देहरादून : उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग 2021 परीक्षा पेपर लीक मामले में मंगलवार, 2 अगस्त को रामनगर से एक और न्यायिक कर्मचारी आरोपी को गिरफ्तार किया गया| UKSSSC पेपर लीक मामले में उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स ने नैनीताल रामनगर कोर्ट जूनियर असिस्टेंट हिमांशु कांडपाल को गिरफ्तार किया| एक दिन पहले भी एसटीएफ ने नैनीताल से एक न्यायिक कर्मचारी को गिरफ्तार किया था।
उत्तराखंड यूकेएसएसएससी पेपर लीक पर एसटीएफ एसएसपी अजय सिंह ने बताया,''साक्ष्य एवं बयानों के आधार पर जूनियर असिस्टेंट हिमांशु कांडपाल, रामनगर कोर्ट, नैनीताल को गिरफ्तार किया गया| अपने बहनोई मनोज जोशी (निष्कासित पीआरडी जवान) के माध्यम से आरोपी महेंद्र चौहान और दीपक शर्मा के साथ, अभियुक्तों ने प्रश्न पत्र लीक कर परीक्षा उत्तीर्ण की|
स्पेशल टास्क फोर्स के एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक,''UKSSSC पेपर लीक मामले में अब तक 13 आरोपित को गिरफ्तार हो चुके है| जिसमें तीन न्यायिक कर्मचारी, एक पुलिस कर्मचारी और दो उपनल कर्मियों शामिल है है।
यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में 1 अगस्त को एक महेंद्र चौहान गिरफ्तार किया गया था।।गिरफ्तार आरोपी सीजेएम कोर्ट, नैनीताल में कनिष्ठ सहायक के पद पर तैनात है। इस मामले में अब तक 12 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है| एसटीएफ ने आज, मंगलवार (2 अगस्त ) को रामनगर से न्यायिक कर्मचारी हिमांशु कांडपाल निवासी दनिया दौलीगार, धौलादेवी, अल्मोड़ा को गिरफ्तार किया है। हिमांशु कांडपाल पेपर लीक मामले में पूर्व में गिरफ्तार मनोज जोशी (निष्कासित पीआरडी जवान) का जीजा है।
31 जुलाई, 2022 को SSP ने बताया था कि ,''उत्तराखंड के कुमाऊं से पिछले 24 घंटे में यूकेएसएसएससी पेपर लीक मामले में एक दर्जन गिरफ्तार हुए। गिरफ्तार लोगों में उत्तराखंड पुलिस के सिपाही अमरीश गोस्वामी भी शामिल था। स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा कुल 35.89 लाख रुपए बरामद किए गए थे|
वही, इस मामले में एसटीएफ द्वारा रविवार (24 जुलाई) को छह आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। आरोपियों की पहचान जयजीत दास निवासी पंडितवाड़ी देहरादून, मनोज जोशी निवासी ग्राम मयोली अल्मोड़ा, मनोज जोशी निवासी ग्राम पाटी चंपावत, कुलवीर सिंह चौहान निवासी चांदपुर बिजनौर, शूरवीर सिंह चौहान निवासी कालसी देहरादून और गौरव नेगी निवासी किच्छा ऊधमसिंह के रूप में हुई थी।
उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग ने दिसंबर 2021 में 916 पदों के लिए विभिन्न विभागों में स्नातक स्तरीय परीक्षाएं कराई थीं। इसमें लगभग दो लाख अभ्यर्थी शामिल हुए थे। एक लाख साठ हजार अभ्यर्थियों ने परीक्षा पास की थी। परिणाम आने के बाद कई छात्र संगठनों ने सवाल खड़े किए थे।