विश्वास मिलता है।
नहीं तो सारे लोगों का, इस देश के जितने भी करोड़ों पॉलिसी होल्डर हैं या बैंक में डिपॉजिट रखने वाले हैं, उनका विश्वास बैंकों पर से उठ जाता है, एलआईसी से उठ जाता है। तो इसलिए लोगों के हित में हम ये काम कर रहे हैं और हमारी मांग यही है कि चर्चा कराओ और हमारी मांग है कि या तो ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी बनाओ और उसकी जांच करो या सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के नेतृत्व में कमेटी बनाकर इसकी जांच कराइए और डे टू डे रिपोर्ट बाहर करते जाइए। यही हमारी मांग है|
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