Ram Bahal Chaudhary,Basti
Share

कांकेर, महासमुन्द और कोरबा जिले में खुलेंगे नए मेडिकल कॉलेज: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

  • by: news desk
  • 14 February, 2021
कांकेर, महासमुन्द और कोरबा जिले में खुलेंगे नए मेडिकल कॉलेज: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

रायपुर: छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज प्रसारित अपनी मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी की 15वीं कड़ी में राज्य के लोगों को संबोधित करते  हुए कहा,''राज्य सरकार ने स्कूल शिक्षा में गुणात्मक सुधार का रोडमैप बनाया है। इसी तरह उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, कृषि शिक्षा और इंजीनियरिंग कॉलेजों में ऐसे पाठ्यक्रम प्रारंभ करने पर जोर दिया गया है, जिससे स्थानीय संसाधनों के वेल्यू एडिशन से उत्पादन का रास्ता बने। युवाओं में उद्यमिता का विकास हो और उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर मिले पर्यटन को बढ़ावा देकर स्थानीय विकास को गति देने और रोजगार के नए अवसर सृजित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।





मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने लोकवाणी में कहा कि कोविड के दौरान हमने महसूस किया कि प्रदेश में और अधिक मेडिकल कॉलेजों की जरूरत है। दुर्ग जिलेे का चंदूलाल चन्द्राकर स्मृति चिकित्सा महाविद्यालय निजी क्षेत्र में चलना मुश्किल हो रहा था, उसे हमने अधिग्रहित करने का फैसला लिया ताकि सरकारी चिकित्सा शिक्षा अधोसंरचना को बढ़ाया जा सके। तीन जिलों कांकेर, महासमुन्द और कोरबा में हम नए मेडिकल कॉलेज खोल रहे हैं, इस तरह उच्च शिक्षा की अधोसंरचना में जो अभाव थे, उसे पूरा करने और प्रदेश के युवाओं को बेहतर भविष्य बनाने में मदद करने का हमारा प्रयास है।




राज्य सरकार द्वारा पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे कार्यों पर सकारात्मक प्रतिक्रिया देते हुए जशपुर के श्री मदन तिर्की ने कहा कि जशपुर के बालाछापर सरना में एथनिक रिसॉर्ट और कवर्धा में सरोधा दादर रिसॉर्ट बनने से आदिवासी पिछड़े अंचल में पर्यटन विकास के अवसर पैदा हो रहे हैं। रायपुर की प्रार्थना तिवारी ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार उपयोगी निर्माण और जनहितैषी अधोसंरचना के मामले में हमारी अपेक्षाओं पर खरे उतर रही है। क्योंकि हमारा भी मानना है कि कोई निर्माण या इंफ्रास्ट्रक्चर ऐसा हो जो लोगों से जुड़ा हो, निर्माण कार्य केवल शो के लिए नहीं होना चाहिए। पिछले 2 सालोें में यह बदलाव देखने को मिल रहा है कि लोगों की भागीदारी एवं उनकी उपयोगिता को ध्यान दिया जा रहा है।




 मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने स्कूल शिक्षा में गुणवत्ता सुधार का एक रोडमैप बनाया है, जिसके अनुसार विभिन्न शालाओं में बहुत से कार्य किए जा रहे हैं, जिनसे बच्चों के व्यक्तित्व का सम्पूर्ण विकास हो, जिससे वे आगे चलकर डॉक्टर, इंजीनियर ही नहीं बल्कि शोधकर्ता, खिलाड़ी, प्रबंधक या अपनी रुचि के अनुसार कोई भी कैरियर अपना सकें। 




