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RRB Group D Recruitment 2022: यूपी STF ने सॉल्वर गैंग के सरगना समेत 6 लोगों को किया गिरफ्तार

  • by: news desk
  • 07 September, 2022
RRB Group D Recruitment 2022: यूपी STF ने सॉल्वर गैंग के सरगना समेत 6 लोगों को किया गिरफ्तार

गाजियाबाद/नई दिल्ली: रेलवे की ग्रुप-डी परीक्षा में नकल कराकर अभ्यर्थियों से मोटी रकम ऐंठने वाले अंतरराज्यीय पेपर सॉल्वर गैंग का यूपी एसटीएफ ने पर्दाफाश किया है। यूपी एसटीएफ की मेरठ यूनिट ने  6 सितंबर 2022 को रेलवे भर्ती बोर्ड द्वारा आयोजित ग्रुप डी की परीक्षा में लैब टेक्नीशियन की मदद से नकल करने वाले गिरोह के सरगना आशीष कुमार सहित 6 सदस्यो को गाजियाबाद के थाना मुरादनगर क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया।



एसटीएफ ने मुरादनगर स्थित आरडी इंजीनियरिंग कॉलेज में 6 सितम्बर को आयोजित हुई रेलवे की ऑनलाइन परीक्षा के दौरान छापेमारी कर गैंग के सरगना समेत छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उनके कब्जे से छह मोबाइल फोन बरामद किए हैं। एसटीएफ के अधिकारी का कहना है कि गैंग के तार देश के विभिन्न राज्यों से जुड़े हुए हैं। गैंग के कुछ सदस्य अभी फरार हैं। उन्हें भी जल्द गिरफ्तार किया जाएगा। 



एसटीएफ मेरठ यूनिट के एसपी बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि रेलवे भर्ती बोर्ड द्वारा आयोजित ग्रुप-डी परीक्षा को सकुशल संपन्न कराने की जिम्मेदारी यूपी एसटीएफ को सौंपी गई थी। जिसके तहत उनके नेतृत्व में एसटीएफ की टीमों का गठन किया गया। 



पता चला कि 6 सितम्बर को होने वाली रेलवे की ऑनलाइन परीक्षा का एक केन्द्र मुरादनगर स्थित आरडी इंजीनियरिंग कॉलेज में भी बनाया गया है। जिसके चलते एसटीएफ टीमों और खुफिया व मुखबिर तंत्र को कॉलेज के आसपास सक्रिय किया गया था। 



इसी बीच आरडी इंजीनियरिंग कॉलेज में पेपर सॉल्वर गैंग के सक्रिय होने की सूचना मिली। पता चला कि पेपर सॉल्वर गैंग मोटी रकम लेकर अभ्यर्थियों को नकल करा रहा है। इसपर एसटीएफ टीमों ने मुरादनगर पुलिस को साथ लेकर मौके पर छापेमारी की और गैंग के छह सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। 



पकड़े गए आरोपियों में छपरौली बागपत निवासी आशीष कुमार, मोरटा मुरादनगर निवासी विपिन, ब्रिज विहार कॉलोनी मुरादनगर निवासी रुपक उर्फ रेवती शरण व नेत्रपाल, बुढाना मुजफ्फरनगर निवासी प्रदीप पंवार और बखरवा मोदीनगर निवासी सचिन मलिक शामिल हैं। एसपी एसटीएफ का कहना है कि आशीष गैंग का सरगना है। गैंग से जुड़े कपिल निवासी दोघट बागपत और हरियाणा निवासी जयवीर व छपरौली बागपत निवासी अंकित अभी फरार हैं। उन्हें भी पकडऩे का प्रयास किया जा रहा है। 




