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मोदी सरकार ने चीन को सौंप दी एक हजार वर्ग किलोमीटर की जमीन: कांग्रेस का हमला, कहा- PM मोदी की फर्जी छवि को उभारने -बचाने के लिए राष्ट्रहित को ताक पर रखा जा रहा

  • by: news desk
  • 14 September, 2022
मोदी सरकार ने चीन को सौंप दी एक हजार वर्ग किलोमीटर की जमीन: कांग्रेस का हमला, कहा- PM मोदी की फर्जी छवि को उभारने -बचाने के लिए राष्ट्रहित को ताक पर रखा जा रहा

नई दिल्ली: भारतीय सेना और चीन आर्मी (पीएलए) पूर्वी लद्दाख में ''गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स PP-15 के क्षेत्र से पीछे हट गए हैं|  भारत और चीन की सेनाओं ने  13 सितंबर, 2022 को  पूर्वी लद्दाख सेक्टर में पेट्रोलिंग पॉइंट-15 के पास गोगरा हाइट्स-हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र में डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया पूरी कर ली| पूर्वी लद्दाख में ''गोगरा-हॉट स्प्रिंग्स PP-15 के क्षेत्र से वापसी को लेकर कांग्रेस पार्टी ने केंद्र की मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला है। सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि भारतीय सेना अपनी पहले की पैट्रोलिंग की स्थिति से हट रही है, यह वापसी नहीं है बल्कि सरकार ने समझौता किया है, यथास्थिति कहां है? उन्होंने कहा कि जून 2020 में मोदी जी ने वक्तव्य दिया था- हमारी सीमा में कोई घुसा हुआ नहीं है।  चीन पीएम मोदी की उसी बात का हवाला देकर कहा रहा है कि देखिए- भारत के प्रधानमंत्री भी यही कह रहे हैं। मतलब पीएम मोदी और चीन का PLA एक ही बात कर रहे हैं |



प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि ,'पिछले दो दिनों से पूर्वी लद्दाख में हॉट स्प्रिंग्स पेट्रोलिंग प्वाइंट-15 में भारत और चीन के डिसइंगेजमेंट को लेकर काफी शोर मचाया जा रहा है। सरकार भी शोर मचा रही है और कुछ चरण चुंबक भी शोर मचा रहे हैं, लेकिन सच्चाई बड़ी भयावह है और सच्चाई यह है कि ये डिसइंगेजमेंट नहीं है, ये एक कॉम्प्रोमाइज सरकार के द्वारा किया जा रहा है। क्योंकि मेरी समझ से परे है और हम सबकी समझ से परे है कि ये कैसा समझौता है, जहाँ पर हम अपनी ही जमीन पर अपने ही पेट्रोलिंग के अधिकार को त्याग रहे हैं। 



हम अभी तक पेट्रोलिंग प्वाइंट-15 तक पेट्रोलिंग करते थे, उसको त्यागकर अब वहाँ पर बफर जोन बन जाएगा। यह कैसा समझौता है, यह कैसा राष्ट्रहित है, ये हमारी समझ से परे है। पर दिक्कत की बात ये है कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। बार-बार डिसइंगेजमेंट के नाम पर हमारे ही पेट्रोलिंग क्षेत्र बफर जोन में आ जाते हैं और हम अपनी पेट्रोलिंग का अधिकार छोड़ रहे हैं और ये अप्रैल 2020 के पूर्व की याथावत स्थिति नहीं है, जिसको स्टेटस को एंटे कहा जाता है, अप्रैल 2020 का; वो ये नहीं है और याद रखिए इसी स्टेटस को एंटे के लिए हमारे 20 सैनिकों ने सुप्रीम सेक्रिफाइस, शहादत दी थी



सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि ,'ये कौन सी यथावत स्थिति है, यह हम जानना चाहते हैं? क्योंकि बार-बार अपने पेट्रोलिंग प्वाइंट्स के अधिकार को छोड़कर उनको बफर जोन में डाल देने से करीब 1 हजार वर्ग किलोमीटर से अधिक के क्षेत्र पर हम अपना नियंत्रण खो चुके हैं और ये सिर्फ और सिर्फ मोदी जी की फर्जी छवि को उभारने के लिए, उसको बचाने के लिए हो रहा है। क्या इसमें कोई इत्तेफाक है कि ये जो लेटेस्ट डिसएंगेज्मेंट है, जो 16 राउंड कोर कमांडर टॉक्स के बाद और उसके 53 दिन के बाद एक स्टेटमेंट के जरिए आया है। 



