लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज मृत सब इंस्पेक्टर रश्मि यादव के परिवार से लखनऊ जनपद के गोंसाईंगज क्षेत्र के मलौली गांव स्थित आवास में जाकर भेंट की और शोक संवेदना व्यक्त करते हुए दारोगा रश्मि यादव के चित्र पर माल्यार्पण किया। 22 अप्रैल 2022 को अमेठी जनपद के मोहनगंज थाना में तैनात सब इंस्पेक्टर महिला हेल्पडेस्क प्रभारी कु0 रश्मि यादव का शव संदिग्ध परिस्थितियों में थाना परिसर में बने सरकारी आवास के कमरे में फंदे से लटका मिला था।
मृतक महिला दरोगा रश्मि यादव के परिजनों से मुलाकात के बाद अखिलेश यादव ने कहा "जो लोग आरोप लगाते थे दूसरे दलों पर, आज यूपी के एक कोने से दूसरे कोने तक देख लें, मुख्यमंत्री के जाति के लोग बैठकर अन्याय कर रहे हैं"| पुलिस दबाव में है उसका राजनीतिक इस्तेमाल किया जा रहा है। भाजपा सरकार ने कानून व्यवस्था का सारा ढांचा बर्बाद कर दिया है।
यादव ने कहा कि मेहनत से परीक्षा पास करके रश्मि यादव को नौकरी मिली थी। वह जनता की सेवा करना चाहती थी। उसका आत्महत्या करना दुःखद है। जो जानकारी मिली है उसके अनुसार थाने पर काफी राजनीतिक दबाव में काम करना पड़ रहा था। एक विशेष जाति का होने से उस पर अतिरिक्त दबाव पड़ता था। अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी पीड़ित परिवार को विधिक मदद देगी। रश्मि को न्याय मिलना चाहिए। वह जातिवादी मानसिकता का शिकार बनी।
आपको बता दें कि, अमेठी के थाना मोहनगंज में तैनात एक महिला दरोगा का शव फांसी के फंदे से लटका मिला था। मोहनगंज थाने की महिला चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक शुक्रवार दोपहर बाद सरकारी आवास में फंदे से लटकी मिलीं थी। महिला दरोगा को आनन-फानन सीएचसी तिलोई ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
राजधानी लखनऊ के थाना गोसाईगंज निवासी रश्मि यादव लगभग दो साल तक थाना मोहनगंज की महिला चौकी प्रभारी के पद पर तैनात रहीं। बताया जा रहा है कि घटना से चार दिन पहले '''थ्री स्टार वाले साहब''' का ट्रांसफर मुख्यालय पर हुआ था। इसके बाद घटना से एक दिन पहले गुरुवार को महिला दरोगा रश्मि का भी ट्रांसफर मुख्यालय पर हो गया था।
किसी बात को लेकर अवसाद में थीं दरोगा
शुक्रवार देर रात करीब 1:30 बजे तीन डॉक्टरों के पैनल ने रश्मि का पोस्टमार्टम किया। इस दौरान पूरे मामले की वीडियो ग्राफी हुई। रिपोर्ट में फांसी लगाने से मौत होने की बात सामने आई है। वहीं, एसपी दिनेश सिंह ने बताया कि प्रथम दृष्टया व्यक्तिगत जीवन में नितांत निजी कारणों से गहरे अवसाद में होने के चलते एसआई द्वारा आत्महत्या किया गया।
ये वजह भी आई सामने
सूत्रों से पता चला है कि 5 दिन पहले मंत्री के बेटे से किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। इसको लेकर इंस्पेक्टर से काफी बहस भी हुई थी। इंस्पेक्टर ने महिला दरोगा का ट्रांसफर वन स्टॉप सेंटर करवा दिया था। इससे महिला दरोगा डिप्रेशन में थीं। उन्होंने ये बात अपने बैचमेट को भी बताई थी। उन्होंने कहा था कि इंस्पेक्टर सही नहीं है। काफी बदतमीज टाइप का है। आए दिन परेशान करता है।