Morbi Bridge Collapse: गुजरात के मोरबी शहर में स्थिति ऐतिहासिक केबल ब्रिज के रविवार, 30 अक्टूबर की शाम को गिर जाने और माच्छू नदी में डूबकर 141 लोगों की मौत के बाद प्रशासन हादसे की जांच में जुट गया है। माच्छू नदी पर बना ''ब्रिज टूटने' के मामले में पुल की मजबूती के संबंध में एफएसएल द्वारा की गई जांच की रिपोर्ट आ गई है। जांच अधिकारी ने कहा है कि पुल का केबल जंग खा रहा था। वह एक पुरानी केबल थी और मरम्मत के नाम पर पुल को कुछ महीनों तक बंद रखा गया, उस दौरान पुल का बस फर्श बदला गया, केबल नहीं बदला गया और सही से मेंटेनेंस नहीं किया गया था।
आपको बता दें कि,' यह पुल पिछले 6 महीने से बंद था। कुछ दिन पहले ही इसकी मरम्मत की गई थी। हादसे से 4 दिन पहले 26 अक्टूबर को यह ब्रिज आम लोगों के लिए खोला गया था।
मोरबी हादसे पर अतिरिक्त लोक अभियोजक वकील एच.एस. पांचाल ने कहा, “FSL रिपोर्ट में जांच अधिकारी ने कहा कि केबल (पुल का) जंग खा रहा था। प्रथम दृष्टया FSL अधिकारी का कहना है कि यह एक पुरानी केबल थी और पुल का बस फर्श बदला गया, केबल नहीं बदला गया और सही से मेंटेनेंस नहीं किया गया| रिपोर्ट में जांच अधिकारी ने कहा कि निविदा प्रक्रिया नहीं हुई और अनुबंध सीधे आवंटित किया गया था|
'बचाव अभियान लगातार जारी
NDRF कमांडेंट प्रसन्ना कुमार ने कहा,''बचाव अभियान लगातार जारी है। अगर अभी अन्य शव होते तो हमें मिल जाते, हमें लगता है कि अब कोई शव नहीं बचा है। ज़िला प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार 1-2 लोग अब भी लापता हैं। हम अन्य एजेंसियों के साथ तलाशी अभियान चला रहे हैं:
जब तक बचे हुए शव बरामद नहीं हो जाते, तब तक बचाव अभियान जारी रहेगा
NDRF सहायक कमांडेंट राकेश सिंह बिष्ट ने कहा,', हम रात से ही लगातार बचाव अभियान में लगे हुए हैं। अभी हमारी 6 नाव काम कर रही हैं और 4 नाव को हमने रिजर्व में रखा हुआ है। जब तक बचे हुए शव बरामद नहीं हो जाते तब तक बचाव अभियान जारी रहेगा|
अभी तक मामले में 9 लोगों को गिरफ़्तार किया गया
मोरबी हादसे पर मोरबी पुलिस अधीक्षक राहुल त्रिपाठी ने कहा,''अभी तक मामले में 9 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है और वो हमारे पास रिमांड पर हैं। अभी आगे की जांच जारी है और अगर किसी अन्य व्यक्ति की आपराधिक जिम्मेदारी सामने आती है उस पर भी कार्रवाई होगी|
4 आरोपियों को शनिवार तक पुलिस हिरासत में और अन्य 5 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा गया
मोरबी कोर्ट ने मोरबी में केबल ब्रिज गिरने की घटना में 4 आरोपियों को 5 नवंबर, शनिवार तक पुलिस हिरासत में और अन्य 5 आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजा है। जिन 9 लोगों की गिरफ्तारी हुई है.. उनमें ओरेवा कंपनी का मैनेजर दीपक भाई नवीनचंद्र भाई पारेख (44), एक और मैनेजर नवीन भाई मनसुख भाई दवे, टिकट क्लर्क मनसुख भाई वालजी भाई टोपिया (59), एक और टिकट क्लर्क मदनभाई लाखा भाई सोलंकी, ब्रिज रिपेयरिंग कॉन्ट्रेक्टर प्रकाशभाई लालजी भाई परमार और एक और कॉन्ट्रेक्टर देवांग भाई लालजी भाई परमार (31) शामिल हैं| इसके अलावा 3 सिक्योरिटी गार्ड्स को भी अरेस्ट किया गया है|
Morbi Bridge Collapse: गुजरात के मोरबी में ब्रिज 'टूटने' से 141 लोगों की मौत, 177 रेस्क्यू
मोरबी व राजकोट बार एसोसिएशन नहीं लड़ेगी गिरफ़्तार लोगों का मामला नहीं लेने फैसला किया
मोरबी बार एसोसिएशन के वकील एसी प्रजापति ने कहा,''मोरबी ब्रिज गिरने की घटना में 9 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। मोरबी बार एसोसिएशन व राजकोट बार एसोसिएशन ने उनका मामला नहीं लेने व उनका प्रतिनिधित्व नहीं करने का फैसला किया है। दोनों बार एसोसिएशन ने यह प्रस्ताव पारित किया है|
“Act of God”
मोरबी बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष दिलीप ने कहा,''एक आरोपी का बचाव करने वाले वकीलों में से एक ने अदालत में तर्क दिया था कि यह “Act of God” (भगवान की इच्छा) था और इसलिए आरोपी की गिरफ्तारी सही नहीं थी। ।
दिलीप ने कहा, "अदालत में गिरफ़्तार आरोपी ने दुर्घटना को “Act of God” बताया, लेकिन मामले में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, यह 'आपराधिक लापरवाही' का मामला है, न कि ' “Act of God',"
कथित तौर पर यह टिप्पणी ओरेवा कंपनी के प्रबंधक दीपक भाई नवीनचंद्र भाई पारेख ने की थी, जिसने मोरबी में 150 साल पुराने सस्पेंशन ब्रिज की मरम्मत की थी। पारेख उन नौ लोगों में शामिल हैं जिन्हें रविवार को पुल के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद गिरफ्तार किया गया था।
मोरबी में वकीलों ने बुधवार को सभी नौ आरोपियों के खिलाफ मुकदमा लड़ने से इनकार करते हुए विरोध मार्च निकाला। मोरबी बार एसोसिएशन के वरिष्ठ अधिवक्ता एसी प्रजापति ने कहा, "मोरबी बार एसोसिएशन और राजकोट बार एसोसिएशन ने मोरबी त्रासदी में गिरफ्तार नौ लोगों के मामले को नहीं लेने और उनका प्रतिनिधित्व करने का फैसला किया है। दोनों बार एसोसिएशनों ने यह प्रस्ताव पारित किया है।"