एसपी एसटीएफ बृजेश कुमार सिंह ने बताया कि गैंग सरगना आशीष और फरार कपिल मिलकर गैंग को ऑपरेट करते हैं। कपिल परीक्षा पास कराने का ठेका 5 से 10 लाख रुपए में लेता था। प्रदीप और पकड़े गए अन्य आरोपी सरकारी नौकरी की चाह रखने वाले युवाओं को तलाश कर लाते थे। जबकि आरोपी रुपक परीक्षा केन्द्रों में ड्यूटी स्टाफ सप्लाई करने का काम करता है। रुपक ने ही सचिन मलिक नामक आरोपी को उक्त परीक्षा केन्द्र में ड्यूटी पर भेजा था। एसपी एसटीएफ का कहना है कि गैंग के सदस्य ड्यूटी स्टाफ के रूप में अपने लोगों को परीक्षा केन्द्र में दाखिल कर देते हैं और फिर उन्हें उत्तर कुंजी भेजकर अभियर्थियों के पेपर सॉल्व करा देते हैं। पूछताछ में आरोपियों ने आरडी इंजीनियरिंग कॉलेज के परीक्षा केन्द्र में दो अभ्यर्थियों से परीक्षा पास कराने का ठेका लेने की बात कबूली है। 




एसपी एसटीएफ की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि फरार जयवीर और अंकित उन्हें रेलवे ग्रुप-डी की आयोजित परीक्षाओं की उत्तर कुंजी मुहैया कराते थे। पेपर शुरू होने के करीब आधा घंटे बाद उत्तर कुंजी उनके व्हाट्सएप पर आ जाती थी। जिसे वह परीक्षा केन्द्र में ड्यूटी दे रहे स्टाफ के लोगों को भेज दिया करते थे। आरडी इंजीनियरिंग कॉलेज के परीक्षा केन्द्र में रुपक ने सचिन मलिक के माध्यम से ही अभ्यर्थी को उत्तर कुंजी भेजी थी। इसकी एवज में रुपक ड्यूटी स्टाफ को 30 से 50 हजार रुपए देता था। 



पुलिस का एसटीएफ है कि रुपक का भाई नेत्रपाल रेलवे की परीक्षा आयोजित कराने वाली कंपनी टीसीएस में एग्जीक्यूटिव है। नेत्रपाल की परीक्षा केन्द्रों में ड्यूटी लगती रहती है। गैंग के सदस्य नेत्रपाल के माध्यम से भी अभ्यर्थियों को उत्तर कुंजी मुहैया कराते थे। एसटीएफ ने नेत्रपाल को मुरादनगर के दुहाई स्थित बीबीडीआईटी कॉलेज के परीक्षा केन्द्र से गिरफ्तार किया है। वहां नेत्रपाल की ड्यूटी लगी हुई थी। पुलिस का कहना है कि आरोपियों ने नेत्रपाल के साथ सौरभ शर्मा से भी संपर्क साधा था, लेकिन उसने इस गैर कानूनी धंधे में शामिल होने से इन्कार कर दिया था। बताया गया है कि सौरभ शर्मा भी टीसीएस कंपनी में ही काम करता है और वह परीक्षा के दौरान बतौर ड्यूटी स्टाफ आरडी इंजीनियरिंग कॉलेज में तैनात था।  



एसपी एसटीएफ का कहना है कि छपरौली बागपत निवासी अंकित भी अलग से अपना पेपर सॉल्वर गैंग चलाता है। वह न सिर्फ रेलवे भर्ती बोर्ड की परीक्षाओं में नकल कराने का धंधा करता है बल्कि वह राज्य स्तरीय कई परीक्षाओं में भी नकल कराने के ठेके लेता है। एसआई भर्ती परीक्षा में नकल कराने के आरोप में पंजाब पुलिस उसे गिरफ्तार कर चुकी है। इस मामले में अंकित कुछ माह पूर्व जमानत पर जेल से छूटा था। एसपी एसटीएफ का कहना है कि गैंग के कई अन्य सदस्यों के बारे में भी अहम जानकारी हाथ लगी हैं। जिन्हें तस्दीक कर आगे डवलप किया जा रहा है। 




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