नई दिल्ली: अडानी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी पर लगे 'कॉर्पोरेट इतिहास के सबसे बड़े घोटाले' के आरोपों को लेकर संसद में आज भी जमकर हंगामा हुआ। हंगामें के बीच राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही सोमवार 6 फरवरी सुबह 11:00 बजे तक के लिए स्थगित की गई। विपक्ष ने अडाणी ग्रुप के वित्तीय लेनदेन की जांच संसदीय पैनल (JPC) या सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के देख-रेख में कराने की मांग की।
वहीं, गौतम अडानी पर लगे 'कॉर्पोरेट इतिहास के सबसे बड़े घोटाले' के आरोपों पर मोदी सरकार का कहना है,अडानी स्टॉक क्रैश से उसका कोई लेना देना नहीं है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि, “उससे (अडानी स्टॉक क्रैश) सरकार का कोई लेना देना नहीं है। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा प्राथमिकता रहती है। उनके(विपक्ष) पास कोई और मुद्दा नहीं है|
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि, “विपक्षी दल चाहते हैं कि जो स्टॉक मार्केट गिर रहे हैं उसपर चर्चा हो, जनता का पैसा LIC और अन्य सरकारी संस्थानों में है। उन्होंने चीन, महंगाई, बेरोज़गारी पर चर्चा नहीं होने दी। जिस भी मुद्दे पर उन्हें लगता है कि वे शर्मिंदा होंगे उस पर चर्चा नहीं होने देते|
AAP सांसद संजय सिंह ने कहा कि, “यह केवल Adani का भ्रष्टाचार नहीं, मोदी सरकार का भ्रष्टाचार है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गौतम अडानी को- लोन दिया; पोर्ट दिया; एयरपोर्ट दिया; सीमेंट दिया; रेल दिया, तेल दिया| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ने विदेशों से ख़ुद काला धन दिया, जो अडानी की कंपनियों में लगा।
संजय सिंह ने कहा कि, “अमृत काल” में “ज़हरीला घोटाला”| ये गौतम अडानी के साथ नरेंद्र मोदी का भी महाघोटाला है। मोदी का कालाधन फ़र्ज़ी कंपनियों के माध्यम से अडानी की कंपनियों में लगाया गया। क्यों JPC का गठन नहीं किया गया? क्यों SC की Monitoring में जांच नहीं की जा रही?
संजय सिंह ने कहा कि, “अडानी-मोदी गठजोड़ ने LIC का ये हाल किया। पहले नारा था ‘ज़िंदगी के साथ भी, ज़िंदगी के बाद भी' अब नारा होगा। 'क्या लेकर आए थे? क्या लेकर जाओगे?’
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