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अडानी के 'Prime Mentor' हैं PM मोदी, करोड़ों भारतीयों की जमा पूँजी डुबाने में साहेब ने कोई कसर नहीं छोड़ी: अडानी मामले को लेकर कांग्रेस का हमला, सरकार से की ये तीन मांगें

  • by: news desk
  • 02 February, 2023
अडानी के 'Prime Mentor' हैं PM मोदी, करोड़ों भारतीयों की जमा पूँजी डुबाने में साहेब ने कोई कसर नहीं छोड़ी: अडानी मामले को लेकर कांग्रेस का हमला, सरकार से की ये तीन मांगें

●“मित्र काल” के 'हम दो हमारे दो', देश की संपत्ति “बेच दो”

●LIC-SBI में हिस्से को Prime Mentor जी ने ऐसे समूह के हवाले किया जिस पर इस देश के सबसे बड़े कॉर्पोरेट फ्रॉड का इलज़ाम लगा है

● करोड़ों भारतीयों की जमा पूँजी डुबाने में साहेब ने कोई कसर नहीं छोड़ी है, हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट में जो अडाणी पर आरोप लगे हैं उसकी जाँच कब होगी ?


 नई दिल्ली: गौतम अडानी मामले को लेकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है| कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि,“ अडानी जी के 'Prime Mentor' हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। वो (PM मोदी) अभी एक दम चुप हैं। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री से कहा कि,“ मोदी जी आप अपने 'परम मित्र' को धोखा देते हैं या नहीं... वो आप जानिए।  पर भारत के निवेशकों, LIC के पॉलिसी होल्डर्स और SBI के खाता धारकों को धोखा मत दीजिए। आपकी चुप्पी बताती है- आप धोखा दे रहे हैं। कांग्रेस ने कहा कि,“ सारे नियम कायदे ताक पर रखकर एक आदमी को मोदी जी ने पाल पोसकर बड़ा किया... लेकिन आज क्या हुआ! यह मोदी जी और अडानी के बीच का मामला होता तो हमें कोई आपत्ति नहीं थी। लेकिन आज यह मामला भारतवासियों के खून पसीने की कमाई का है, जो खतरे में पड़ चुकी है।



अडानी मामले में कांग्रेस की तीन मांगे- सुप्रीम कोर्ट के CJI की निगरानी में जांच हो और रिपोर्ट प्रतिदिन सार्वजनिक की जाए; हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच हो और संयुक्त संसदीय समिति का गठन किया जाए और तीसरा - LIC, SBI व अन्य राष्ट्रीय बैंकों के अडानी ग्रुप में निवेश की संसद में गहन चर्चा हो।



बता दें कि 'कॉर्पोरेट इतिहास के सबसे बड़े घोटाले' के लगे आरोपों के बीच अडाणी ग्रुप ने बुधवार को अडानी एंटरप्राइजेज के 20,000 करोड़ रुपये के फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (FPO) को वापस ले लिया। बीएसई पर फर्म के शेयरों में 28.45% की गिरावट के साथ ₹2,128.70 पर बंद होने के घंटों बाद समूह ने बुधवार देर रात एक बयान में कहा,अडानी एंटरप्राइजेज ने अपने पूरी तरह से सब्सक्राइब किए गए फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) के साथ आगे नहीं बढ़ने का फैसला किया है|  जिन लोगों ने अब तक एफपीओ को सब्सक्राइब किया है, उनके पैसे वापस लौटा दिए जाएंगे। 



कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने आज गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि, “मोदी सरकार ने हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर ऐसे चुप्पी साधी हुई है, जैसे कि कुछ हुआ ही नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी जी से हम कहना चाहते हैं कि आप अपने परम मित्र को धोखा दीजिये, हमें उससे कोई मतलब नहीं है, पर कम से कम भारत के निवेशकों, LIC के 29 करोड़ पॉलिसी होल्डर और SBI के 45 करोड़ खाता धारकों को तो धोखा मत दीजिये । 


पवन खेड़ा ने कहा कि, “आज देश को 3 बड़े तथ्य मालूम हैं- पहला, अमरीका की प्रतिष्ठित हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट ने अडाणी समूह पर इस देश के अब तक के सबसे बड़े कॉर्पोरेट फ्रॉड का इलज़ाम लगाया है - जिसमें 42 गुना ओवरवैल्यूड शेयर, डेब्ट फ्यूएलड बिज़नेस, अडाणी परिवार के सदस्यों ने कथित तौर पर मॉरीशस, यूएई और कैरेबियन द्वीप समूह जैसे टैक्स हेवन में बेनामी शेल कंपनियां के "एक विशाल मायाजाल द्वारा अरबों रुपये के काले धन का खुलासा किया है और इंसाइडर ट्रेडिंग, स्टॉक मैनीपुलेशन के गंभीर आरोप लगाएं हैं।


