Ram Bahal Chaudhary,Basti
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अगर पुलिस ने हमारी ट्रॉलियों को रोका तो रास्ता करेंगे जाम और हमें कुछ कहा तो गांवों में, थानों में पशु बाधेंगे: राकेश टिकैत

  • by: news desk
  • 14 December, 2020
अगर पुलिस ने हमारी ट्रॉलियों को रोका तो रास्ता करेंगे जाम और हमें कुछ कहा तो गांवों में, थानों में पशु बाधेंगे: राकेश टिकैत

नई दिल्ली: गाजीपुर बॉर्डर (दिल्ली-यूपी बॉर्डर) से किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि,,अभी सरकार की तरफ से कोई प्रस्ताव नहीं आया है। प्रस्ताव आएगा तो जगह और टाइम, प्रशासन और सरकार द्वारा बताया जाएगा। हम दिल्ली के चारों ओर बैठ गए हैं सरकार का इंतज़ार कर रहे हैं|




किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि,हमारा आज का आंदोलन सफल और शांतिपूर्ण तरीके से हुआ। हम बातचीत से इसका समाधान चाहते हैं। यहां से किसान वापस नहीं जाएगा। अगर पुलिस प्रशासन ने हमारी ट्रॉलियों को रोका तो ऊपर का रास्ता जाम करेंगे और हमें कुछ कहा तो गांवों में, थानों में पशु बाधेंगे|




भाकियू(भानु) के आंदोलन से पीछे हटने के बाद किसान आंदोलन में फूट पड़ने की बात कही जा रही है। यह सवाल जब भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत से पूछी गई तो उन्होंने कहा कि किसानों में कोई फूट नहीं है। भाकियू(भानु) के तीन नेताओं ने यूनियन से इस्तीफा दे दिया क्योंकि वह अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह के समझौता करने वाली बात से आहत थे।




भारतीय किसान यूनियन (भानु) के प्रदेश अध्यक्ष योगेश प्रताप सिंह ने कहा कि कुछ लोग अफवाह उड़ा रहे हैं कि रक्षा मंत्री और कृषि मंत्री से वार्ता के बाद धरना खत्म कर दिया गया है, मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि धरना खत्म नहीं किया गया है। पब्लिक की परेशानी को देखते हुए थोड़ा रास्ता खोला गया है, जब तक सरकार किसानों की मांगे नहीं मानती, मैं चिल्ला बॉर्डर पर धरने पर बैठा हूं और बैठा रहूंगा।




प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जो अन्य किसान संगठन हम पर आरोप लगा रहे हैं, उनकी जांच करा ली जाए और भारतीय किसान यूनियन भानु की जांच करा ली जाए। दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा। प्रदेश अध्यक्ष ने राकेश टिकैत का नाम लेकर कहा कि उनकी जांच करा ली जाए और ठाकुर भानु प्रताप सिंह की भी जांच करा ली जाए। सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त मोर्चा के भानु गुट से अलग-थलग होने के बयान पर उन्होंने कहा कि अफवाह फैलाने के बाद उन्होंने ऐसा कहा होगा। हमारा धरना जारी है और जारी रहेगा जब तक सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लेती।




प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर प्रदेश में हमारे कार्यकर्ताओं को नजरबंद किया जा रहा है, उनको घरों से उठाया जा रहा है। कार्यकर्ताओं को यहां आने से रोका जा रहा है। आगरा और जेवर टोल पर फोर्स लगा दी गई है। कार्यकर्ता यहां आ भी गया तो वहां के अधिकारियों को सस्पेंड किया जा रहा है, आंदोलन को खत्म कराने का यह तरीका गलत है।






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