नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए विश्व भारती विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में हिस्सा लिया| इस समारोह में पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ भी मौजूद हैं। समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि,'आप सिर्फ एक विश्वविद्यालय का ही हिस्सा नहीं हैं, बल्कि एक जीवंत परंपरा का हिस्सा भी हैं। गुरुदेव अगर विश्व भारती को सिर्फ एक यूनिवर्सिटी के रूप में देखना चाहते, तो वो इसे ग्लोबल यूनिवर्सिटी या कोई और नाम दे सकते थे, लेकिन उन्होंने इसे विश्व भारती विश्वविद्यालय नाम दिया|
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि,''गुरुदेव की विश्व भारती से अपेक्षा थी कि यहां जो सिखने आएगा वो पूरी दुनिया को भारत और भारतीयता की दृष्टि से देखेगा। गुरुदेव का ये मॉडल भ्रम, त्याग और आनंद के मूल्यों से प्रेरित था इसलिए उन्होंने विश्व भारती को सिखने का ऐसा स्थान बनाया जो भारत की समृद्ध धरोहर को आत्मसात करे| गुरुदेव टैगोर के लिए विश्व भारती सिर्फ ज्ञान देने वाली एक संस्था मात्र नहीं थी। ये एक प्रयास है भारतीय संस्कृति के शीर्षस्थ लक्ष्य तक पहुंचने का। जिसे हम कहते हैं स्वयं को प्राप्त करना|
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि,'हाल ही में सरकार ने देश और दुनिया के लाखों जर्नल की फ्री एक्सेस अपने स्कॉलर को देने का फैसला किया है। इस साल बजट में भी रिसर्च के लिए नेशनल रिसर्च फाउंडेशन के माध्यम से आने वाले 5 साल में 50 हज़ार करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव रखा है|
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, भारत की आत्मनिर्भरता, देश की बेटियों के आत्मविश्वास के बिना संभव नहीं है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में पहली बार जेंडर इंक्लूजन फंड की भी व्यवस्था की गई है| आज भारत में जो NEP बनी है, वो भी पुरानी बेड़ियों को तोड़ने के साथ ही, विद्यार्थियों को अपना सामर्थ्य दिखाने की पूरी आजादी देती। ये शिक्षा नीति आपको अलग-अलग विषयों को पढ़ने की आजादी और आपको अपनी भाषा में पढ़ने का विकल्प देती है|
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि, आप समस्या का हिस्सा बनना चाहते हैं या समाधान का, ये तय करना अपने हाथ में होता है। अगर आप खुद से ऊपर उठकर, अपने स्वार्थ से ऊपर उठ कर नेशन फर्स्ट के अप्रोच के साथ आगे बढ़ेंगे तो आपको हर समस्या के बीच सॉल्यूशन ढूंढ़ने का मन करेगा| सफलता व असफलता हमारा वर्तमान व भविष्य तय नहीं करती। हो सकता है आपको किसी फैसले के बाद जैसा सोचा था वैसा परिणाम न मिले, लेकिन आपको फैसला लेने में डरना नहीं चाहिए। जब तक देश के युवा में रिस्क लेने का जज्बा रहेगा, मुझे देश की भविष्य की चिंता नहीं है|
प्रधानमंत्री ने कहा कि, इस वर्ष हम अपनी आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। विश्व भारती के प्रत्येक विद्यार्थी की तरफ से देश को सबसे बड़ा उपहार होगा कि भारत की छवि को और निखारने के लिए आप ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करें| भारत जो है, जो मानवता, जो आत्मीयता, जो विश्व कल्याण की भावना हमारे रक्त के कण-कण में है, उसका ऐहसास बाकी देशों को कराने के लिए विश्व भारती को देश की शिक्षा संस्थाओं का नेतृत्व करना चाहिए|
मोदी ने कहा कि,'मेरा आग्रह है, अगले 25 वर्षों के लिए विश्व भारती के विद्यार्थी मिलकर एक विजन डॉक्यूमेंट बनाएं। वर्ष 2047 में, जब भारत अपनी आजादी के 100 वर्ष का समारोह बनाएगा, तब तक विश्व भारती के 25 सबसे बड़े लक्ष्य क्या होंगे, ये इस विजन डॉक्यूमेंट में रखे जा सकते हैं|