Ram Bahal Chaudhary,Basti
Share

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की महाराष्ट्र सरकार और अनिल देशमुख की याचिका, कहा- आरोप गंभीर हैं, CBI जांच होनी चाहिए

  • by: news desk
  • 08 April, 2021
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की महाराष्ट्र सरकार और अनिल देशमुख की याचिका, कहा- आरोप गंभीर हैं, CBI जांच होनी चाहिए

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपये हर माह वसूली करने के लगे आरोपों को गंभीर बताया है| आरोपों और शामिल व्यक्तियों की प्रकृति को स्वतंत्र जांच की आवश्यकता है| परमबीर सिंह और अनिल देशमुख के खिलाफ CBI जांच होनी चाहिए। SC ने महाराष्ट्र सरकार और राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख द्वारा मुंबई उच्च न्यायालय के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों ( CBI द्वारा उनके खिलाफ प्रारंभिक जांच) के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की|



सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार और राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख द्वारा मुंबई उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों की सीबीआई जांच का निर्देश दिया गया था।




सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि,'' आरोप गंभीर हैं, गृह मंत्री और पुलिस आयुक्त शामिल हैं। वे एक साथ काम करते रहे जब तक कि वे दोनों अलग नहीं हो जाते, और दोनों के पास प्रतिष्ठित पद था। मामले की सुनवाई के दौरान न्यायाधीश एसके कौल ने सवाल किया कि,''क्या सीबीआई जांच नहीं होनी चाहिए? आरोपों और शामिल व्यक्तियों की प्रकृति को स्वतंत्र जांच की आवश्यकता है|




सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश कौल ने कहा कि,'''वह व्यक्ति आपका (अनिल देशमुख) शत्रु नहीं था, जिसने आपके खिलाफ आरोप लगाए थे, लेकिन यह उस व्यक्ति द्वारा किया गया जो आपका दायां हाथ (परम बीर सिंह) था|  न्यायमूर्ति कौल ने कहा कि दोनों के खिलाफ जांच होनी चाहिए।




न्यायाधीश कौल ने इस दौरान कहा, 'वह व्यक्ति आपका (अनिल देशमुख का) दुश्मन नहीं था, जिसने आपके ऊपर आरोप लगाए। बल्कि, यह काम उस व्यक्ति ने किया जो लगभग आपका दायां हाथ (परमबीर सिंह) था।' न्यायाधीश एसके कौल ने कहा, 'दोनों के खिलाफ जांच की जानी चाहिए।' वहीं, अनिल देशमुख की ओर से अदालत में पेश हुए अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि बिना अनिल देशमुख का पक्ष सुने कोई प्राथमिक जांच नहीं की जा सकती है।




महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख का प्रतिनिधित्व करने वाले कपिल सिब्बल का कहना है कि देशमुख की सुनवाई के बिना कोई प्रारंभिक जांच नहीं हो सकती है। SC का कहना है कि महाराष्ट्र के उच्च अधिकारी मामले में शामिल है| परमबीर सिंह और अनिल देशमुख के खिलाफ जांच होनी चाहिए।




अनिल देशमुख की ओर से अदालत में पेश हुए अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा कि,'' कानून को सभी के लिए समान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ इसलिए नहीं हो सकता क्योंकि पुलिस आयुक्त ने कुछ कहा है, उनके शब्द सबूत बन जाते हैं। सिब्बल ने दलील रखी कि मौखिक आरोपों के आधार पर जांच का आदेश दे दिया गया| इस मामले में सबूत कहां हैं|




सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान देशमुख की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पक्ष रखा| जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस हेमंत गुप्ता की बेंच के सामने मामले की सुनवाई हुई|






आप हमसे यहां भी जुड़ सकते हैं
TVL News

हमारे फेसबुक पेज को लाइक करें : https://www.facebook.com/TVLNews
चैनल सब्सक्राइब करें : https://www.youtube.com/TheViralLines
हमें ट्विटर पर फॉलो करें: https://twitter.com/theViralLines
ईमेल : thevirallines@gmail.com

You may like

स्टे कनेक्टेड

विज्ञापन