गांधीनगर: गुजरात हाईकोर्ट ने ओरेवा कंपनी के MD जयसुखभाई पटेल को मोरबी पुल हादसे में मारे गए प्रत्येक व्यक्ति के परिवारों को 10-10 लाख रुपये देने का आदेश दिया है। मोरबी ब्रिज हादसे में गुजरात हाईकोर्ट ने आज 22 फरवरी, 2023 को ओरेवा कंपनी के MD जयसुखभाई पटेल को आदेश दिया है कि वह मृतकों के परिवार को 10-10 लाख और घायलों को दो-दो लाख रुपए का मुआवजा दें।मोरबी ब्रिज हादसे में बुधवार को लगातार तीसरे दिन हाईकोर्ट में सुनवाई हुई।
“गुजरात में मोरबी हादसा (Morbi Bridge Collapse) 30 अक्टूबर 2022 को हुआ था। मोरबी की मच्छू नदी पर बने ब्रिज के गिरने से (Morbi Bridge Collapse ) 135 लोगों की जान चली गई थी। 135 लोगों का मौत के लगभग तीन महीने बाद 27 जनवरी 2023 को ओरेवा ग्रुप के प्रमोटर तथा अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर जयसुख पटेल का नाम प्रमुख अभियुक्त के तौर पर चार्जशीट में डाला गया था|”
मोरबी पुल हादसा: 1262 पन्नों की चार्जशीट दाखिल, ओरेवा ग्रुप के जयसुख पटेल मुख्य आरोपी
अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड (ओरेवा ग्रुप) ने मोरबी में मच्छू नदी पर बने पुल के नवीनीकरण, मरम्मत और संचालन का ठेका लिया था| जनवरी में 1,262 पेज की चार्जशीट दायर की गई थी, जिसमें ओरेवा ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर जयसुख पटेल को बतौर मुख्य आरोपी शामिल किया गया था. चार्जशीट दायर होने के बाद, उसने मोरबी में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था|
गुजरात हाईकोर्ट इस मामले में सुनवाई कर रहा है। हाईकोर्ट ने पिछले महीने मोरबी सस्पेंशन ब्रिज का रखरखाव और संचालन करने वाली कंपनी अजंता मैन्युफैक्चरिंग लिमिटेड (ओरेवा ग्रुप) को नोटिस जारी किया था।
पीड़ित पक्ष के वकील उत्कर्ष दवे ने आज 22 फरवरी, 2023 को बताया कि मुआवजे को लेकर आज लगातार तीसरे दिन कोर्ट में सुनवाई हुई। इस संदर्भ में हाईकोर्ट ने ओरेवा ग्रुप को आदेश दिया है कि वह प्रत्येक मृतक के परिवार को 10 लाख रुपए का मुआवजा दे। इसमें से आधी राशि यानी की 5 लाख रुपए तीन दिनों और बाकी के 5 लाख दो हफ्ते के अंदर दे।
“एक विशेष जांच दल (SIT) द्वारा प्रस्तुत प्रारंभिक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि ,''मोरबी पुल की 49 में से 22 केबल जंग लगी हुई पाई गईं और ऐसा लगता है कि गिरने (मोरबी ब्रिज हादसे) से पहले ही तार टूट गए थे| SIT रिपोर्ट के मुताबिक,'' 49 में से 22 केबल पहले ही टूट गए थे। जब पुल पर लोगों की तादाद बढ़ी तो बाकी 27 तार वजन नहीं उठा पाए और टूट गए।”
“ पांच सदस्यों वाली SIT ने सोमवार (20 फरवरी, 2023) को प्राइमरी रिपोर्ट सब्मिट की थी। एसआईटी की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मरम्मत कार्य शुरू करने से पहले पुल के मेन केबल और वर्टिकल सस्पेंडर्स की उचित जांच नहीं की गई थी। मरम्मत कार्य के दौरान, पुराने सस्पेंडर्स को नए सस्पेंडर्स के साथ वेल्ड किया गया था, जिसके बारे में रिपोर्ट में कहा गया है कि इसके व्यवहार में बदलाव आया है। आम तौर पर केबल ब्रिज में भार वहन करने के लिए सिंगल रॉड सस्पेंडर्स का इस्तेमाल होने चाहिए।”