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मेरी किसी से 'कोई व्यक्तिगत' नाराजगी नहीं, मैं देश में मजबूत विपक्ष चाहता हूं: पीएम मोदी

  • by: news desk
  • 03 June, 2022
मेरी किसी से 'कोई व्यक्तिगत' नाराजगी नहीं, मैं देश में मजबूत विपक्ष चाहता हूं: पीएम मोदी

कानपुर देहात: राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कानपुर देहात के परौंख गांव में एक सार्वजनिक समारोह में शामिल हुए। समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद हैं। इस दौरान PM नरेंद्र मोदी  ने कहा,''मेरी किसी राजनीतिक दल से या किसी व्यक्ति से कोई व्यक्तिगत नाराजगी नहीं है। मैं तो चाहता हूं कि देश में एक मजबूत विपक्ष हो, लोकतंत्र को समर्पित राजनीतिक पार्टियां हों| मैं तो चाहता हूं कि परिवारवाद के शिकंजे में फंसी पार्टियां, खुद को इस बीमारी से मुक्त करें, खुद अपना इलाज करें। तभी भारत का लोकतंत्र मजबूत होगा, देश के युवाओं को राजनीति में आने का ज्यादा से ज्यादा अवसर मिलेगा|



उत्तर प्रदेश के कानपुर के परौंख गांव में जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा,'मैं राष्ट्रपति जी के साथ विभिन्न स्थानों को देख रहा था तो मैंने परौंख में भारतीय गाँव की कई आदर्श छवियों को महसूस किया। यहाँ सबसे पहले मुझे पथरी माता का आशीर्वाद लेने का अवसर मिला| महात्मा गांधी भारत की आज़ादी को भारत के गाँव से जोड़कर देखते थे। भारत का गाँव यानी जहां आध्यात्म भी हो, आदर्श भी हो। भारत का गाँव यानी जहां परम्पराएँ भी हों और प्रगतिशीलता भी हो। भारत का गाँव यानी जहां संस्कार भी हो, सहकार भी हो। जहां ममता भी हो और समता भी हो|



हमारे गाँवों के पास सबसे ज्यादा सामर्थ्य है, सबसे ज्यादा श्रम शक्ति है और सबसे ज्यादा समर्पण भी है। इसलिए भारत के गांवों का सशक्तिकरण हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है| 




PM मोदी ने कहा,''भारत में गांव में पैदा हुआ गरीब से गरीब व्यक्ति भी राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री-राज्यपाल-मुख्यमंत्री के पद पहुंच सकता है| आज जब हम लोकतन्त्र की इस ताकत की चर्चा कर रहे हैं तो हमें इसके सामने खड़ी परिवारवाद जैसी चुनौतियों से भी सावधान रहने की जरूरत है। ये परिवारवाद ही है जो राजनीति ही नहीं, बल्कि हर क्षेत्र में प्रतिभाओं का गला घोंटता है, उन्हें आगे बढ़ने से रोकता है| 



मेरी किसी राजनीतिक दल से या किसी व्यक्ति से कोई व्यक्तिगत नाराजगी नहीं है। मैं तो चाहता हूं कि देश में एक मजबूत विपक्ष हो, लोकतंत्र को समर्पित राजनीतिक पार्टियां हों| मैं तो चाहता हूं कि परिवारवाद के शिकंजे में फंसी पार्टियां खुद को इस बीमारी से मुक्त करें, खुद अपना इलाज करें। तभी भारत का लोकतंत्र मजबूत होगा और देश के युवाओं को राजनीति में आने का ज्यादा से ज्यादा अवसर मिलेगा|




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