मुंबई: शिंदे गुट को 'शिवसेना' नाम और 'चुनाव चिन्ह' देने के चुनाव आयोग के फैसले पर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि,'यह अन्याय है, देश में तानाशाही शुरू हो गई है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि, बेहतर होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसा ऐलान कर दें कि- देश में तानाशाही है...| शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शिंदे गुट को 'शिवसेना' नाम और 'चुनाव चिन्ह' देने के चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की चेतावनी दी है|
चुनाव आयोग के फैसले पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि,ये अन्याय है, देश में तानाशाही की शुरुआत हो गई है, ऐसा ऐलान प्रधानमंत्री कर दें तो ज्यादा अच्छा रहेगा। देश में प्रजातंत्र नहीं रहा। उनमें (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) चुनाव कराने की हिम्मत नहीं है...सभी उनके गुलाम हैं|
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि,'' आप (प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी) कहते हैं कि कांग्रेस ने भी देश में सरकार गिराई थी, इसलिए तो आपको लाया था अब आप भी यही कर रहे हैं। इंदिरा गांधी में इमरजेंसी लगाने की हिम्मत थी, आपमें हिम्मत नहीं है। हम फैसले को चुनौती देंगे। सुप्रीम कोर्ट हमारी आखिरी उम्मीद है|
उद्धव ठाकरे ने कहा कि,''हम निश्चित तौर पर चुनाव आयोग के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। हमें यकीन है कि सुप्रीम कोर्ट इस आदेश को रद्द कर देगा और 16 विधायकों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा|
दरअसल, राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कहा था,''आपने कई राज्यों (कर्नाटक, महाराष्ट्र (MVA) ,मध्य प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर , अरुणाचल प्रदेश अदि राज्यों) में हमारी सरकारें दी है| जिसके जवाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था,'इंदिरा गांधी ने भी विपक्ष की सरकारें गिराई थी|
गौरतलब है कि, चुनाव आयोग ने आज शुक्रवार को आदेश दिया कि पार्टी का नाम शिवसेना और पार्टी का प्रतीक धनुष और तीर एकनाथ शिंदे गुट द्वारा रखा जाएगा।
भारत के चुनाव आयोग ने देखा कि शिवसेना का वर्तमान संविधान अलोकतांत्रिक है। बिना किसी चुनाव के पदाधिकारियों के रूप में एक गुट के लोगों को अलोकतांत्रिक रूप से नियुक्त करने के लिए इसे विकृत कर दिया गया है। इस तरह की पार्टी की संरचना विश्वास को प्रेरित करने में विफल रहती है।