Ram Bahal Chaudhary,Basti
Share

कल कृषि क़ानूनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा फैसला

  • by: news desk
  • 11 January, 2021
कल कृषि क़ानूनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा फैसला

नई दिल्ली: कृषि कानूनों और दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई की है| सुप्रीम कोर्ट कल कृषि क़ानूनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर फैसला सुनाएगा।तीन नए कृषि कानूनों व किसान आंदोलन के मुद्दे पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाया। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कृषि कानूनों पर रोक लगाए जाने के संकेत दिए।


कोर्ट ने कृषि कानूनों को लेकर कमेटी की जरूरत को बताते हुए कहा कि अगर समिति ने सुझाव दिया तो, वह इसके क्रियान्वयन पर रोक लगा देगा। मामले की सुनवाई कर रही पीठ ने आर. एम. लोढ़ा सहित सभी पूर्व सीजेआई के नाम कमेटी के अध्यक्ष पद के लिए भी दिए।कोर्ट ने कहा, ''हम, हमारे द्वारा नियुक्त की जाने वाली कमेटी के जरिए से कृषि कानूनों की समस्या के समाधान के लिए आदेश पारित करने का प्रस्ताव कर रहे हैं।'' हालांकि, केंद्र सरकार ने कहा कि कमेटी के लिए वह नाम सुझाएंगे



किसान आंदोलन से जुड़ी सभी याचिकाओं पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश बोबडे की अध्यक्षता व न्यायमूर्ति एस. एस. बोपन्ना व न्यायमूर्ति वी. सुब्रमण्यम की पीठ ने सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल से स्पष्ट कहा कि तो आप इन कानूनों पर रोक लगाइए या फिर हम लगा देंगे।



कृषि कानूनों की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि,''अगर केंद्र सरकार कृषि कानूनों को लागू करने पर रोक नहीं लगाना चाहती तो हम इन पर रोक लगाएंगे। कोर्ट ने कहा कि हम अर्थव्यवस्था के विशेषज्ञ नहीं हैं, आप बताएं कि सरकार कृषि कानून पर रोक लगाएगी या हम लगाएं। इसके बाद केंद्र सरकार ने नए कृषि कानूनों पर रोक लगाने का विरोध किया। 




सरकार की ओर से पेश हुए अटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल ने कोर्ट से कहा कि किसी कानून पर तब तक रोक नहीं लगाई जा सकती, जब तक वह मौलिक अधिकारों या संवैधानिक योजनाओं का उल्लंघन ना करें। सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों को लेकर समिति की आवश्यकता को दोहराया और कहा कि अगर समिति ने सुझाव दिया तो, वह इस कानून के लागू होने पर रोक लगा देगा।



सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार को कई बार फटकार लगाई। सरकार का पक्ष रख रहे एजी के. के. वेणुगोपाल के और समय मांगने पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि श्रीमान अटॉर्नी जनरल हम आपको बहुत समय दे चुके हैं, कृपया आप हमें संयम पर भाषण ना दें। वहीं, कोर्ट ने कहा कि नए कृषि कानूनों को लेकर जिस तरह से केंद्र और किसानों के बीच बातचीत चल रही है, उससे वह बेहद निराश है। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एस.ए. बोबडे की अध्यक्षता वाली एक पीठ ने कहा, ''क्या चल रहा है? राज्य आपके कानूनों के खिलाफ बगावत कर रहे हैं।'' उन्होंने कहा, ''हम बातचीत की प्रक्रिया से बेहद निराश हैं।'' पीठ ने कहा, ''हम आपकी बातचीत को भटकाने वाली कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते लेकिन हम इसकी प्रक्रिया से बेहद निराश हैं।'' 



सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से कहा..
● हम कमेटी बनाने जा रहे हैं, अगर किसी को दिक्कत है तो वो बोल सकता है।
● आपने इसे उचित ढंग से नहीं संभाला है, हमें इस पर एक्शन लेना ही होगा।
● ऐसी आशंका है कि एक दिन आंदोलन में हिंसा हो सकती है।
● केंद्र सरकार को इस सब की जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
● सरकार कानून ला रही है और इसे बेहतर तरीके से कर सकती थी।
● अगर कुछ गलत हो गया तो इसके जिम्मेदार हम सब होंगे। हम नहीं चाहते कि हमारे हाथ किसी के खून से रंगे हो



किसानों से कोर्ट ने यह कहा-
● हम एक कमेटी बनाने औऱ कानून के अमल पर रोक लगाने पर विचार कर रहे हैं।
● आंदोलन जारी रखिए लेकिन अगर कुछ हो गया तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?
● क्या किसान नागरिकों के लिए रास्ता छोड़ेंगे। हम बीच का रास्ता निकालना चाहते हैं।
● हम देश का सुप्रीम कोर्ट हैं और हम संवैधानिक जवाबदारी पूरी करेंगे।
● हमें नहीं पता कि आंदोलन में लोग शारीरिक दूरी के नियम का पालन कर रहे हैं कि नहीं, हमें किसानों के भोजन पानी की चिंता है।
● हम कानून की वैधता पर आदेश सभी पक्षो को सुनकर देंगे।
● समिति के समक्ष वार्ता को सुविधाजनक बनाने के लिए कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगाई जा सकती है।







आप हमसे यहां भी जुड़ सकते हैं
TVL News

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें : https://www.facebook.com/TVLNews
चैनल सब्सक्राइब करें : https://www.youtube.com/TheViralLines
हमें ट्विटर पर फॉलो करें: https://twitter.com/theViralLines
ईमेल : thevirallines@gmail.com

You may like

स्टे कनेक्टेड

विज्ञापन