लखनऊ: यूपी में जनसंख्या नियंत्रण के लिए राज्य विधि आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण विधेयक-2021 का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है| जल्द ही आयोग इसे राज्य सरकार को सौंप देगा| इस ड्राफ्ट के अनुसार, दो से अधिक बच्चे वाले व्यक्ति को सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा. वह व्यक्ति सरकारी नौकरी के लिए आवेदन नहीं कर पाएगा और न ही किसी स्थानीय निकाय का चुनाव लड़ सकेगा|
अगर उनके तीन बच्चे हुए तो सरकारी कर्मियों का प्रमोशन रुक सकता है और निर्वाचित प्रतिनिधियों का चुनाव रद्द हो सकता है| इसके अलावा ड्राफ्ट में टू चाइल्ड पॉलिसी का पालन नहीं करने वालों को भत्तों से भी वंचित करने का प्रावधान है| बिल में चार लोगों का ही राशन कार्ड पर एंट्री सीमित करने का भी प्रावधान है और 77 तरह की सरकारी योजनाओं और अनुदान से भी वंचित करने का प्रावधान है|
यूपी विधि आयोग के अध्यक्ष आदित्य नाथ मित्तल ने कहा,''राज्य विधि आयोग ने जनसंख्या नियंत्रण और कल्याण के लिए एक प्रस्ताव दिया है। हमने प्रस्ताव दिया है कि कोई भी जोड़ा जो दो-बाल नीति का पालन करता है, उसे सभी सरकारी लाभ दिए जाएंगे। वे सभी सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठा सकेंगे|
यदि कोई इस नीति का पालन नहीं करता है, तो वे ऐसी योजनाओं के लिए पात्र नहीं होंगे। उनका राशन कार्ड 4 इकाइयों तक सीमित रहेगा, वे सरकारी नौकरियों के लिए आवेदन नहीं कर पाएंगे और यदि वे पहले से ही सरकारी कर्मचारी हैं, तो उन्हें पदोन्नति नहीं मिलेगी|
यूपी विधि आयोग के अध्यक्ष आदित्य नाथ मित्तल ने कहा,''यह प्रणाली स्वैच्छिक होगी, यदि कोई व्यक्ति स्वेच्छा से अपने परिवार के सदस्यों की संख्या सीमित रखता है, तो वे सरकारी योजनाओं के लिए पात्र होंगे। हम इसे अगस्त के दूसरे सप्ताह तक पेश करने की योजना बना रहे हैं: यूपी विधि आयोग के अध्यक्ष
उ. प्र. सरकार के नई जनसंख्या नीति की घोषणा किए जाने पर प्रदेश के मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा,''इसे लागू किया जाएगा, नए सिरे से देखा जा रहा है क्योंकि समयावधि खत्म हुई है। मंथन चल रहा है, CM जल्द ही इसकी घोषणा करेंगे। जनसंख्या नियंत्रण आवश्यक है। सभी पहलुओं पर विचार किया जा रहा है|
ड्राफ्ट के मुताबिक, अगर यह पॉलिसी लागू होती है तो एक साल के अंदर, सभी सरकारी सेवकों, स्थानीय निकाय के निर्वाचित प्रतिनिधियों को यह शपथ पत्र देना होगा कि उनके दो ही बच्चे हैं और वह इसका उल्लंघन नहीं करेंगे| अगर उनके तीन बच्चे हुए तो सरकारी कर्मियों का प्रमोशन रुक सकता है और निर्वाचित प्रतिनिधियों का चुनाव रद्द हो सकता है|
इसके उलट, जो लोग टू-चाइल्ड पॉलिसी का पालन करेंगे, उन्हें कई तरह के लाभ दिए जाने की सिफारिश ड्राफ्ट बिल में की गई है|ड्राफ्ट के मुताबिक ऐसे सरकारी कर्मचारी जो टू चाइल्ड पॉलिसी का पालन करेंगे, उन्हें राष्ट्रीय पेंशन योजना के तहत पूरी सेवा के दौरान दो अतिरिक्त वेतन वृद्धि, भूखंड या घर की खरीद पर सब्सिडी, यूटिलिटी बिल पर छूट और कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) में तीन फीसदी की वृद्धि दे का प्रावधान किया गया है|
ड्राफ्ट के मुताबिक, जो सरकारी कर्मी सिंगल चाइल्ड पॉलिसी का पालन करेंगे, उन्हें चार अतिरिक्त वेतन वृद्धि और मुफ्त स्वास्थ्य देखभाल की सुविधा मिलेगी| इसके अतिरिक्त 20 साल की उम्र तक बच्चे को मुफ्त शिक्षा भी दी जाएगी|
दो या कम बच्चों वाले अभिभावक को कई सुविधाएं: अधिकतम दो बच्चों की पॉलिसी का पालन करने वाले और स्वैच्छिक नसबंदी करवाने वाले अभिभावकों को सरकार खास सुविधाएं देगी| ऐसे सरकारी कर्मचारियों को दो एक्स्ट्रा सैलेरी इंक्रीमेंट, प्रमोशन 12 महीने का मातृत्व या पितृत्व अवकाश, जीवनसाथी को बीमा कवरेज, सरकारी आवासीय योजनाओं में छूट, पीएफ में एंप्लायर कॉन्ट्रिब्यूशन बढ़ाने जैसी कई सुविधाएं मिलेगी वहीं जिनके पास सरकारी नौकरी नहीं है, ड्राफ्ट में उन्हें पानी, बिजली, होम टैक्स, होम लोन जैसी कई सुविधाएं देने का प्रस्ताव है|
एक संतान पर स्वैच्छिक नसंबदी करवाने वाले दंपति को सरकार एकमुश्त राशि के भुगतान का प्रस्ताव रखा है|एक मात्र बच्चा अगर लड़का है तो 80 हजार रुपये और लड़की है तो एक लाख रुपए दिए जाने की सिफारिश की है| लेकिन ये योजना सिर्फ गरीबी रेखा से जीवन यापन करने वाले दंपतियों के लिए ही है|