नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित विपक्षी सांसदों ने संसद परिसर में गांधी प्रतिमा के पास 12 राज्यसभा सांसदों के निलंबन के विरोध में प्रदर्शन किया। सांसदों ने गांधी प्रतिमा से विजय चौक तक मार्च भी किया| कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि,''विपक्षी सांसदों के निलंबन को 14 दिन हो गए हैं। जिन मुद्दों पर सदन में विपक्ष बहस करना चाहती है, उनपर हमें बहस नहीं करने दी जाती। जहां विपक्ष आवाज़ उठाने की कोशिश की जाती है, उन्हें निलंबित कर दिया जाता है। ये लोकतंत्र की हत्या है|
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि, प्रधानमंत्री सदन में नहीं आते हैं। ये कोई तरीका नहीं है लोकतंत्र को चलाने का| राहुल गांधी ने कहा कि,''मोदी सरकार डिबेट नहीं होने देती, और जहां भी विपक्ष आवाज़ उठता है उसको डरा कर धमका कर सस्पेंड कर देती है! …प्रधानमंत्री संसद में नहीं आते हैं...
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि,पिछले सत्र में जो हुआ उसे इस सत्र में उठाया गया,जबकि इस सत्र में इसका कोई ताल्लुक़ नहीं है। सदन के अंदर हम पिकनिक करने नहीं आते हैं,सदन में हम आम लोगों का मुद्दा उठाने के लिए आते हैं। अरूण जेटली ने भी कहा था कि सदन को भंग करना भी लोकतंत्र का एक औज़ार है|
इससे पहले, संसद के दोनों सदनों में विपक्षी दलों के फ्लोर लीडर्स ने राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालय में बैठक की। जिसमें 12 सांसदों के निलंबन को रद्द करने की मांग को लेकर आगे के लिए प्रदर्शन की रणनीति पर चर्चा की गई।