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'दावे में कोई दम नहीं': बीजेपी के यूपी में 300+ सीटें जीतने के दावे पर बोली मायावती

  • by: news desk
  • 23 December, 2021
'दावे में कोई दम नहीं': बीजेपी के यूपी में 300+ सीटें जीतने के दावे पर बोली मायावती

लखनऊ:  बीजेपी के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों  (UP Assembly Election 2022 ) में 300 से ज़्यादा सीटें जीतने के दावे पर यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा,''यह फर्जी दावा है, कोई दम नहीं' है| मायावती ने कहा,''BJP का ये कहना कि इस बार चुनाव में BJP 300 से ज़्यादा सीटें जीतने वाली है, इसमें हमें कोई ज़्यादा दम नज़र नहीं आता है। वरना ये पार्टी चुनाव होने से कुछ समय पहले ताबड़तोड़ असंख्य घोषणाएं, शिलान्यास, अधकच्चे कार्यों का उद्घाटन व लोकार्पण नहीं करती| 



चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक पर मायावती ने कहा,''इस पर हमारी पार्टी का मत है कि ये बहुत महत्वपूर्ण मामला है और इसको जल्दबाजी में संसद से पास कराना ठीक नहीं है। केंद्र सरकार की ज़िम्मेदारी बनती थी कि संसद में पास कराने से पहले लोकसभा और राज्यसभा में इस पर खुली बहस होनी चाहिए थी|



मायावती ने कहा,''य.पी. की जनता ने आजादी के बाद यहा शुरू में काफी लम्बे समय तक कांग्रेस पार्टी व बाद में सपा, बीजेपी एवं बी.एस.पी आदि का भी शासनकाल देखा है। लेकिन इस मामले में प्रदेश की जनता अपनी पूरी ईमानदारी से यह बताये कि इन सभी पार्टियों के शासनकाल में से किस पार्टी का हर मामले व हर स्तर पर बेहतरीन शासनकाल रहा है। तो फिर प्रदेश की आमजनता एवं दबी जबान में विरोधी पार्टियों के लोग भी यही कहेंगे कि बी.एस.पी का ही बेहतरीन शासनकाल रहा है।



मायावती ने कहा,''इसीलिए प्रदेश की जनता को अब मेरा यही कहना है कि उन्हें अपने हित व कल्याण को ध्यान में रखकर व इस चुनाव में किसी भी भावना में ना बहकर तथा इनके प्रलोभन भरे चुनावी घोषणा पत्रों आदि के भी बहकावे मे ना आकर, बल्कि बी.एस.पी के ही रहे बेहतरीन शासनकाल को फिर से यहाँ सत्ता में वापिस लाना है, जिसकी इस समय प्रदेश की जनता को काफी जरूरत भी है।



बसपा सुप्रीमो ने कहा,''इसके इलावा, बीजेपी का यह कहना कि इस बार चुनाव में बीजेपी 300 से ज़्यादा सीटे जीतने वाली है तो इसमें अभी कोई ज्यादा दम नज़र नहीं आता है, वरना फिर यह पार्टी चुनाव होने से कुछ समय पहले यहाँ आए दिन ताबड़तोड़ अंसख्य घोषणायें, शिलान्यास एवं अधकच्चे कार्यों के उद्घाटन व लोकार्पण आदि नहीं करती। साथ ही, यह पार्टी अपने केन्द्रीय नेताओं व केन्द्र सरकार के वरिष्ठ मन्त्रियों को भी अब यहाँ थोक में नहीं भेजती।



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मायावती ने कहा,'इनके साथ-साथ, यू.पी. सरकार के मुख्यमन्त्री एवं मन्त्रियों व पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को भी एक-एक जिले में फिर कई-कई बार नहीं जाना पड़ता तथा ना ही इनको चुनाव घोषित होने से कुछ समय पहले यहाँ प्रदेश की जनता को व छात्रों आदि को भी किस्म-किस्म के लालच देने पड़ते। यही स्थिति हमें काफी कुछ सपा व अन्य विरोधी पार्टियों की भी देखने के लिए मिल रही है। लेकिन यह सब प्रदेश की जनता काफी अच्छी तरह से समझ रही है।



उन्होंने कहा,''इसीलिए मुझे पूरा भरोसा है कि यू.पी. की जनता अब इनके किसी भी प्रलोभन व हथकण्डे आदि के बहकावे में आसानी से आने वाली नहीं है बल्कि इस बार बी.एस.पी. ही जरूर सत्ता में आने वाली है और इसका मुझे अपने ज़मीन से जुड़े कार्यकर्ताओं व छोटे-बड़े पदाधिकारियों आदि पर पूरा-पूरा भरोसा भी है जो मेरे दिशा-निर्देशन में अपने-अपने क्षेत्र की प्रत्येक विधानसभा में, उसके सभी पोलिंग बूथों के क्षेत्र में, वहाँ के लोगों को हर मामले में, चुनावी तौर पर जागरूक करने में काफी दिल-जान से लगे हुए हैं। वैसे भी अब प्रदेश की जनता वास्तव में यहाँ परिवर्तन चाहती है और अब वह बी.एस.पी. को ही सत्ता में लाने का अपना काफी कुछ मन बना चुकी है।



वोटर कार्ड को आधार से जोड़ने का मामला अति-गांभीर विषय

मीडिया के एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट तैयार करने के मामले में बी.एस.पी. के लोगों को जिलो में जब भी निर्वाचन आयोग के निर्देश पर अधिकारियों द्वारा बुलाया जाता है तो वे लोग त्रुटियाँ आदि बताते हैं और जनता की शिकायतें आदि उनके सामने रखते हैं।



मायावती ने कहा,''जहाँ तक केन्द्र सरकार द्वारा मतदाता पहचान पत्र को आधार कार्ड से जोड़ने की बात है तो इस बारे में हमारी पार्टी का यह मानना है कि यह बहुत महत्त्वपूर्ण व गंभीर मामला है तथा इसको जल्दबाजी में संसद मे पास नहीं करना चाहिए था। इस सम्बंध में विधेयक को संसद में पारित कराने से पहले संसद के दोनों सदनों अर्थात् लोकसभा व राज्यसभा में इस पर खुली बहस होनी चाहिए थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ, जिससे हमारी पार्टी सहमत नहीं है। वोटर कार्ड को आधार से जोड़ने का मामला अति-गांभीर विषय है।





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