मुंबई: बीते साल अक्टूबर महीने से हमने सभी लेन-देन शुरू कर दिए थे और उसके बाद लगभग ४ महीने तक हम सभी ने एक साथ मिलकर कोरोना संक्रमण को रोक दिया था। लेकिन अब ज्यादा भीड़ और नियमों का पालन न करने के कारण बड़े पैमाने पर संक्रमण बढ़ रहा है। स्थिति अभी भी नियंत्रण में है। होटल और रेस्टोरेंट को नियमों का कड़ाई से पालन करना चाहिए। सख्त लॉकडाउन लगाने के लिए मजबूर न करें। यह आखिरी चेतावनी है। यह स्पष्टीकरण मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कल आहार, नेशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन, शॉपिंग सेंटर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक में दिया।
मुख्यमंत्री ने वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिए एसोसिएशन के पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए बताया कि पिछले ४ महीनों से सब कुछ ठीक चल रहा था। न केवल अपने राज्य में, बल्कि यूरोप में भी कारोबार स्वतंत्र रूप से शुरू हो गए थे और ऐसा लग रहा था जैसे कोरोना खत्म हो गया लेकिन अचानक सभी जगह संक्रमण बढ़ने लगा है। ब्राजील में भयावह स्थिति है। अगर यूरोप जैसी स्थिति हमें नहीं चाहिए तो हमें सख्ती से स्वास्थ्य नियमों का पालन करना होगा। भविष्य में भी हमें कोरोना के साथ जीना है। हमें अपनी जीवनशैली को उसके अनुकूल बनाना होगा। प्रतिबंध और अनुशासन में अंतर है। सभी को इसके बारे में पता होना चाहिए।
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने होटल व्यापारियों को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले सप्ताह जब केंद्रीय टीम मुंबई आई थी तो उन्होंने किसी होटल के स्टाफ को बिना मास्क पहने, भीड़ और सुरक्षित दूरी न बनाए रखने के अनुभव के बारे में मुझे बताया था। होटल और रेस्टोरेंट बैठक और जलपान के लिए मुख्य स्थान हैं। शुरुआती दिनों में नियमों का पालन किया गया था। होटलों में एक-दूसरे से सुरक्षित दूरी थी, वेटर और अन्य कर्मचारी मास्क पहनते थे। कीटनाशकों का छिड़काव किया जाता था। लेकिन अब प्रशासन के संज्ञान में आया है कि राज्यभर के कुछ होटलों, मॉल और रेस्टोरेंट में नियमों का उल्लंघन हो रहा है। स्थिति अभी भी आपके हाथ में है। आपको अपने से देखना होगा कि हमारी एसओपी का सही और कड़ाई से पालन होना ही चाहिए। सभी लोग नियम नहीं तोड़ रहे हैं, लेकिन कुछ लोगों द्वारा नियमों का पालन नहीं करने से खतरा बढ़ रहा है।
हम नहीं चाहते लॉकडाउन
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि लॉकडाउन लगाकर सब बंद करना हमें भी पसंद नहीं है। हमने अर्थचक्र शुरू किया है। सभी लोग सहयोग करें तो संक्रमण को रोका जा सकता है। लिहाजा, लॉकडाउन जैसे सख्त प्रतिबंध लगाने के लिए मजबूर न किया जाए।
मुख्य सचिव सीताराम कुंटे ने भी कहा, ‘हमें कोरोना को पूरी तरह से रोकना है। लेकिन ऐसा करते हुए हमें आर्थिक चक्र को भी जारी रखना है। इस संतुलन को बनाए रखने में काफी सहयोग लगेगा। १ फरवरी से कोरोना बढ़ रहा है। आज लगभग १५ हजार रोगी मिले हैं। राज्य में १ लाख १० हजार सक्रिय रोगी हैं। इस दर पर १५ अप्रैल तक २५ हजार मरीज रोज दिखाई देंगे इसलिए भीड़ को नियंत्रित करना और एक सुरक्षित दूरी बनाए रखना आवश्यक है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि सिद्धिविनायक मंदिर ने तकनीकी का उपयोग करके भीड़ को नियंत्रित किया है।
मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल ने सुझाव दिया कि होटल संघों को प्रत्येक वार्ड में अपनी मोबाइल टीमों का गठन करना चाहिए, ताकि यह जांचा जा सके कि नियमों का पालन किया जा रहा है या नहीं। लोगों को जागरूक करने के लिए सभी पदाधिकारियों की तत्काल बैठक आयोजित की जानी चाहिए। एक या दो स्टार के साथ-साथ छोटे रेस्तरां नियमों का पालन नहीं करते दिखाई देते हैं। इस अवसर पर मुख्यमंत्री के अतिरिक्त मुख्य सचिव आशीष कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव विकास खारगे, डॉ. तात्याराव लहाणे और अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकाणी सहित अन्य आला अधिकारी मौजूद थे।
सभी होटल और रेस्टोरेंट नियमों का कड़ाई से पालन कर रहे हैं या नहीं? यदि नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है तो मुख्यमंत्री ने मनपा सहित पुलिस प्रशासन को दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।पिछले साल झोपड़पट्टियों में बड़े पैमाने पर संक्रमण पैâला था। इस समय इमारतों, बंगले और सोसाइटियों में देखा जा रहा है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पिछले कुछ दिनों से इस वर्ग के लोगों का एक-दूसरे से मिलना, होटल, मॉल में जाना आम हो गया है इसलिए कोरोना संक्रमण परिवार के सभी सदस्यों में पैâल रहा है।