मुंबई: शिंदे गुट को 'शिवसेना' नाम और 'चुनाव चिन्ह' देने के चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। चुनाव आयोग के फैसले पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि, यदि विधायकों और सांसदों की संख्या के आधार पर पार्टी का अस्तित्व तय किया जाएगा तो कोई भी पूंजीपति विधायक खरीद कर मुख्यमंत्री बन जाएगा|
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि,'मैंने कहा था कि चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले फैसला नहीं देना चाहिए। यदि विधायकों और सांसदों की संख्या के आधार पर पार्टी का अस्तित्व तय किया जाता है, तो कोई भी पूंजीपति विधायक, सांसद खरीद सकता है और मुख्यमंत्री बन सकता है|
उद्धव ठाकरे ने कहा कि,हम निश्चित तौर पर चुनाव आयोग के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। हमें यकीन है कि सुप्रीम कोर्ट इस आदेश को रद्द कर देगा और 16 विधायकों को सुप्रीम कोर्ट द्वारा अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा|
गौरतलब है कि, चुनाव आयोग ने आज शुक्रवार को आदेश दिया कि पार्टी का नाम शिवसेना और पार्टी का प्रतीक धनुष और तीर एकनाथ शिंदे गुट द्वारा रखा जाएगा।
भारत के चुनाव आयोग ने देखा कि शिवसेना का वर्तमान संविधान अलोकतांत्रिक है। बिना किसी चुनाव के पदाधिकारियों के रूप में एक गुट के लोगों को अलोकतांत्रिक रूप से नियुक्त करने के लिए इसे विकृत कर दिया गया है। इस तरह की पार्टी की संरचना विश्वास को प्रेरित करने में विफल रहती है।