वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद मामले में ASI सर्वे की इजाजत मिल गई है। कोर्ट ने शुक्रवार को ASI सर्वे का आदेश दे दिया है| इसके साथ ही मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी है। मुस्लिम पक्ष ने फैसले के विरोध में हाईकोर्ट में अपील करने की बात कही है। ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि,''कोर्ट ने एएसआई सर्वेक्षण के लिए हमारे प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर लिया गया है। यह मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ है|
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि,''हमारा कहना था कि उस पूरे क्षेत्र का ASI द्वारा सर्वेक्षण करना चाहिए। आज कोर्ट ने हमारे उस आवेदन पर सहमति दे दी है और अब ASI ही इस मामले की दिशा और दशा को निर्धारित करेगा। शिवलिंग का सर्वेक्षण नहीं होगा। उसका मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है जिसकी अगली सुनवाई 29 अगस्त को है। मगर शिवलिंग को छोड़कर पूरे परिसर का सर्वेक्षण होगा|
राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा कि,''ASI ने ही रामजन्मभूमि की खुदाई कर प्रमाणित किया था कि वहां मंदिर था जिसे तोड़कर मस्जिद बनाई गई। अब ASI को ज्ञानवापी का सर्वे करने के लिए दिया गया है, वहां भी ऐसा ही होगा। सर्वे करने का आदेश देने के लिए मैं कोर्ट को धन्यवाद देता हूं। सर्वे से मंदिर का स्वरूप स्पष्ट हो जाएगा|
उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री अनिल राजभर ने कहा कि,''बहुत इंतज़ार के बाद यह फैसला आया है, हम न्यायलय के फैसले का स्वागत करते हैं। पूरे प्रकरण में यह एक निर्णायक फैसला है। जिस तरह रामजन्मभूमि को लेकर न्यायलय ने फैसला दिया था वैसा ही फैसला इस सर्वे के बाद भी आएगा...जो लोग जानते हैं कि सर्वे के बाद फैसला बाबा विश्वनाथ के भक्तों के पक्ष में आएगा वे इसका विरोध कर रहे हैं|