उन्होंने कहा कि ,''क्या ये इत्तेफाक है कि ये डिसएंगेज्मेंट उस एससीओ की उस मीटिंग से महज दो दिन पहले हो रहा है, जब मोदी जी और शी जिनपिंग एक बार फिर गलबहियाँ करेंगे, उज्वेकिस्तान में, एससीओ की समिट में मिलेंगे, वहाँ पर? क्या ये इत्तेफाक है, क्या फिर से झूठी छवि को बचाने के लिए राष्ट्रहित को ताक पर रखा जा रहा है? 



कांग्रेस नेता ने कहा कि ,'ये बात सच है कि आज विदेश नीति पूरी तरह से सस्ती लोकप्रियता का शिकार हैं। जो विदेश नीति राष्ट्रहित के लिए नहीं पर सस्ती लोकप्रियता, झूठी वाहवाही के लिए हो रही है। मोदी जी अपनी महिमामंडन में, अपनी झूठी वाहवाही में इस तरह मशगुल हैं, कि उनको शायद भूभागीय अखंडता और राष्ट्रहित के साथ समझौता करने में भी परहेज नहीं है, पर उनकी ये जो कमजोरी है न, झुठा महिमामंडन, झूठी छवि, झुठा फर्जीवाड़ा इसको चीन अच्छी तरह से समझ गया है। क्योंकि इसी के चलते वो रणनीति बना रहा है।




कांग्रेस नेता ने कहा कि ,'पहले वो अतिक्रमण करता है। उसके बाद अतिक्रमण करके वो उस हिस्से को बफर जोन बना देता हैं, जहाँ पर हम पेट्रोलिंग कर रहे थे। हम प्वाइंट- 'ए' तक पेट्रोलिंग कर रहे है, अब वो प्वाइंट- 'ए' बफर जोन में आ गया, हमारा वहाँ पर जाना छूट गया, और यहाँ पर वाहवाही बटोरी जा रही है। वाह मोदी जी वाह. इस कमजोरी को समझने के बाद ही चीन ये धृष्टता कर रहा है और ऐसा करते वक्त चीन का सबसे बड़ा हथियार वो है, जो प्रधानमंत्री मोदी ने जून 2020 में बोला था। चीन बार-बार कहता है आप ही के प्रधानमंत्री ने तो कहा था कि कोई घुसा हुआ नहीं है। तो सोचिए चीन हमारे यहाँ अतिक्रमण करता है, हमें अपने पेट्रोलिंग प्वाइंट से पीछे धकेलता है और किसके सौजन्य से कर रहा है, मोदी जी के उस झूठे वक्तव्य के सौजन्य से, जो उन्होंने बिना पलक झपकाए पूरे देश के सामने बोला था। तो एक बात तो साफ है प्रधानमंत्री मोदी और चीन का पीएलए एक ही भाषा बोल रहा है। अब इसके बारे में मोदी जी, उनके चरण चुंबक क्या कहेंगे, ये भी देखना है।



सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि,''ऐसा करते वक्त प्रधानमंत्री मोदी जी को सस्ती लोकप्रियता याद रहती है, राजनीति याद रहती है, लेकिन क्या उनको सेना का मनोबल कमजोर करते वक्त रत्तीभर भी दर्द नहीं होता है। ये सेना का शौर्य और पराक्रम था कि हमने ब्लैक टॉप पर कब्जा किया। आपने सेना को वहाँ से पीछे हटा दिया। जो सेना ने अपने पराक्रम और शौर्य से लिया था। हम गलवान और पैंगोंग झील पर पेट्रोलिंग करते थे, आपने उन पेट्रोलिंग प्वाइंट से उनको पीछे कर दिया है। जहाँ पर हम गश्त करते थे, अब वो बफर जोन बन गया है। जहाँ तक हम गश्त करते थे, वो हमारा हक था, हमारी जमीन थी, अब वो बफर जोन में आ गई है।



देश की जनता की आंखों में धूल झोंक रही मोदी सरकार 

कांग्रेस नेता ने कहा कि ,एक बहुत बड़ा ज्वलंत सवाल ये है कि आपने गलवान में जो किया, अब डेप्सांग और डेमचोक के बारे में बहत चिंता लोग जाहिर कर रहे हैं, क्योंकि डेपसांग का जो वाई जंक्शन है, वहीं से हमारे हथियारों की, हमारे सशस्त्र बलों की, हमारी सेना की आपूर्ति का वो रास्ता है और वहाँ पर चीन घुसपैठ करके उस वाई जंक्शन पर बैठा है, उसको कैसे धकेला जाएगा, ये आज बहुत बड़ा सवाल है और ये बहुत ही रणनीतिक जगह है हमारे लिए, जिसके बारे में सुंई पटक सन्नाटा है, मोदी सरकार में,..



