Ram Bahal Chaudhary,Basti
Share

यूपी एमएलसी चुनाव परिणाम: पहली बार विधान परिषद में बीजेपी को बहुमत, 36 में से 33 सीट जीती, सपा का सूपड़ा साफ; जिसकी पार्टी सत्ता में, उसके MLC...

  • by: news desk
  • 12 April, 2022
यूपी एमएलसी चुनाव परिणाम: पहली बार विधान परिषद में बीजेपी को बहुमत, 36 में से 33 सीट जीती, सपा का सूपड़ा साफ;  जिसकी पार्टी सत्ता में, उसके MLC...

उत्तर प्रदेश में विधान परिषद के 27 सीटों पर हुए चुनाव के नतीजे आ चुके हैं। भाजपा ने इसमें 24 सीटों पर जीत हासिल की है। इसके अलावा 9 सीटें चुनाव से पहले ही अपने पाले में कर ली थी। अब विधान परिषद यानी उच्च सदन में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। उसके पास 68 सदस्य हो गए हैं। जो बहुमत के आंकड़े 51 से कहीं ज्यादा है। आजादी के बाद पहली बार ऐसा हुआ जब यूपी के उच्च सदन में भाजपा ने बहुमत हासिल किया है।



वहीं, MLC चुनाव में सपा शून्य पर सिमटी है। हालांकि 17 सदस्य उसके पास हैं। 2017 में जब योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने थे तब सपा सबसे बड़ी पार्टी थी। उसके बाद सपा की सीटें लगातार घटती चली गई। योगी के सत्ता में रहते हुए भाजपा के 50% से ज्यादा MLC बढ़े हैं। वहीं, पहली बार ऐसा होगा कि 2 महीने के बाद उच्च सदन कांग्रेस विहीन हो जाएगा। वर्तमान में दीपक सिंह इकलौते कांग्रेस के MLC हैं। उनका कार्यकाल में जुलाई में पूरा हो रहा है। इसके बाद कांग्रेस का कोई सदस्य उच्च सदन में मौजूद नहीं रहेगा।




MLC चुनाव में भाजपा सिर्फ 3 सीट हारी है, ये सीटें आजमगढ़, प्रतापगढ़ और बनारस हैं। इन तीनों जगहों से जीतने वाले चेहरों के नाम विक्रांत सिंह, अक्षय प्रताप सिंह और अन्नपूर्णा सिंह हैं। इनमें दो निर्दलीय और एक राजा भैया की पार्टी के उम्मीदवार हैं। इस तरह जिन 36 सीटों पर MLC चुनाव हुए और उनमें से भाजपा जो 3 सीटें हारीं, उन सभी पर ठाकुर चेहरे ही जीते हैं।



खास बात वाराणसी-चंदौली-भदोही सीट पर भाजपा प्रत्याशी डॉ. सुदामा पटेल की जमानत तक जब्त हो गई है। उन्हें बाहुबली बृजेश सिंह की पत्नी और निर्दलीय प्रत्याशी अन्नपूर्णा सिंह ने हरा दिया। प्रतापगढ़ में भाजपा प्रत्याशी हरि प्रताप सिंह को राजा भैया के करीबी अक्षय प्रताप सिंह ने हराया।



तीसरी सीट आजमगढ़ रही। यहां पर भाजपा के MLC यशवंत सिंह ने बगावत कर अपने बेटे विक्रांत सिंह को निर्दलीय चुनावी मैदान में उतार दिया। भाजपा ने रमाकांत यादव के बेटे अरुणकांत यादव को प्रत्याशी बनाया था, लेकिन जीते विक्रांत सिंह।




सत्ता में जिसकी पार्टी, उसके सबसे अधिक MLC, जानिए बीते तीन चुनाव का ट्रेंड

पहले बात करते हैं 2004 की। तब मुलायम सिंह यादव यूपी की सत्ता में थे। तब 36 सीटों पर चुनाव हुए तो सपा ने 24 सीटें जीती थीं। इसके बाद 2010 में बसपा अध्यक्ष मायावती सूबे की मुख्यमंत्री बनीं। उनके मुख्यमंत्री रहते 36 सीटों पर चुनाव हुए तो 34 सीटें उनकी झोली में आई थी। इसके बाद अखिलेश यादव के कार्यक्रम में भी वही ट्रेंड नजर आया। 2016 के चुनाव में सपा ने 36 में से 31 सीट हासिल की थी।




4 दशक बाद उच्च सदन में कोई पार्टी बहुमत में आई

यूपी में 4 दशक बाद भाजपा ऐसी पहली पार्टी है, जिसने उच्च सदन में बहुमत के आंकड़े को छुआ है। इससे पहले 1982 में कांग्रेस के पास पूर्ण बहुमत था। यूपी विधानसभा में 100 सीटें हैं। 51 बहुमत का आंकड़ा है। इस समय भाजपा के पास 68, सपा 17, बसपा 4, कांग्रेस, अपना दल (एस), निषाद पार्टी, जनसत्ता दल के एक-एक सदस्य हैं। वहीं शिक्षक दल के 2 और निर्दलीय 4 सदस्यों को मिलाकर कुल 99 सदस्य हैं। योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा चुनाव जीतने के बाद MLC पद से इस्तीफा दे दिया था। उनकी सीट खाली है।




