जयपुर: भारत के मुख्यन्यायधिश एनवी रमना ने कहा कि,'' राजनीतिक विरोध का दुश्मनी में तब्दील होना 'स्वस्थ' लोकतंत्र की निशानी नहीं है|सीजेआई ने कहा कि राजनीतिक विपक्ष दुश्मनी में तब्दील हो रहा है। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कि यह स्वस्थ लोकतंत्र का संकेत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायधिश एनवी रमना ने कहा कि,'राजनीतिक विरोध को दुश्मनी में नहीं बदलना चाहिए, जिसे हम दुखद रूप से देख रहे हैं| स्वस्थ लोकतंत्र के संकेत नहीं है|
CJI एनवी रमना ने देश में पारित हो रहे नए कानूनों पर अपनी प्रतिक्रिया दी है| उन्होंने कहा कि आज बिना विचार-विमर्श और समीक्षा के कानून पारित किए जा रहे हैं, ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि मौजूदा समय में राजनीति "कठोर हो गई है"|
देश के मुख्य न्यायधिश ने कहा कि संसदीय लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए विपक्ष को भी मजबूत करने की मांग होती है.|हमारे पास सरकार का एक रूप है जहां कार्यपालिका, राजनीतिक और संसदीय दोनों, विधायिका के प्रति जवाबदेह हैं| जवाबदेही लोकतंत्र का मूल सिद्धांत है|
रमना ने कहा कि,'' मैनें कई मौकों पर संसदीय बहसों और संसदीय समितियों के महत्व पर प्रकाश डाला है| सही में मैं विधायी बहसों की प्रतीक्षा करता था| उस समय खास यह था कि विपक्ष के नेता प्रमुख भूमिका निभाते थे| सरकार और विपक्ष के बीच काफी आपसी सम्मान हुआ करता था| दुर्भाग्य से विपक्ष की गुंजाइश कम होती जा रही है|
CJI एनवी रमना ने ये बाते जयपुर में नालसा द्वारा आयोजित राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों के 18वें अखिल भारतीय सम्मेलन में कही| इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी देश की न्याय व्यवस्था और पीएम मोदी पर शनिवार निशाना साधा|