दूसरा, LIC और SBI जैसे सरकारी संस्थानों में अडाणी समूह का बेहद जोखिम भरा लेन-देन और निवेश मोदी सरकार द्वारा किया गया है| उदहारण के तौर पर -

• प्रमुख अदानी एंटरप्राइजेज में 1% से कम से LIC की हिस्सेदारी बढ़कर 4.23% हो गई।

• अडाणी टोटल गैस में यह हिस्सेदारी 1% से कम से बढ़कर 5.96% पर पहुंच गई है।

• अडाणी ट्रांसमिशन में LIC की शेयरधारिता 2.42% से बढ़कर 3.65% हो गई
·
कांग्रेस नेता ने कहा कि, “अदाणी ग्रीन एनर्जी में यह 1% से भी कम से बढ़कर 1.28% हो गया है।LIC का आधिकारिक रूप से कहना है कि LIC का अडाणी में इक्विटी एक्सपोजर ₹56,142 करोड़ है। पर पिछले कुछ दिनों से जब अडाणी के शेयर गिर रहें हैं तब से अब तक LIC के 39 करोड़ पॉलिसी धारकों और निवेशकों के ₹33,060 डूब चुके हैं। (कल तक)


कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि, “स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (SBI) और अन्य भारतीय बैंकों ने अडाणी समूह को ऋण दिया है। अदाणी समूह पर भारतीय बैंकों का करीब ₹80,000 करोड़ का कर्ज है, जो समूह के कुल कर्ज का 38% है। उसमें से, निजी बैंकों का जोखिम कुल समूह ऋण के 8% है, जबकि सरकारी बैंकों के पास समूह ऋण का 30% है।



पवन खेड़ा ने कहा कि, “ तीसरा, और शायद अब तक का सबसे सनसनीखेज खुलासा जिस पर अब तक भारतीय मीडिया ने भी ध्यान नहीं दिया है, वो है, चांग चुंग - लिंग - एक चीनी बिजनेसमैन संदिग्ध गतिविधियों से भारतीय जाँच एजेंसी वाकिफ़ हैं - उसके और अडाणी समूह में क्या रिश्ता है? 


उन्होंने कहा कि ,“चांग चुंग - लिंग गुडामी इंटरनेशनल नाम की एक संस्था चलाता है (या चलाता था) हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट में कहा गया है कि गुडामी इंटरनेशनल पीटीई लिमिटेड को "अडाणी समूह के रत्नों के कथित परिपत्र व्यापार में सरकारी धोखाधड़ी की जांच के हिस्से के रूप में पहचाना गया था और चांग चुंग - लिंग और विनोद अडाणी के सिंगापुर के घर का पता एक ही है। हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, "यह एक महत्वपूर्ण मामला है, न केवल शेयरधारकों के लिए बल्कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी । "



पवन खेड़ा ने कहा कि, “ ती अब सिटीग्रुपकी धन शाखा ने अडाणी सिक्योरिटीज को मार्जिन ऋणों के लिए संपार्श्विक के रूप में स्वीकार करना बंद कर दिया है। कल क्रेडिट सुइस ने कहा था कि वह अडाणी बांड को संपार्श्विक के रूप में स्वीकार नहीं करेगा।


उन्होंने कहा कि ,“ये बात किसी से छिपी नहीं है कि मोदी सरकार ने किस तरह से अपने परम मित्र अडाणी की मदद की है। अडाणी समूह के डूबने से देश की संपत्ति दांव पर है, करोड़ों निवेशकों की, करोड़ों पॉलिसी होल्डर्स की गाढ़ी कमाई ख़तरे में है।


इस परिपेक्ष्य में कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार से ये 3 ज़रूरी माँग करती है.

1. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के देख-रेख में एक निष्पक्ष जांच हो, जिसकी रिपोर्ट दिन-प्रतिदिन सार्वजनिक हो ।

2. हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट की विस्तार से जांच के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया जाना चाहिए।

3. LIC, SBI और अन्य राष्ट्रीय बैंकों में जो अडाणी का जोख़िम भरा निवेश है उसपर संसद में गहन रूप से चर्चा की जाये और निवेशकों को सुरक्षित करने के लिए उचित क़दम उठाये जाएँ ।



उन्होंने कहा कि ,“अंत में हम सबसे ज़रूरी बात कहना चाहतें हैं। हमारे नेता श्री राहुल गाँधी जी जब "सूट बूट की सरकार", "हम दो, हमारे दो" और अब "मित्र काल" की बात करतें हैं तो वो किसी विशेष उद्योगपति की बात नहीं करते वे उस सिस्टम की बात करतें हैं जो मोदी जी ने अपने चुनिंदा मित्रों को देश की मूल्यवान संपत्ति लूटने के लिए इजात किया है। हम भारतीय कॉरपरेट जगत के ख़िलाफ़ नहीं है, हम क्रोनी कैपिटलिज़्म के ख़िलाफ़ है ! चुनिंदा अरबपतियों को जब नियम बदलकर फ़ायदा पहुँचाया जाता है, हम उसके ख़िलाफ़ हैं।

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