क्योंकि ये साफ है कि इस पूरे मायाजाल को रचने के लिए लोगों की आँख में धल झोंकी गई। क्या बोला गया- हम चीनी एप बैन कर रहे हैं। बहुत बढ़िया, आपने चीनी एप बैन की, 31 महीने से हमारी सीमा पर संकट है। हमारे 20 जवानों की शहादत हुई है। 31 महीने से सेना हमारे राष्ट्र की सुरक्षा कर रही है, वहाँ पर और 31 महीने में मोदी सरकार ने चीन पर हमारा जो निर्भरता है, वो बढ़ाई है। चीन हमारा ट्रेडिंग पार्टनर सबसे ज्यादा बना, चीन से सबसे ज्यादा इंपोर्ट हो रहा है, लगातार चीन पर हमारी निर्भरता को बढ़ाने का काम मोदी जी ने किया है। लोगों की आँख में धूल डाली कि हम एप को बैन कर रहे हैं। 



सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि,''तो हमारे 4 ही सवाल हैं और ये सवाल बड़े ज्वलंत हैं और ये सवाल आज देश जानकार, रक्षा विशेषज्ञ, पूर्व रक्षा के सेना के अधिकारी लगातार पूछ रहे हैं कि आखिर अप्रैल 2020 की पहले की यथावत स्थिति, स्टेटस को एंटे, जिसका आपने वादा किया था, मेंटेन करने का, उसको मेंटेन क्यों नहीं किया जा रहा है? क्यों नहीं हमारे जहाँ पर सैनिक, सेना गश्त करती थी, वहाँ पर आज गश्त कर पा रही है?



हमारा सवाल है कि क्या भारतीय सेना पेट्रोलिंग प्वाइंट -14 गलवान घाटी में, पेट्रोलिंग प्वाइंट15 हॉट स्प्रिंग्स में, पेट्रोलिंग प्वाइंट-17 गोगरा में आज गश्त कर सकती है? क्योंकि अप्रैल 2020 के पहले हम यहाँ पर गश्त कर रहे थे। डेप्सांग और डेप्चांग को लेकर सरकार की क्या नीति है, आज ये भी पूछना जरूरी है? 



उन्होंने कहा कि,''आज ये भी पूछना जरूरी है कि अरुणाचल में चीन एक गांव बसा देता है, हमारे नागरिकों का अपहरण कर लेता है, अतिक्रमण करता है, सरकार का मौन क्यों है? मोदी जी वो लाल आँखें आप कब खोलेंगे, या चीनी प्रेम में आप वो लाल आँखें भी भूल गए हैं और आपकी 56 इंच की तथाकथित छाती कुंद हो गई है, असलियत सिर्फ ये है।



कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि ,' चीनी प्रेम आपको छोड़ना पड़ेगा और राष्ट्र प्रेम और राष्ट्र हित में काम करना पड़ेगा। क्योंकि चीन समझ चुका है कि ये सरकार सिर्फ प्रचार के लिए काम करती है। अगर ऐसा न होता तो डोकलाम में फ्रिक्शन प्वाइंट से चीन पीछे हुआ, पर सारे प्लैटो पर चीन ने फोर्टिफिकेशन किया, वहाँ पर अतिक्रमण किया, आज भी मौजूद है। तो प्रधानमंत्री मोदी के झूठे महिमामंडन और फर्जीवाड़े के चलते, जो देश को झेलना पड़ रहा है, जो हमारी सेना के मनोबल को कमजोर करने का काम हो रहा है, उसके बारे में सवाल जरुर पूछे जाएंगे।



सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि,''आखिर कैसे एक हजार वर्ग किलोमीटर की जमीन चीन के कब्जे में आ गई? आखिर कैसे पेट्रोलिंग प्वाइंट जहाँ पर हम गश्त करते थे, हम उससे पीछे हो गए? आखिर क्यों हमारा हिस्सा बफर जोन बन जाता है, चीन को क्यों लगता है कि मोदी जी मान जाएंगे? और अंततोगत्वा सिर्फ एक ही सवाल जो पूरा देश पूछ रहा है- क्या बहुत देर हुई है, क्या मोदी जी अब बोलेंगे कि मैंने तब गलत कहा था और लोग घुसे हुए हैं और आज भी घुसे हुए हैं और उनको धकेलना है और यही राष्ट्रहित है। पर चीनी प्रेम को तो छोड़ना ही पड़ेगा मोदी जी।



एक प्रश्न के उत्तर में श्रीमती सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि हम सबसे पहले ये उम्मीद कर रहे हैं कि देश के प्रधानमंत्री देश हित में, राष्ट्र हित में, भूभागीय अखंडता के हित में, राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में चीन पर अपनी चुप्पी तोड़ेंगे और देश को बताएंगे कि क्यों जो हमारा भाग था, वो बफर जोन बनता जा रहा है? क्यों 1,000 वर्ग किलोमीटर की भूमि आज बफर जोन, आज चीन के कब्जे में आ गई है? हम सबसे पहले ये अपेक्षा करते हैं, प्रधानमंत्री से। 



हम सवाल करते हैं प्रधानमंत्री से कि अपने झूठे महिमा मंडन, अपनी झूठी, सस्ती, लोकप्रियता के चलते, क्या आप राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ इस तरह का समझौता करने को तैयार हैं? क्योंकि प्रतीत यही होता है। क्या यह महज एक इत्तेफाक है कि ये जो लेटेस्ट डिसइंगेज्मेंट आया है. हॉट स्प्रिंग्स में, पेट्रोलिंग प्वाइंट-15 पर, वो महज एससीओ के उस समिट के दो दिन पहले आया है, जहाँ पर शी जिनपिंग और मोदी जी मिलेंगे।



सबको पता है, मोदी जी का चीनी प्रेम, 18-18 बार चीन गए हैं, गलबइयाँ की हैं, झूले, झूले हैं, साबरमती के तट पर, महाबलीपुरम पर बैठकर शहनाई वादन सुना एक साथ, लेकिन अब राष्ट्रहित के बारे में बात करनी पड़ेगी। अब गले मिलने का, झूले झूलने का, पींगे मारने का टाइम खत्म हो चुका है। 20 वीर सपूतों को इस देश ने शहीद होते हुए देखा है, आज हम पूछना चाहते हैं, उनकी शहादत का बदला, क्या आपका मौन है, मोदी जी?



एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्रीमती श्रीनेत ने कहा कि मुझे ये लगता है कि देश के प्रधानमंत्री होने के नाते उनको उठाना चाहिए। लेकिन मोदी जी की कथनी और करनी में बहुत अंतर है। मोदी जी तो चीन को सबक सिखा रहे थे, लाल आँख दिखा रहे थे, अब तो मोदी जी ने आँखें ही मूंद ली हैं, आँखें ही नहीं खोलते है, लाल आँखें दिखाना छोड़ दीजिए। मोदी जी ने देश की आँखों में खूब धूल झोंकी। खूब तालियाँ बटोरी कि हम चीन के एप बैन कर रहे हैं, लेकिन चीन को हमारा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर बनाया और चीन के आए हुए आयात पर इंपोर्ट पर देश की निर्भरता पिछले 75-76 सालों में सबसे ज्यादा अब बढ़ा दी है। तो मोदी जी की कथनी और करनी में बहुत अंतर है। 



मोदी जी जब विपक्ष में थे, तो बड़ी-बड़ी बातें करते थे, अब जब से मोदी जी प्रधानमंत्री बन गए हैं, न लाल आँख खोलते हैं न 56 इंच की छाती दिखाते हैं. न अपनी प्रतिष्ठा की चिंता करते हैं।




एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्रीमती श्रीनेत ने कहा कि इसका आधार ये है जो मैंने आपको, वैसे तो बहुत कुछ है, लेकिन तीन पेट्रोलिंग प्वाइंट्स की जो मैं बात कर रही हूँ। गलवान वैली जहाँ पर शहादत हुई लोगों की, वहाँ पर पेट्रोलिंग प्वाइंट 14 तक हम गश्त करते थे। हॉट स्प्रिंग के पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 तक हम गश्त करते थे और गोगरा के पेट्रोलिंग प्वाइंट 17 तक हम गश्त करते थे, आज वो सारे इलाके जहाँ तक हम गश्त कर रहे थे, वो बफर जोन में आ गए हैं, हम वहाँ तक जा नहीं सकते हैं। ऐसी कितनी ही जमीन, जिसका कुल योग करीब एक हजार वर्ग किलोमीटर है, और ये बिना बोले, बिना बात किए, ये जमीन चीन को दे दी गई है। तो ये अपने आप में एक बहुत बड़ी चिंता का विषय है। देखिए जाकर रक्षा विशेषज्ञ क्या कह रहे हैं? पूर्व सेना के अधिकारी क्या कह रहे हैं? पूर्व सेना प्रमुख क्या कह रहे हैं कि ये सिर्फ आँख में धूल झोंकने वाली बात है, स्टेटस को एंटे जब तक अप्रैल 2020 के पूर्व की यथास्थिति नहीं बनती है, तब तक ये सब बातें बेमानी है। आप क्यों अपने गश्त किए हुए इलाकों को छोड़कर पीछे हट रहे हैं, आज ये सवाल है और उसका आधार भी यही है।




एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्रीमती श्रीनेत ने कहा कि मुझे लगता है कि जो भी स्टूडेंट्स के और राष्ट्रहित में होना चाहिए, वो सरकार को करना चाहिए। 




गोवा में दल-बदल के बारे में पूछे एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्रीमती श्रीनेत ने कहा कि ये ऑपरेशन कमल और ऑपरेशल लोटस का एक और नमूना है और वो ऑपरेशन लोटस या ऑपरेशन कमल, जिसको आप में से आपके कुछ साथी चाणक्य नीति बताते हैं, वो देश का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार है, वो देश की संस्थाओं का सबसे बड़ा दुरुपयोग है। मुझे नहीं पता कि ये लोग, पैसे के लोभ में, पद के लोभ में या ईडी, सीबीआई, इंकम टैक्स के डर से वहाँ गए हैं, लेकिन अमूमन देखा ये गया है कि जो जाता है, वो गंगा नहाकर, सारे दाग-धब्बे धोकर साफ हो जाता है और बाकियों के पीछे एजेंसीज छोड़ी जाती हैं। 



मेरा अपना मानना ये है कि भारत जोड़ो यात्रा जो हम कर रहे हैं, और उसमें जिस तरह का जनसंवाद हो रहा है, उसमें जिस तरह से जनता का पार्टिसिपेशन हो रहा है, जिस तरह से जनसैलाब उमड़ रहा है, उसने भारतीय जनता पार्टी के पैरों के तले से जमीन खिसका दी है। होश फाख्ता हैं, इन लोगों के। जब सोते कहाँ हैं, पहनते क्या हैं, खाते क्या हैं, किससे बात करते हैं, पर बात नहीं बनी तो धर्म पर भी आकर कोशिश हुई, उससे भी बात नहीं बनी, क्योंकि मुद्दा महंगाई और बेरोजगारी है, तो अब ये किया जा रहा है। आप ऐसे ऑपरेशन करते रहिए। आपको लगता है कि इससे डर कर हम चुप हो जाएंगे, मुझे लगता है, देश आपको नमूना दिखा रहा है अभी तमिलनाडु और केरल में और आगे पूरे देश में। 



श्रीनेत ने कहा कि,''गोवा के उन विधायकों ने, जब लोगों से जाकर वोट मांगा था, तो भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ अपने लिए वोट मांगा था। किस मुंह से आज आप भाजपा ज्वाइन कर रहे हैं। पॉलिटिक्स में या राजनीति में विचारधारा नाम की कोई चीज होती है या उस पर आप कुलांचे मारकर बदल लेते हैं। मेरा अपना मानना है कि विपक्ष की राजनीति करना आज बहुत मुश्किल काम है और खासतौर से उन लोगों के लिए जो एजेंसीज से डर जाते हैं और लोभ की लोलुपता में बह जाते हैं। अगर ऐसा नहीं होता है तो आप साथ मिलकर लड़ाई करते हैं, जैसे हजारों, करोड़ों, लाखों लोग इस देश में कर रहे हैं।



