नई दिल्ली: एमपी में 11 नगर निगमों में महापौर चुनाव के नतीजे आए हैं। 11 में से तीन पर कांग्रेस ने कब्जा किया है। कांग्रेस की तरफ से छिंदवाड़ा नगर निगम से विक्रम आहाके को उम्मीदवार बनाया गया था। विक्रम आहाके मेयर चुनाव में सबसे गरीब उम्मीदवार थे। उनकी उम्र अभी तीस साल साल है। इसके साथ ही विक्रम आहाके एमपी में सबसे कम उम्र के मेयर बन गए हैं। विक्रम आहाके बेहद साधारण परिवार से आते हैं
मां आंगनवाड़ी में काम करती हैं, पिता जी किसान हैं और बेटा 'महापौर' है ।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा,“' मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा नगर निगम में कांग्रेस ने 18 साल बाद बड़ी जीत दर्ज की है। कांग्रेस पार्टी के विक्रम आहाके ने साबित कर दिया कि अगर सच्ची मेहनत, लगन और ईमानदारी से अपने सपनों के लिए लड़ा जाए तो इंसान कुछ भी हासिल कर सकता है।
राहुल गांधी ने कहा,“'विक्रम आहाके कांग्रेस आदिवासी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष थे और युवा कांग्रेस के 'जिला सचिव' के तौर पर भी संघर्षरत थे, अब वो छिंदवाड़ा के महापौर होंगे। हमारा सपना है कि एक ऐसा हिंदुस्तान बने जहां अमीर-ग़रीब में फासला न हो, सबको समानता का अधिकार मिले और कांग्रेस पार्टी जनता से किए गए अपने सभी वचनों के प्रति पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
राहुल गांधी ने कहा,“'मैं और पूरी कांग्रेस पार्टी को विक्रम आहाके जी पर गर्व है, हमें आपके जैसे ही निडर और पार्टी की विचारधारा में विश्वास रखने वाले कार्यकर्ताओं की ज़रुरत है।
विक्रम आहाके क्षेत्र में बिल्कुल साधारण व्यक्ति की तरह रहते हैं। साथ ही वह बहुत ही गरीब परिवार से आते हैं। विक्रम आहाके के पिता किसान हैं। खेती कर परिवार का पेट पालते हैं। विक्रम आहके बहुत ही साधारण परिवार से आते हैं। उनकी मां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता है। साथ ही वह काफी मेहनती हैं। वह आदिवासी कांग्रेस के जिलाध्यक्ष हैं।
विक्रम आहाके एक गरीब किसान परिवार से आते हैं।पिता नरेश आहाके भी किसान ही हैं। विक्रम आज भी जंगल से खुद से लकड़ी लाने जाते हैं। वह लोगों को हमेशा लुंगी और शर्ट में ही मिल जाते हैं। विक्रम खुद भी खेती-किसानी ही करते हैं। वह छिंदवाड़ा के राजाखोह गांव के रहने वाले हैं।
कांग्रेस ने विक्रम आहाके पर इस बार दिग्गजों को दरकिनार कर भरोसा किया तो उन्होंने सूखा दूर कर दिया है। विक्रम आहाके ने मेयर चुनाव में जीत हासिल की है। उन्होंने बीजेपी के अनंत धुर्वे को चुनाव हराया है।