नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा संसद के दोनों सदनों से पारित तीन कृषि विधेयकों पर राष्ट्रपति ने हस्ताक्षर कर दिए हैं। यानी अब ये कानून बन गए हैं। इस कानून को लेकर देशभर में प्रदर्शन जारी है। सोमवार को भी देश के कई हिस्सों में कानून के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है।
कृषि विधेयक पर राजस्थान कांग्रेस विधायक सचिन पायलट ने कहा, राज्यसभा में बिल पारित करते हुए जिस प्रक्रिया का पालन किया गया उससे पता चलता है कि केंद्र सरकार के पास बहुमत नहीं था। जब राज्यसभा में वोटरों का विभाजन मांगा गया तब उपसभापति ने इसे अनसुना कर जबरदस्ती से बिल पारित करवाया|
सोमवार को सचिन पायलट ने कहा,''इस कानून की मांग किसने की थी? या तो किसान कहते कि हमारी ये मांग है तो आप उसकी मांग को पूरा करते। जब आप अकाली दल की कैबिनेट मंत्री को समझा नहीं पाए। आप किसानों को क्या समझा पाएंगे : राजस्थान कांग्रेस विधायक सचिन पायलट
सचिन पायलट ने कहा,'कृषि राज्य का विषय है और केंद्र सरकार ने ये कृषि बिल पारित करने से पूर्व किसी भी राज्य की सरकार से कोई बात नहीं की। केंद्र सरकार को ये कृषि बिल पारित करने से पूर्व राज्य सरकारों, विपक्षी दलों, कृषि वैज्ञानिकों, कृषि विशेषज्ञों और किसान संगठनों के साथ चर्चा करनी चाहिए थी।
कांग्रेस विधायक ने कहा,''न्याय व्यवस्था व संविधान के दायरे में रहकर हर व्यक्ति अपनी मांग को रख सकता है। कोई भी व्यक्ति जो हिंसा के रास्ते पर जाने की कोशिश करता है, वो प्रदेश का हित नहीं चाहता। जो भी चर्चा करनी हो वो संवाद के माध्यम से करनी चाहिए, क्योंकि कोई भी आंदोलन हो, वो अंततः वार्ता से ही सुलझता है।
कांग्रेस विधायक सचिन पायलट ने कहा,हिंसा किसी भी मुद्दे का समाधान नहीं हो सकती। जो व्यक्ति अपनी मांग को मनवाना चाहता है, वो आगे आकर संवाद करे। वार्ता के माध्यम से हर समस्या का समाधान हो सकता है।