नई दिल्ली: दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने बुधवार को कथित जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी समेत 14 अन्य लोगों को जमानत दे दी। 4 अक्टूबर के समन के पालन में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू यादव, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव कथित भूमि के बदले नौकरी घोटाले की सुनवाई के लिए राउज़ एवेन्यू कोर्ट पहुंचे थे।
विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल ने कथित जमीन के बदले नौकरी घोटाला मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और राजद सांसद मीसा भारती को जमानत दी।
अदालत ने 3 जुलाई को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दायर एक ताजा आरोप पत्र पर संज्ञान लेते हुए सभी लोगों को 4 अक्टूबर को तलब किया था। यह तेजस्वी का नाम लेते हुए सीबीआई द्वारा दायर किया गया दूसरा आरोप पत्र था।
आरोपी व्यक्तियों ने इस आधार पर अदालत के समक्ष नियमित जमानत की मांग करते हुए आवेदन दायर किए कि उनके खिलाफ "गिरफ्तारी के बिना आरोप पत्र दायर किया गया"। अदालत ने उन्हें 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत राशि पर जमानत दी।
लैंड फॉर जॉब मामले में ज़मानत मिलने पर उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा, "हमें न्यायालय पर पूरा भरोसा है, जहां हमने अपनी बात रखी और हमें न्याय मिला लेकिन जो भी सच बोलते हैं, जो जनता की आवाज उठाते हैं, जो मौजूदा सरकार से सवाल करते हैं उनपर कार्रवाई हो जाती है। आप अगर भाजपा में हैं तो आपके सभी दाग धुल जाते हैं और अगर आप खिलाफ हैं तो आप पर कार्रवाई हो जाती है|
नौकरी के बदले ज़मीन घोटाले मामले पर सुनवाई पर राजद प्रमुख लालू यादव ने कहा,''सुनवाइयां होती रहती हैं...हमने कोई ऐसा काम नहीं किया है जिससे हमें डरना पड़े|''
बिहार जाति जनगणना रिपोर्ट पर राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा,बिहार में हमने जातीय जनगणना कर दिया है और ये पूरे देश में होना चाहिए क्योंकि इससे पूरे देश के गरीबों, दलितों और अन्य लोगों को लाभ होगा और सबको हक मिलेगा: