कोलकाता : पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा की जांच के लिए हाई कोर्ट ने सीबीआई की जांच का आदेश दिया है। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा की घटनाओं की अदालत की निगरानी में CBI जांच का आदेश दिया है।इसके अलावा कलकत्ता हाई कोर्ट ने हिंसा की घटनाओं की जांच के लिए एसआईटी के गठन का भी आदेश दिया है। इसमें पश्चिम बंगाल काडर के सीनियर अधिकारियों को भी शामिल किया जाएगा। ममता बनर्जी सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है|
एक तरफ बीजेपी ने हाई कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है तो टीएमसी ने नाखुशी जाहिर की है। टीएमसी नेता सौगत रॉय ने कहा, 'मैं इस फैसले से नाखुश हूं। यदि राज्य के कानून-व्यवस्था के किसी भी मामले में सीबीआई जांच करने आती है तो फिर यह राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में दखल होगा। मुझे भरोसा है कि राज्य सरकार स्थिति की समीक्षा करेगी और फिर जरूरत होगी तो उच्चतम न्यायालय में आदेश को चुनौती देगी।'
बता दें कि बंगाल की तृणमूल सरकार की ओर से हिंसा की घटनाओं की सीबीआई जांच का विरोध किया गया था। ऐसे में हाई कोर्ट का यह फैसला उसके लिए एक झटके की तरह है।
चुनाव बाद हिंसा पर हाई कोर्ट के फैसले का भाजपा ने स्वागत किया है। हिंसा मामले में हाई कोर्ट के फैसले पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि हमें उम्मीद है सभी दोषियों को सजा मिलेगी। दूसरी और बंगाल सरकार सुप्रीम कोर्ट जा सकती है।
तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद सौगत राय ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने के संकेत दिए हैं। TMC सांसद सौगत रॉय ने कहा कि क़ानून-व्यवस्था राज्य का अधिकार है अगर उसमें CBI आ जाएगी तो राज्य का अधिकार घट जाएगा। हम इसके ख़िलाफ हैं। मुझे लगता है कि राज्य सरकार इस पर सोच-विचार करेगी और इसके ख़िलाफ अपील भी करेगी|
रॉय ने कहा,''मैं फैसले से नाखुश हूं। यदि हर कानून और व्यवस्था के मामले में जो पूरी तरह से राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में है, सीबीआई इसमें आती है तो यह राज्य के अधिकार का उल्लंघन है। मुझे यकीन है कि राज्य सरकार स्थिति का न्याय करेगी और यदि आवश्यक हो तो उच्च न्यायालय में अपील करने का निर्णय लेगी|
भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि,पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा राज्य सरकार के संरक्षण में हुई। कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश ने सरकार की पोल खोल दी है। हम कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हैं|
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि,''न्याय की अपेक्षा थी, पीड़ितों को न्याय मिला है। बंगाल में जिस प्रकार की अराजकता है, जिस प्रकार वहां कानून का शासन नहीं एक व्यक्ति का क़ानून है। नौकरशाही, राजनीति और माफिया मिलकर काम कर रहे थे, कोर्ट के फैसले से इसे भी चोट पहुंचेगी|
इसके अलावा केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि हम फैसले का स्वागत करते हैं। लोकतंत्र में हर किसी को अपनी विचारधारा को फैलाने का अधिकार है, लेकिन किसी को भी हिंसा की अनुमति नहीं है। लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है।