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यह खुलेआम 'लोकतंत्र का अपहरण' और 'राजद्रोह', जासूसी की जिम्मेवारी प्रधानमंत्री मोदी के दरवाजे पर: जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस के खुलासे पर रणदीप सिंह सुरजेवाला

  • by: news desk
  • 29 January, 2022
यह खुलेआम 'लोकतंत्र का अपहरण' और 'राजद्रोह',  जासूसी की जिम्मेवारी प्रधानमंत्री मोदी के दरवाजे पर: जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस के खुलासे पर रणदीप सिंह सुरजेवाला

नई दिल्ली: एक अंतर्राष्ट्रीय पब्लिकेशन में हुए सनसनीखेज खुलासे ने उस "जासूसी कांड" की पुष्टि कर दी है, जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस लंबे समय से कहती आई है। यह सच है - "मोदी सरकार ने गैरकानूनी और असंवैधानिक तरीके से इजायल से खरीदे जासूसी स्पाईवेयर पेगासस का अंधा दुरुपयोग देशवासियों के खिलाफ किया और खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसमें शामिल हैं|  यह खुलेआम 'लोकतंत्र का अपहरण' और 'राजद्रोह है। उक्त बातें कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कही है|



जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस के खुलासे पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शनिवार को नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेन्स को संबोधित करते हुए कहा कि,'' 'जासूसी कांड के पाँच सच : 1. मोदी सरकार ने साल, 2017 में प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी की इजायल यात्रा के दौरान 2 बिलियनडॉलर में मिलिट्री हथियार खरीदे, जिसका केंद्र बिंदु जासूसी के लिए खरीदा गया पेगासस स्पाईवेयर था। यह भी संयोग है कि इसी समय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) की नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल सेक्रेट्रिएट (एनएससीएस) का बजट भी 33 करोड़ से बढ़कर साल, 2017 में 333 करोड़ होगया। 



2. चोरी छिपे जासूसी करने वाला स्पाईवेयर पेगासस न केवल मोबाईल फोन तथा व्हाटसऐप में सेंध लगात है, बल्कि साथ-साथ यह सेलफोन के कैमरा और माईक्रोफोन पर गैरकानूनी कब्ज़ा कर फोन के आस-पास की सभी बातचीत तथा वीडियो को रिकॉर्ड करता है, तथा फोन के सिक्योरिटी फीचर्स को हैक कर लेता है। यह जासूसी यंत्र मोबाईल फोन की सारी फोटो, पासवर्ड, कॉन्टैक्ट लिस्ट, कैलेंडर की ईवेंट्स, टैक्स्ट मैसेजेस एवं लाईव वॉईज कॉल चुपचाप जासूसी करने वालों तक पहुंचा देता है। खतरनाक बात यह भी है कि पेगासस के माध्यम से जासूसी करने वाले किसी व्यक्ति के मोबाईल फोन में भी जाली सामग्री डाल सकते हैं। 



मोदी सरकार ने श्री राहुल गांधी और उनके स्टाफ; पूर्व प्रधानमंत्री देवे गौड़ा; पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दारमैया एवं कुमारास्वामी; भाजपा की पूर्व मुख्यमंत्री, वसुंधरा राजे सिंधिया; भाजपा के कैबिनेट मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, उनकी पत्नी और स्टाफ; वर्तमान आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव एवं उनकी पत्नी; केंद्रीय मंत्री,  स्मृति ईरानी के ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी); सांसद एवं ममता बनर्जी के भतीजे, अभिषेक बनर्जी; वीएचपी के पूर्व अध्यक्ष, प्रवीण तोगड़िया आदि की जासूसी के लिए पेगासस स्पाईवेयर तैनात किया था। 



इतना ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट के जज; भारत के निर्वाचन आयोग; सीबीआई डायरेक्टर,  आलोक वर्मा एवं उनकी पत्नी व परिवार; बीएसएफ के प्रमुख, के के शर्मा, बीएसएफ आईजी, जगदीश मैथानी; रॉ ऑफिसर, जितेंदर कुमार ओझा और उनकी पत्नी; भारतीय सेना के अधिकारियों - कर्नल मुकुल देव और कर्नल अमित कुमार भी पेगासस का निशाना बनाए गए। पेगारारा रपाईवेयर के निशाने पर जाने माने वकील, एक्टिविस्ट एवं पत्रकार तथा मीडिया संगठन रहे, जिसमें द हिंदू, इंडियन एक्सप्रेस, हिंदुस्तान टाईम्स, इंडिया टुडे, द मिंट, द वायर, इकॉनॉमिक एंड पॉलिटिकल वीकली, टीवी18, द ट्राईब्यून, आउटलुक, डीएनए, न्यूज़क्लिक, फ्रंटियर टीवी आदि प्रमुख



3. मोदी सरकार ने संसद के साथ छल व धोखा किया। आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भारत में पेगासस के इस्तेमाल की खबरों को “निराधार' एवं "अत्यधिक संवेदनशील" कहकर नकारा। गृह मामलों के मंत्रालय एवं गृहमंत्री ने भी एक आरटीआई सवाल के जवाब में पेगासस खरीदे जाने से इंकार करके भारत के नागरिकों को धोखा दिया। रक्षामंत्री एवं रक्षा मंत्रालय ने भी संसद को यह कहकर बरगलाया कि पेगासस जासूसी यंत्र की कभी खरीद नहीं हुई|



 4. मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को भी गुमराह किया, जिसने सरकार से इस विवादास्पद सॉफ्टवेयर को खरीदे जाने व इस्तेमाल किए जाने पर सीधा सवाल पूछा। अपने शपथपत्र में मोदी सरकार (इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रतिनिधित्व में) ने "सरकार के खिलाफ लगाए गए हर एवं सभी आरोपों को स्पष्ट रूप से अस्वीकार कर दिया"।



