कोलंबो: Sri Lanka Economic Crisis: श्रीलंका में हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं| श्रीलंका में सियासी और आर्थिक संकट गहराता जा रहा है। देश में हालात इतने खराब हो गए हैं कि एंबुलेंस चलाने के लिए भी डीजल-पेट्रोल नहीं बचा है। एंबुलेंस सर्विस ने जनता से कॉल न करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि हम सेवा देने में असमर्थ हैं।
आर्थिक संकट और ईंधन की कमी से कोलंबो में साइकिल की बिक्री में इजाफा हुआ। एक स्थानीय ने बताया, "देश में आर्थिक हालात के चलते साइकिल खरीदी है। हमारे पास पेट्रोल की लाइन में खड़े रहने का समय नहीं है और उसके बाद भी हमको पेट्रोल मिले या नहीं उसकी भी उम्मीद नहीं होती।"
वही,श्रीलंका में बढ़ती अराजकता' के बीच राष्ट्रपति के गोटाबाया राजपक्षे के भाई और पूर्व वित्त मंत्री बेसिल राजपक्षे ने विरोध प्रदर्शनों के दौरान इंटरनेशनल फ्लाइट से दुबई भागने की कोशिश की लेकिन एयरपोर्ट पर लोगों ने उसे पहचान लिया और इमीग्रेशन अधिकारी ने उसकी यात्रा को क्लीयरेंस देने से मना कर दिया|
श्रीलंका में एक तरफ जहां आम लोग दाने दाने मोहताज हैं, वहीं राष्ट्रपति के गोटाबाया राजपक्षे के भाई बेसिल ने अमेरिका जाने के लिए 1.13 करोड़ श्रीलंकाई रुपए में बिजनेस क्लास के चार टिकट किए थे।
सूत्रों के अनुसार, राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने अपने इस्तीफे पर हस्ताक्षर पर सीनियर अधिकारी को सौंप दिया है। यह लेटर बुधवार को संसद स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने को सौंपा जाएगा, जिसके बाद वो इसकी सार्वजनिक घोषणा करेंगे।
वहीं, दूसरी तरफ श्रीलंका की प्रमुख विपक्षी पार्टी समागी जाना बालवेगया के प्रमुख सजित प्रेमदासा श्रीलंका के अंतरिम राष्ट्रपति बनाए गए हैं। SJB ने सोमवार को निर्विवादित रूप से प्रेमदास को अंतरिम राष्ट्रपति के पद के लिए नॉमिनेट किया। श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव 20 जुलाई को होना है। इससे पहले गोटबाया 13 जुलाई को इस्तीफा देंगे और 15 जुलाई को संसद का सत्र बुलाया जाएगा।
देश में ही हैं गोटबाया राजपक्षे
दूसरी तरफ, राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे के देश छोड़कर जाने की अटकलें लगाई जा रही थीं। स्पीकर महिंदा यापा ने इन अटकलों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि गोटबाया देश में ही हैं। महिंदा यापा ने एक इंटरव्यू में कहा था कि राष्ट्रपति गोटबाया देश छोड़कर भाग गए हैं। हालांकि जब विवाद बढ़ा तो उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति देश में ही हैं, मैंने पहला बयान गलती से दे दिया था।
एंबुलेंस चलाने के लिए भी डीजल-पेट्रोल नहीं
श्रीलंका में हालात इतने खराब हो गए हैं कि एंबुलेंस चलाने के लिए भी डीजल-पेट्रोल नहीं बचा है। एंबुलेंस सर्विस ने जनता से कॉल न करने का अनुरोध किया है। उन्होंने कहा कि हम सेवा देने में असमर्थ हैं। लोगों को एक वक्त का खाना भी अच्छे से नहीं मिल पा रहा है। खाने-पीने वाले प्रोडेक्ट के दाम कई गुना बढ़ चुके हैं। दाल की कीमतें तीन गुना बढ़ चुकी हैं। हालात इतने नाजुक हैं कि यहां भुखमरी और कुपोषण जैसे हालात पैदा हो रहे हैं।