मुंबई: शिवसेना नाम और चिह्न मिलने पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने लोकतंत्र की जीत बताया है| चुनाव आयोग के फैसले पर एकनाथ शिंदे ने कहा कि,''यह हमारे कार्यकर्ताओं, सांसदों, विधायकों, जनप्रतिनिधियों और लाखों शिवसैनिकों सहित बालासाहेब और आनंद दीघे की विचारधाराओं की जीत है। यह लोकतंत्र की जीत है|
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि,'यह देश बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा तैयार किए गए संविधान पर चलता है। हमने उस संविधान के आधार पर अपनी सरकार बनाई। चुनाव आयोग का आज जो आदेश आया है वह मेरिट के आधार पर है। मैं चुनाव आयोग का आभार व्यक्त करता हूं|
गौरतलब है कि, चुनाव आयोग ने आज शुक्रवार को आदेश दिया कि पार्टी का नाम शिवसेना और पार्टी का प्रतीक धनुष और तीर एकनाथ शिंदे गुट द्वारा रखा जाएगा।
भारत के चुनाव आयोग ने देखा कि शिवसेना का वर्तमान संविधान अलोकतांत्रिक है। बिना किसी चुनाव के पदाधिकारियों के रूप में एक गुट के लोगों को अलोकतांत्रिक रूप से नियुक्त करने के लिए इसे विकृत कर दिया गया है। इस तरह की पार्टी की संरचना विश्वास को प्रेरित करने में विफल रहती है।
उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने चुनाव आयोग के फैसले को ''लोकतंत्र की हत्या'' बताया है| राउत ने कहा,''सब ग़ुलाम बनकर बैठे हैं, ये लोकतंत्र की हत्या है|
चुनाव आयोग के फैसले पर उद्धव गुट के नेता संजय राउत ने कहा कि,''इस सरकार ने करोड़ो रुपये पानी की तरह बहाया है वो पानी कहां तक पहुंचा है ये दिख रहा है। हमें फिक्र करने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि जनता हमारे साथ है। हम नया चिह्न लेकर जाएंगे और फिर एक बार यही शिवसेना खड़ी करके दिखाएंगे| राउत ने कहा,''देश में लोकतंत्र बचा ही नहीं है। सब ग़ुलाम बनकर बैठे हैं, ये लोकतंत्र की हत्या है|