नई दिल्ली: उत्तराखंड में एक बार फिर सियासी हलचलें तेज हैं| राज्य के नए मुख्यमंत्री का चयन होना है| बीजेपी सांसद और राज्य के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कल (शुक्रवार, 2 जुलाई) की शाम अपने पद से इस्तीफा दे दिया था|उनका कार्यकाल सबसे छोटा रहा| वह मात्र चार महीने ही मुख्यमंत्री पद पर रह सके| तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ उग्र असंतोष के बीच, तीरथ सिंह रावत ने इसी साल मार्च में मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी|
CM तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे पर कांग्रेस नेता देवेंद्र यादव ने कहा,'' उत्तराखंड में BJP की लापरवाही और न समझी का परिणाम है कि आज मात्र 6 महीने के अतंराल के बाद बीजेपी को अपना दूसरा मुख्यमंत्री बदलने पर मज़बूर होना पड़ा। आज से साढ़े 4 साल पहले उत्तराखंड एक खुशहाल प्रदेश था,उस समय यहां बेरोज़गारी का दर 1.5% था लेकिन आज 11% है|
देवेंद्र यादव ने कहा,''ये भाजपा सरकार की लापरवाही और नासमझी का परिणाम है कि आज मात्र 6 महीने के अंतराल के बाद भाजपा को अपना दूसरा मुख्यमंत्री बदलने पर मजबूर होना पड़ा| भाजपा सरकार के विधानसभा में होने के बावजूद भाजपा ने एक ऐसा फैसला लिया;, एक ऐसे मुख्यमंत्री को चुनकर उतराखंड के ऊपर थोपा गया जो विधानसभा के ही सदस्य नहीं थे|
कांग्रेस नेता देवेंद्र यादव ने कहा,'''कांग्रेस पार्टी की तैयारियों से और हार के डर से TSR-1 में उस समय उपचुनाव से भागने का प्रयास किया गया और आज एक ऐसी स्थिति में उतराखंड को लाकर खड़ा कर दिया, जहाँ स्पष्ट रूप से एक अस्थिर और नाकाम सरकार के रूप में भाजपा साबित हुई है| भाजपा सराकर, जिसकी कोरोना महामारी के दौरान ये जिम्मेदारी होनी चाहिए थी कि लोगों को सुविधाएँ प्रदान करे, रोजगार देने का काम करे, घरेलू सामान को सस्ता करे, वहां भाजपा सरकार सिर्फ मुख्यमंत्री बदलने का काम कर रही है|