Ram Bahal Chaudhary,Basti
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West Bengal Post-Poll violence: बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा की CBI जांच का आदेश, गठित होगी SIT

  • by: news desk
  • 19 August, 2021
West Bengal Post-Poll violence:  बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा की CBI जांच का आदेश,  गठित होगी SIT

कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा की घटनाओं की अदालत की निगरानी में CBI जांच का आदेश दिया है। कलकत्‍ता हाईकोर्ट ने कहा है कि पश्चिम बंगाल में अप्रैल-माह में हुए विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा (Bengal Post-Poll Violence) का केस केंद्रीय जांच ब्‍यूरो (CBI) को सौंपा जाएगा| मामले में स्‍पेशल इनवेस्‍टीगेशन टीम (SIT) भी गठित होगी|  





कोलकाता के पुलिस कमिश्‍नर सोमेन मित्रा और अन्‍य को SIT का सदस्‍य बनाया गया है| कलकत्ता उच्च न्यायालय के इस आदेश को राज्‍य की ममता बनर्जी सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है| कलकत्ता उच्च न्यायालय ने जांच के लिए एसआईटी गठित करने का भी आदेश दिया| पश्चिम बंगाल कैडर के वरिष्ठ अधिकारी होंगे टीम का हिस्सा| कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजेश बिंदल, न्यायमूर्ति हरीश टंडन, न्यायमूर्ति इंद्रप्रसन्न मुखर्जी, न्यायमूर्ति सौमेन सेन और न्यायमूर्ति सुब्रत तालुकदार की बड़ी पीठ ने फैसला सुनाया। 




चुनाव बाद हिंसा पर हाई कोर्ट के फैसले का भाजपा ने स्वागत किया है। हिंसा मामले में हाई कोर्ट के फैसले पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि हमें उम्मीद है सभी दोषियों को सजा मिलेगी। दूसरी और बंगाल सरकार सुप्रीम कोर्ट जा सकती है। 



भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि,पश्चिम बंगाल में चुनाव के बाद की हिंसा राज्य सरकार के संरक्षण में हुई। कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश ने सरकार की पोल खोल दी है। हम कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हैं|



कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि,''न्याय की अपेक्षा थी, पीड़ितों को न्याय मिला है। बंगाल में जिस प्रकार की अराजकता है, जिस प्रकार वहां कानून का शासन नहीं एक व्यक्ति का क़ानून है। नौकरशाही, राजनीति और माफिया मिलकर काम कर रहे थे, कोर्ट के फैसले से इसे भी चोट पहुंचेगी|




 इसके अलावा केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि हम फैसले का स्वागत करते हैं। लोकतंत्र में हर किसी को अपनी विचारधारा को फैलाने का अधिकार है, लेकिन किसी को भी हिंसा की अनुमति नहीं है। लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है।




तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद सौगत राय ने हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने के संकेत दिए हैं। TMC सांसद सौगत रॉय ने कहा कि क़ानून-व्यवस्था राज्य का अधिकार है अगर उसमें CBI आ जाएगी तो राज्य का अधिकार घट जाएगा। हम इसके ख़िलाफ हैं। मुझे लगता है कि राज्य सरकार इस पर सोच-विचार करेगी और इसके ख़िलाफ अपील भी करेगी|




उल्लेखनीय है कि इस संबंध में कई याचिकाओं पर हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो चुकी है। उच्च न्यायालय ने 18 जून को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को मामले में आरोपों की जांच के लिए एक समिति गठित करने का निर्देश दिया था। आयोग ने 13 जुलाई को अपनी रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट में राज्य सरकार, पुलिस और प्रशासन की तीखी आलोचना की गई है। इसके जवाब में सरकार ने रिपोर्ट को झूठा और पक्षपाती बताते हुए खारिज कर दिया। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) द्वारा गठित समिति ने मतदान के नतीजों के बाद राजनीतिक हिंसा के कई मामलों की जांच सीबीआइ को सौंपे जाने की सिफारिश की थी।










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