नई दिल्ली : गुजरात में कांग्रेस के नेता हार्दिक पटेल (Hardik Patel) को आगामी विधानसभा चुनाव से पहले बड़ी राहत मिली है| सुप्रीम कोर्ट ने पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान हुए दंगों और आगजनी मामले में अपील पर फै़सला आने तक कांग्रेस के नेता हार्दिक पटेल की सज़ा पर रोक लगाते हुए कहा कि संबंधित उच्च न्यायालय को सज़ा पर रोक लगानी चाहिए थी।
हार्दिक पटेल ने गुजरात हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ याचिका दायर कर सजा को निलंबित करने की मांग की थी ताकि वह 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ सकें|
हार्दिक पटेल के वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि चुनाव लड़ने से रोकना अधिकारों का हनन है| 2019 में एक बार चुनाव लड़ने का मौका पटेल गवां चुके हैं| हार्दिक पटेल के वकील ने कहा कि ये कोई सीरियस किलर नहीं हैं, पुलिस ने अपनी शक्ति का गलत इस्तेमाल किया है| बता दें कि हार्दिक पटेल को 2019 लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य करार दिया गया था|
फैसले के बाद हार्दिक पटेल ने कहा कि,''सिर्फ़ चुनाव लड़ना ही मेरा मक़सद नही है बल्कि गुजरात के लोगों की सेवा मज़बूती से कर पाऊँ यही मेरा उद्देश हैं। आज से तीन साल पहलें एक झूठे मुक़दमे में मुझे दो साल की सजा सुनाई थी लेकिन आज सुप्रीम कोर्ट ने दो साल की सजा पर रोक लगाई है, मैं न्यायपालिका का ह्रदय से धन्यवाद करता हूँ।
क्या है मामला
पटेल के नेतृत्व वाली पाटीदार अनामत आंदोलन समिति ने आरक्षण की मांग को लेकर अहमदाबाद में बड़े पैमाने पर एक रैली की थी। पुलिस ने दावा किया कि इस आयोजन के लिए आवश्यक अनुमति नहीं दी गई थी और इस मामले में लोगों के गैरकानूनी ढंग से एकत्र होने की प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
बता दें कि इससे पहले बीते महीने गुजरात सरकार ने पाटीदार आरक्षण आंदोलन के संबंध में दर्ज 10 मामले वापस लिए हैं। सिटी मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट अदालत ने तीन और मामलों को वापस लेने की अनुमति दी, जिसमें धारा 143, 144, 332, अन्य धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। वहीं सरकारी वकील ब्रह्मभट्ट ने बताया था कि हार्दिक पटेल के खिलाफ देशद्रोह के मुकदमे के अलावा अहमदाबाद की सत्र अदालत में पाटीदार आरक्षण आंदोलन का कोई मामला लंबित नहीं है।