नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा संसद के दोनों सदनों से पारित कृषि विधेयक अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद कानून बन चुके हैं| इस कानून को लेकर किसानों और विपक्षी पार्टियों का विरोध प्रदर्शन जारी है| जहां एक तरफ प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस इसे लेकर सड़कों पर हैं वहीं दूसरी तरफ NDA में बीजेपी के सबसे पुराने सहयोगी रही शिरोमणि अकाली दल भी इसके खिलाफ आवाज बुंदल किए हुए है|
कृषि विधेयक के विरोध में पहले अकाली दल के कोटे से केंद्र में मंत्री हरसिमरत कौर ने 17 सितंबर को इस्तीफा दे दिया था| उसके बाद शनिवार को अकाली दल ने भी सत्ताधारी एनडीए से नाता तोड़ लिया| कृषि विधेयक के विरोध में बगावत पर उतरी शिरोमणि अकाली दल की अब मुसीबत बढ़ने वाली है|
केंद्र सरकार शिरोमणि अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर की संपत्ति से जुड़े सभी पुराने मामलों को दोबारा खोलने जा रही है| बताया जा रहा है प्रवर्तन निदेशालय (ED) हरसिमरत कौर की संपत्ति से जुड़े सारे पुराने मामले दोबारा खोल सकती है| वही अब इस मामले पर शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने कहा है कि ये सब पुराने हथकंडे हैं| ऐसी चीजों से नहीं घबराना हमने अपने गुरू से सीखा है।
ED द्वारा उनकी संपत्ति से जुड़े सारे पुराने मामले दोबारा खोले जाने के सवाल पर हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि,''ये तो पुराने हथकंडे हैं। ऐसी चीजों से नहीं घबराना हमने अपने गुरू से सीखा है। जब मालिक साथ है तो ऐसे में चाहे ये जितनी भी चीजें कर लें जितने भी वार कर लें मुझे कोई डर नहीं|