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समन भेजना 'राजनीतिक स्वार्थ' से प्रेरित: बंगाल के दो शीर्ष अधिकारियों को तलब किए जाने पर केंद्रीय गृह मंत्रालय को TMC ने लिखी चिट्ठी

  • by: news desk
  • 12 December, 2020
समन भेजना 'राजनीतिक स्वार्थ' से प्रेरित: बंगाल के दो शीर्ष अधिकारियों को तलब किए जाने पर केंद्रीय गृह मंत्रालय को TMC ने लिखी चिट्ठी

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से 14 दिसंबर को पश्चिम बंगाल सरकार के दो शीर्ष अधिकारियों को तलब किए जाने पर राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस(TMC) के सांसद कल्याण बनर्जी ने शनिवार को केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को पत्र लिखा। बनर्जी ने समन को 'राजनीतिक प्रतिशोध' करार दिया है। बनर्जी ने तीन पन्नों के अपने पत्र में कहा है, हम सबसे पहले आपको सूचित करना चाहते हैं कि कानून एवं व्यवस्था (लॉ एंड ऑर्डर) विषय भारत के संविधान की राज्य सूची की 7वीं अनुसूची के तहत राज्य के डोमेन के अंदर आता है|



बनर्जी ने कहा,'', कानून एवं व्यवस्था की स्थिति के संदर्भ में आप दोनों अधिकारियों को चर्चा के लिए या किसी भी तरह कैसे बुला सकते हैं? क्या आप भारत के संविधान और किसी अन्य कानून के तहत राज्य की कानून एवं व्यवस्था के संबंध में हस्तक्षेप कर सकते हैं? तृणमूल कांग्रेस के सांसद ने आरोप लगाया कि केंद्र का पश्चिम बंगाल के शीर्ष नौकरशाह और डीजीपी को समन भेजना राजनीतिक मकसद से प्रेरित है|




बता दें कि 10 दिसंबर को बीजेपी अध्‍यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के मामले के बाद गृह मंत्रालय ने 11 दिसंबर को पश्चिम बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर राज्य के डीजीपी और मुख्य सचिव को समन भेजा था | जेपी नड्डा के काफिले पर हमले के मामले में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ के रिपोर्ट भेजने के बाद गृह मंत्रालय ने पश्चिम बंगाल के चीफ सेक्रेटरी अल्पन बंद्योपाध्याय और डीजीपी वीरेंद्र को 14 दिसंबर को तलब किया गया था|




जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले के बाद तृणमूल कांग्रेस (TMC) और भाजपा (BJP) के बीच मचा सियासी घमासान तेज हो गया है|ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने शनिवार को आरोप लगाया कि गृह मंत्री अमित शाह "राज्य के IAS (भारतीय प्रशासनिक सेवा) और IPS (भारतीय पुलिस सेवा) के अधिकारियों को डराकर बंगाल में अप्रत्यक्ष रूप से आपातकाल (Emergency) लगाने की कोशिश कर रहे हैं|




तृणमूल सांसद कल्याण बनर्जी ने केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला को लिखी चिट्ठी में गृह मंत्रालय के शुक्रवार के पत्र का विरोध किया है, जिसमें बंगाल के मुख्य सचिव से भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के तीन अधिकारियों को "केंद्रीय प्रतिनियुक्ति" के लिए रिलीज करने को कहा गया है|बनर्जी ने (10 दिसंबर को जेपी नड्डा के काफिले पर हुए पथराव) दावा किया कि नड्डा के काफिले में बीजेपी का झंडा लगी 50 मोटरसाइकिलें और 30 कारें थीं|



बनर्जी ने अपने पत्र में लिखा, "10 दिसंबर को तीनों अधिकारियों को घटनास्थल के पास ही तैनात किया गया था|आपका इरादा साफ है कि आप इन्हें प्रतिनियुक्ति पर बुलाकर इन अधिकारियों पर दबाव बनाना चाहते हैं| तृणमूल कांग्रेस के सांसद ने आरोप लगाया कि केंद्र का पश्चिम बंगाल के शीर्ष नौकरशाह और डीजीपी को समन भेजना "राजनीतिक मकसद" से प्रेरित है|




बता दें कि,''शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की सुरक्षा में कथित चूक के लिए पश्चिम बंगाल के तीन आईपीएस अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर बुलाया है|




इस पर तृणमूल कांग्रेस(TMC) के नेता सौगत राय ने कहा,''IAS / IPS अधिकारी संविधान के अनुच्छेद 312 द्वारा शासित होते हैं, एक पद के लिए चुने जाने के बाद उन्हें राज्य कैडर सौंपा जाता है। केंद्र प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाने वाले अधिकारियों के नाम मांग सकता है, फिर उन्हें रिहा करना या नहीं करना राज्य के लिए है|






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