नई दिल्ली: आउटर दिल्ली के सुल्तानपुरी के कंझावला मामले की मृतका अंजलि के घर चोरी हुई। मृतका अंजलि के घर करन विहार में चोरी की घटना हुई है| दरअसल घटना के बाद अंजलि का परिवार अपना घर छोड़कर मामा के यहां सुल्तानपुरी में रह रहा था| इस मामले में पीड़िता का परिवार शुरू से ही पुलिस की तहकीकात पर सवाल उठा रहा है| घटना के वक्त अंजलि के साथ उसकी दोस्त निधि भी मौजूद थी, जो कि घटना के बाद वहां से भाग गई थी|
अंजलि के परिवारजन अनु ने कहा, "पड़ोसियों ने चोरी के बारे में बताया था। यह निधि की साजिश है। वह पकड़े जाने के डर से अपना सामान हमारे घर में रखवाना चाह रही है। पुलिस 8 दिन से हर जगह थी लेकिन कल ही क्यों नहीं थी?"
अंजलि की मां ने मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। मां ने कहा,'हमारे घर में अब तो चोरी भी हो गई, पुलिस कुछ नहीं कर रही। मामले(अंजलि हत्याकांड) की सीबीआई जांच होनी चाहिए|
गौरतलब है कि 1 जनवरी को अंजलि (20) की स्कूटी को एक कार ने टक्कर मार दी थी और युवती को सुल्तानपुरी से कंझावला तक लगभग 13 किलोमीटर घसीटती हुई ले गई| घटना में युवती की मौत हो गई थी| अंजलि का शव बाहरी दिल्ली के कंझावला में मिला था| युवती की हालत यह हो गई कि सारी हड्डियां चकनाचूर हो गई और उसके तन पर एक भी कपड़ा नहीं बचा। युवती के दोनों पैर, सिर व शरीर के अन्य हिस्से बुरी तरह कुचल गए।
घटना के बाद कार सवार लोगों समेत सात पर गैर इरादतन हत्या समेत अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है| पुलिस ने इस मामले में पहले दीपक खन्ना (26), अमित खन्ना (25), कृष्ण (27), मिथुन (26) और मनोज मित्तल को गिरफ्तार किया था| बाद में, आशुतोष और अंकुश खन्ना को गिरफ्तार किया गया था| हालांकि हालांकि सातवें आरोपी अंकुश खन्ना को दिल्ली की रोहिणी कोर्ट ने जमानत दे दी| उसे 20 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत मिली है| इस मामले में पुलिस ने इससे पहले छह आरोपियों को गिरफ्तार किया था| अंकुश खन्ना ने शुक्रवार को सरेंडर कर दिया. अंकुश कार चला रहे मुख्य आरोपी अमित खन्ना का भाई है|
सुल्तानपुरी हिट एंड ड्रैग मामले में गिरफ्तार आरोपियों ने खुलासा किया है कि उन्हें पता था कि युवती अंजलि उनकी ग्रे रंग की मारुति सुजुकी बलेनो कार के नीचे फंसी हुई है, लेकिन डर के मारे गाड़ी चलाते रहे।
अधिकारी ने बताया कि आरोपी के खुलासे में इसका जिक्र किया गया था, जिसके आधार पर आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) को मामले में जोड़ा गया था. हालांकि, पुलिस के सामने अभियुक्त द्वारा खुलासा अदालत में स्वीकार्य नहीं है।
अमित खन्ना, दीपक खन्ना, कृष्ण, मिथुन और मनोज मित्तल नाम के पांच आरोपी फिलहाल चार दिन की पुलिस हिरासत में हैं। उन पर गैर इरादतन हत्या, लापरवाही से मौत और सार्वजनिक रास्ते पर तेज गति से गाड़ी चलाने सहित विभिन्न अपराधों के लिए मामला दर्ज किया गया है।
दिल्ली पुलिस ने आशुतोष और अंकुश खन्ना नाम के दो और लोगों को यह कहते हुए गिरफ्तार किया है कि वे पांचों आरोपियों को बचाने में शामिल थे। अंकुश ने सुल्तानपुरी पुलिस स्टेशन में आत्मसमर्पण कर दिया था, जबकि आशुतोष को उत्तर पश्चिमी दिल्ली के बुद्ध विहार से गिरफ्तार किया गया था।
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