उन्होंने कहा कि महंगे और सजावटी विकास से किसी का भला नहीं होता, वास्तव में यह देखना चाहिए कि निर्माण की गुणवत्ता कैसी है और उससे सेवा की गुणवत्ता में कैसे सुधार होगा। ‘स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम विद्यालय योजना’ का विचार ही इसलिए आया कि सरकारी स्कूलों को निजी स्कूलों के सामने सम्मानपूर्वक खड़ा किया जाए। ताकि सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले गरीब और मध्यमवर्गीय बच्चे उन सुविधाओं से वंचित न हों, जो उनके भविष्य निर्माण के लिए जरूरी हैं। इसलिए सरकारी क्षेत्र में हम इंग्लिश मीडियम स्कूल के माध्यम से वह सुविधाएं ला रहे हैं।





इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के कुलपति प्रो. एस. के. पाटिल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कृषि तथा उद्यानिकी को बढ़ावा मिलने से और 31 महाविद्यालयों का वृहद नेटवर्क खड़ा होने से युवाओं में कृषि शिक्षा की ओर रुझान बढ़ा है। उन्होंने मुख्यमंत्री को इसके लिए धन्यवाद देते हुए कहा कि अपने युवाओं में कौशल विकास हेतु विश्वविद्यालयों में उत्पादन केन्द्र तथा युवाओं की कंपनियां स्थापित करने का अभिनव विचार दिया है। इसके माध्यम से युवा, कृषि को एक व्यवसाय के रूप में लेने आगे आ रहे हैं। रायगढ़ के किरण मौर्य ने कहा कि रायगढ़ जिले में स्वर्गीय नन्दकुमार पटेल यूनिवर्सिटी शुरू होने से हम छात्र-छात्राओं को शिक्षा संबंधी कार्यों के लिये बिलासपुर नहीं जाना पड़ेगा।





मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इस संबंध में कहा कि मैं किसान परिवार से हूं। मैं किसान हूं, इसे गौरव का विषय मानता हूं, लेकिन एक लम्बे दौर में हमारे युवाओं के मन में यह बात बैठ गई है कि खेती-किसानी के बारे में चर्चा करना या उसमें अपना कैरियर ढूंढना कोई बहुत अच्छी बात नहीं है। खेती-किसानी को लेकर युवाओं के मन में सम्मान का भाव नहीं होने की एक बड़ी वजह थी कि खेती और उच्च शिक्षा के बीच की कड़ी ही मिसिंग थी। हार्वर्ड विश्वविद्यालय में भ्रमण के दौरान मेरे मन में यह बात आई थी कि विश्वविद्यालयों में उत्पादन केन्द्र तथा युवाओं में उद्यमिता विकास को लेकर कोई संरचनागत, संस्थागत काम होना चाहिए, जिसमें निरंतरता हो और युवाओं को कृषि से संबंधित रोजगार के नए अवसरों की जानकारी हो, उन्हें मार्गदर्शन व सहयोग मिले। छत्तीसगढ़ में यह शुरुआत एक सुखद संकेत है। 




इसलिए हमने यह तय किया कि उतने ही इंजीनियरिंग कॉलेजों को महत्व मिले जितने में गुणवत्ता से शिक्षा दी जा सके और उसमें भी ऐसे पाठ्यक्रम होने चाहिए जो स्थानीय संसाधनों के वेल्यू एडीशन से उत्पादन का रास्ता बनाएं। यह तो विडम्बना ही थी कि हमारे कृषि प्रधान राज्य में इंजीनियरिंग कॉलेजों की भरमार हुई लेकिन कृषि शिक्षा के कॉलेज समुचित संख्या में नहीं खोले गए, इसलिए हमने एग्रीकल्चर के साथ उद्यानिकी-वानिकी, डेयरी टेक्नोलॉजी, फूड प्रोसेसिंग, मछली पालन जैसे विषयों के लिए विश्वविद्यालय, महाविद्यालय और पॉलीटेक्निक खोलने पर जोर दिया है।














आप हमसे यहां भी जुड़ सकते हैं
TVL News

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें : https://www.facebook.com/TVLNews
चैनल सब्सक्राइब करें : https://www.youtube.com/TheViralLines
हमें ट्विटर पर फॉलो करें: https://twitter.com/theViralLines
ईमेल : thevirallines@gmail.com

You may like

स्टे कनेक्टेड

विज्ञापन