वाराणसी में भाजपा की करारी हार

वाराणसी सीट पर बाहुबली बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा देवी ने बीजेपी के सुदामा पटेल को चुनाव हराया है। सुदामा पटेल यहां तीसरे नंबर पर आए हैं। बृजेश सिंह इस समय जेल में हैं। बता दें कि 9 अप्रैल को हुए मतदान के लिए MLC चुनाव के 58 जिलों में 739 बूथ बनाए गए थे, जिसमें एक लाख 20 हजार 657 मतदाताओं ने वोट डाले थे। इस चुनाव में सांसद, विधायक, सभी प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्‍य और अध्यक्ष, जिला पंचायत सदस्‍य और अध्यक्ष के साथ नगर निगम के पार्षद, मेयर, नगर पंचायतों के सदस्य और अध्यक्षों ने मतदान किया।




वाराणसी में 24 साल से बृजेश सिंह का ही दबदबा

वाराणसी में 3 उम्मीदवार मैदान में थे, जिसमें निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा सिंह भी थीं। 24 साल से बनारस की इस सीट पर केंद्रीय जेल में बंद बृजेश सिंह और उनके परिवार का ही कब्जा रहा है। बृजेश सिंह के बड़े भाई उदयभान सिंह उर्फ चुलबुल सिंह 1998 में MLC बने। वह यहां से दो बार MLC चुने गए।




इसके बाद 2010 में बृजेश सिंह की पत्नी अन्नपूर्णा सिंह BSP के टिकट से इस सीट पर MLC बनीं। 2016 में बृजेश सिंह मैदान में उतरे तो BJP ने उन्हें समर्थन दिया और उनके खिलाफ कोई प्रत्याशी नहीं उतारा।



आजमगढ़ में 2 बाहुबलियों के बीच थी लड़ाई

MLC और BJP से 6 सालों के लिए निष्कासित यशवंत सिंह के बेटे विक्रांत सिंह आजमगढ़ से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतरे थे। दूसरी ओर बाहुबली रमाकांत यादव के बेटे अरुण कांत यादव थे। इस राजनीतिक जंग में बाहुबली रमाकांत यादव पर यशवंत सिंह भारी पड़ गए। सत्ता पक्ष के प्रत्याशी होने के बावजूद अरुण कांत यादव, विक्रांत सिंह से 2813 मतों के भारी अंतर से पराजित हो गए। विधानसभा चुनाव में सपा ने आजमगढ़ की सभी सीटें जीती थीं। लेकिन MLC चुनाव में तीसरे स्थान पर रही।



कोर्ट से 7 साल की सजा पाने वाले अक्षय प्रताप सिंह 5वीं बार जीते

प्रतापगढ़ से जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के प्रत्याशी अक्षय प्रताप सिंह चुनाव जीते हैं। अक्षय लगातार पांचवीं बार इस सीट पर जीत दर्ज की है। यहां से बीजेपी ने पूर्व विधायक हरि प्रताप सिंह को मैदान में उतारा था। कुंडा के विधायक रघुराज प्रताप सिंह ऊर्फ राजा भैया के करीबी अक्षय प्रताप आए दिन विवादों में रहते हैं।



विधान परिषद चुनाव से पहले फर्जी पते पर शस्‍त्र लाइसेंस लेने के एक मामले में कोर्ट ने अक्षय प्रताप को सात साल की सजा सुनाई थी। हालांकि बाद में उन्‍हें जमानत भी मिल गई। अक्षय गोपाल यहां से 1998 से ही MLC चुने जाते रहे हैं। 2004 में सांसद बनने पर खाली MLC सीट पर राजा भैया के सहयोगी आनंद भूषण सिंह जीते थे। पिछले दो चुनाव में सपा के टिकट पर अक्षय प्रताप फिर से चुनकर आए थे।





भाजपा को 33 सीटें, सपा शून्य पर सिमटी

विधान परिषद की जिन 36 सीटों पर चुनाव हुआ, उनमें से 9 पर भाजपा ने पहले ही निर्विरोध जीत हासिल कर ली थी। इसके बाद 9 अप्रैल को 27 सीटों पर मतदान हुआ था। जिनके मंगलवार को आए नतीजों में ‌BJP ने 24 सीटों पर जीत हासिल की है। 2 सीटें निर्दलीय प्रत्याशियों के हिस्से गई हैं, वहीं एक सीट पर जनसत्ता दल को जीत मिली है। इस चुनाव में मुख्य विपक्षी दल सपा का सूपड़ा साफ हो गया है। वहीं, बसपा और कांग्रेस ने प्रत्याशी ही नहीं उतारे थे।









आप हमसे यहां भी जुड़ सकते हैं
TVL News

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें : https://www.facebook.com/TVLNews
चैनल सब्सक्राइब करें : https://www.youtube.com/TheViralLines
हमें ट्विटर पर फॉलो करें: https://twitter.com/theViralLines
ईमेल : thevirallines@gmail.com

You may like

स्टे कनेक्टेड

विज्ञापन