5. भाजपा की पूरी मशीनरी भारत के नागरिकों से छल और विश्वासघात करने की रणनीति में शामिल रही। गृहमंत्री अमित शाह ने एक कदम और आगे जाकर झूठा प्रपोगंडा करने की अपनी नीति के तहत पेगासस पर इस रिपोर्ट को 'डिसरप्टर्स द्वारा ऑब्सट्रक्टर्स के लिए एक रिपोर्ट' (विघ्न डालने वालों के द्वारा बाधा उत्पन्न करने वालों के लिए रिपोर्ट) कह डाला।   रवि शंकर प्रसाद ने इस रिपोर्ट को "भारत द्वारा कोविड को अच्छी तरह संभालने, 75 फीसदी से ज्यादा आबादी को वैक्सीन लगाए जाने... निशुल्क वैक्सीन बांटने के खिलाफ विरोधियों का प्रतिशोध" बताया। 



अब यह साफ है कि स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार ने - (1) पेगासस जासूसी सॉफ्टवेयर खरीदा, 

(2) देश संसद से धोखा किया|

(3) सुप्रीम कोर्ट को गुमराह किया|

(4) देश के पैसे का उपयोग देश के नागरिकों की जासूसी एवं सेंध लगाने के लिए किया|

(5) 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले लोकतंत्र का अपहरण किया|

(6) देश से राजद्रोह किया।



भारत सरकार ने 2017 में इजराइली कंपनी NSO ग्रुप से जासूसी सॉफ्टवेयर पोगासस खरीदा था।
भारत सरकार ने 2017 में इजराइली कंपनी NSO ग्रुप से जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस खरीदा था। इस सॉफ्टवेयर को पांच साल पहले की गई 2 अरब डॉलर (करीब 15 हजार करोड़ रुपए) की डिफेंस डील में खरीदा गया था। इसी डिफेंस डील में भारत ने एक मिसाइल सिस्टम और कुछ हथियार भी खरीदे थे। इस बात का खुलासा अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट में हुआ है।



हालांकि मोदी सरकार पेगासस जासूसी सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल से लगातार इनकार करती रही है। न तो कभी भारत और न ही इजराइल ने ये बात मानी है कि उन्होंने पेगासस को लेकर डील की थी।



सालभर की लंबी जांच के बाद अमेरिकी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया कि, अमेरिकी जांच एजेंसी फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (FBI) ने भी यह सॉफ्टवेयर खरीदा था|



NYT की रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे दुनियाभर में इस स्पाइवेयर का इस्तेमाल किया गया। मेक्सिको सरकार ने पत्रकारों और विरोधियों के खिलाफ, तो सऊदी ने शाही परिवार के आलोचक रहे पत्रकार जमाल खशोगी और उनके सहयोगियों के खिलाफ इसका इस्तेमाल किया। इजराइली रक्षा मंत्रालय ने पोलैंड, हंगरी और भारत जैसे कई देशों में पेगासस के इस्तेमाल की मंजूरी दी थी।



https://www.thevirallines.net/india-news-congress-attacks-modi-govt-over-pegasus-spyware-deal-disclosure-modi-govt-committed-treason


पेगासस क्या है?

पेगासस एक स्पाइवेयर है। स्पाइवेयर यानी जासूसी या निगरानी के लिए इस्तेमाल होने वाला सॉफ्टवेयर। इसके जरिए किसी फोन को हैक किया जा सकता है। हैक करने के बाद उस फोन का कैमरा, माइक, मैसेजेस और कॉल्स समेत तमाम जानकारी हैकर के पास चली जाती है। इस स्पाइवेयर को इजराइली कंपनी NSO ग्रुप ने बनाया है।


https://www.thevirallines.net/india-news-india-bought-pegasus-software-from-israel-in-2017-report


सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस मामले पर बनाई थी कमेटी

न्यूज पोर्टल ‘द वायर’ ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि भारत सरकार ने 2017 से 2019 के दौरान करीब 300 भारतीयों की जासूसी की। सरकार ने पेगासस स्पायवेयर की मदद से पत्रकार, वकील, सामाजिक कार्यकर्ता, विपक्ष के नेता और बिजनेसमैन के फोन हैक किए थे।पेगासस, इजराइल की साइबर सिक्योरिटी कंपनी NSO का स्पायवेयर है। इसका खुलासा द गार्जियन और वाशिंगटन पोस्ट जैसे 16 मीडिया ऑर्गनाइजेशन की एक संयुक्त रिपोर्ट में भी किया गया था।



इसके रिपोर्ट के बाद सरकार के खिलाफ कई लोगों ने कोर्ट में याचिका लगाई थी। याचिका दायर होने के बाद 17 अगस्त को कोर्ट ने केंद्र को इस मामले में नोटिस जारी किया था।कोर्ट के नोटिस देने के बाद केंद्र ने कहा कि वो सारी जानकारी एक एक्सपर्ट कमेटी के सामने रखने को तैयार है। राष्ट्रीय सुरक्षा को देखते हुए वो इसे कोर्ट के सामने पब्लिक नहीं कर सकता है। अक्टूबर में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना के नेतृत्व वाली पीठ ने जासूसी के आरोपों की जांच के लिए तीन सदस्यों की कमेटी बनाई थी। कमेटी में अध्यक्ष जस्टिस आरवी रवींद्रन के साथ पूर्व IPS अफसर आलोक जोशी और डॉ. संदीप ओबेरॉय शामिल रहे।






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