अरविंद केजरीवाल के बारे में पूछे एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्रीमती श्रीनेत ने कहा कि  ऐसा है कि मुझे ऐसा लगता है कि इस मंच से हमें शायद अरविंद केजरीवाल जी के बारे में बात करनी बंद कर देनी चाहिए और इसलिए कर देनी चाहिए, कि वो एक जिम्मेदार राजनैतिक व्यक्ति हों तो उनके बारे में बात की जाए। वो एक स्टंटमैन हैं, वो स्टंट करते है। पॉलिटिक्स और राजनीति उनको लगता है कि स्टंट है। वो प्रचारजीवी में मोदी जी से भी दो हाथ आगे निकलने की कोशिश कर रहे हैं, तो उनकी बातों का क्या तथ्य है, उनकी बातों का क्या अर्थ है, बेमानी बातें होती हैं, उनका जिक्र नहीं करना चाहिए, नॉन सीरियस बातें हैं।



एनसीपीसीबार द्वारा भारत जोड़ो यात्रा के लिए कांग्रेस की शिकायत करने से संबंधित एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्रीमती श्रीनेत ने कहा कि मुझे नहीं पता कि इसको मैं मानसिक दिवालियापन कहूँ या नैतिक दरिद्रता का नाम दूँ। वही एनसीपीसीआर, जिसकी स्थापना हमारे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जी ने की थी आज आरएसएस की शाखा की तरह काम कर रहा है। उनको कुपोषण से ग्रसित बच्चे नजर नहीं आते हैं। सतना में 7 साल की बेटी, जो 7 किलो की है और जबरदस्त कुपोषण का शिकार है, उसकी पिक्चर वायरल होती है, एनसीपीसीआर के कान में तक नहीं रेंगती है। इस तरह के भद्दे, घटिया काम करना, मैं तो कहना, बचकाना चाहती हूँ, लेकिन ये उनकी मोरल बैंकरप्सी, नैतिक दरिद्रता और दिवालियापन दिखाता है।



एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्रीमती श्रीनेत ने कहा कि ऐसा है कि, ऐसा है कि वो चाहे आम आदमी पार्टी हो, चाहे वो असीदुद्दीन ओवैसी हो, इन लोगों को डिसाइड करना है कि देश की राजनीति में ये कब तक भाजपा की 'बी' टीम बने रहेंगे? पहले तो पर्दे के पीछे से 'बी' टीम बने रहते थे, अब पर्दे के बाहर आकर 'बी' टीम बन गए हैं। तो देश की जनता समझती है। आपका क्या हथ किया गोवा में और आपका क्या हथ किया उत्तराखंड में। सिर्फ चुनाव लड़ने आप उन जगहों पर जाते हैं, जहाँ भाजपा मुश्किल में हो, उनको जिताने के लिए, ये काम करने छोड़ दीजिए। अगर राजनीति करनी है, तो खुले मन से, साफ मन से मुद्दों पर राजनीति करिए और मुद्दा महंगाई और बेरोजगारी है, जिसके बारे में हम भारत जोड़ो यात्रा की चर्चा कर रहे हैं।


'हिंदी दिवस' मनाने के संबंध में एक अन्य प्रश्न पर, श्रीनेत ने कहा कि,''मुझे वो बहुत अच्छी लगती है। मेरी मां दुनिया की सबसे अच्छी मां है। क्या आपकी मां दुनिया की सबसे अच्छी मां नहीं है। बात इसकी ये है। भाषा जो है, वो अभिव्यक्ति का एक जरिया होता है। भाषा की मधुरता, आपके विचार और आपकी अभिव्यक्ति में झलकते हैं। मुझे हिंदी बहुत पसंद है, मेरी मां दुनिया की सबसे अच्छी मां है। आप कहिएगा, आपकी मां दुनिया की सबसे अच्छी मां है। भाषाओं पर ये निर्रथक चर्चा है। हिंदी एक बहुत सुंदर भाषा है। जो लोग हिंदी में बोलते हैं, उसमें अभिव्यक्ति बहुत ही खूबसूरत है। मुझे लगता है हिंदी में जो हिंदी बोलने वाले व्यक्ति हैं, वो सबसे अच्छी अभिव्यक्ति हिंदी में करते होंगे, लेकिन जो बाकी भाषा बोलने वाले लोग है, वो उसको बोलते है, मुझे लगता है, इसमें कोई विरोधाभास नहीं है। आपकी मां भी बहुत अच्छी हैं. मेरी मां भी बहत अच्छी है। आपकी भाषा भी बहुत अच्छी है, मेरी भाषा भी बहुत अच्छी है। इसमें कोई ऊपर या कोई नीचे नहीं है।



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