नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली में सरकार के प्रतिनिधियों को शामिल करने के केंद्र के प्रस्ताव पर आपत्ति जताते हुए कहा ,''न्यायपालिका को आज़ादी होनी चाहिए। उन्होंने कहा ,''भाजपा सरकार अदालतों के कामकाज में हस्तक्षेप करना चाहती है। वह न्यायपालिका की आजादी का समर्थन करती हैं।
केंद्र सरकार द्वारा कॉलेजियम पर सुप्रीम कोर्ट को लिखे पत्र के सवाल पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा,''न्यायपालिका को आज़ादी होनी चाहिए। अगर कॉलेजियम में केंद्र सरकार का प्रतिनिधी रहेगा तो राज्य सरकार का भी प्रतिनिधी होना चाहिए|
लेकिन जब राज्य सरकार कॉलेजियम के लिए अपनी सिफारिशें सुप्रीम कोर्ट (SC) भेजेगी तो वह (SC) उसे केंद्र सरकार को भेजेगी। ऐसे में राज्य सरकार की सिफारिश का कोई मतलब नहीं रह जाएगा और केंद्र सरकार न्यायपालिका में दखल देना शुरू करेगी। यह हम नहीं चाहते|
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की यह प्रतिक्रिया केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजीजू द्वारा प्रधान न्यायाधीश डी.वाई.चंद्रचूड़ को लिखी गई चिट्ठी पर आई है, जिसमें उन्होंने उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली में सरकार के प्रतिनिधियों को भी शामिल करने की मांग की है।
उत्तराखण्ड के जोशीमठ भू-धंसाव पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा,''जोशीमठ जैसी स्थिति रानीगंज(बर्धमान ज़िले के रानीगंज) में भी है हम सरकार से 10 सालों से लड़ रहे हैं। कोल इंडिया को लेकर जो पैसे देने की बात थी आज तक पैसे नहीं दिए। रानीगंज में भी ऐसी स्थिति होने से 30 हज़ार लोग प्रभावित होंगे|