नई दिल्ली: Haridwar Dharma Sansad Hate Speech: सुप्रीम कोर्ट में बुधवार 12 जनवरी को हरिद्वार 'धर्म संसद' अभद्र भाषण के मामले की स्वतंत्र जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई होगी। मुख्य न्यायाधीश एन.वी.रमना की अध्यक्षता वाली पीठ मामले की सुनवाई करेगी। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने 'धर्म संसद' के भाषणों की स्वतंत्र जांच की मांग वाली याचिका को स्वीकार करते हुए इस पर सुनवाई के लिए सहमति दी थी।
हरिद्वार 'धर्म संसद' हेट स्पीच मामले में उत्तराखंड सरकार ने रविवार को मांमले की जांच के लिए एक स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम (SIT) का गठन किया है। वहीं, धर्म संसद में हेट स्पीच के मामले में पुलिस ने कार्यक्रम के संबंध में 10 लोगों के खिलाफ दूसरी प्राथमिकी दर्ज की है।
धर्म संसद में कुछ वक्ताओं द्वारा मुसलमानों के खिलाफ नफरत भरे भाषण दिए गए थे। इस मामले में करीब दो हफ्ते पहले भी एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। हालांकि, पुलिस ने अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया है।
गढ़वाल रेंज के आईजीपी करन सिंह नांग्याल की ओर रविवार को गठित एसआईटी की अगुवाई देहरादून (रूरल) के एसपी कमलेश उपाध्याय कर रही हैं। एक असिस्टेंट एसपी, एक इंस्पेक्टर और दो सब इंस्पेक्टर उनकी मदद करेंगे। इस धर्म संसद का आयोजन 17 से 19 दिसंबर के बीच किया गया था, जिसमें कई संतों के अलावा बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय भी शामिल हुए थे।
इस सम्मेलन का आयोजन यति नरसिंहानंद की ओर से किया गया था। इसमें हिंदू रक्षा सेना के अध्यक्ष स्वामी प्रमोदानंद गिरी, स्वामी आनंदस्वरूप, साध्वी अन्नपूर्णा आदि वक्ता के रूप में शामिल हुए थे।
सुप्रीम कोर्ट के वकील लिख चुके चिट्ठी
धर्म संसद के दौरान दिए गए भड़काऊ भाषणों के इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट के 76 वकीलों की ओर से चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एनवी रमणा को चिट्ठी लिखी जा चुकी है। इस चिट्ठी में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से मामले में संज्ञान लेने को कहा है। चिट्ठी लिखने वाले वकीलों में, दुष्यंत दवे, प्रशांत भूषण, वृंदा ग्रोवर, सलमान खुर्शीद आदि के नाम शामिल हैं।