नई दिल्ली: लोकसभा के बाद कृषि से जुड़े विधेयक रविवार को राज्यसभा से भी पारित हो गए। दोनों कृषि विधेयकों को राज्यसभा में ध्वनिमत से पारित किया गया | राज्यसभा में विपक्ष के लगातार विरोध के बीच कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) विधेयक 2020, कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 पारित किया गया। इसी के साथ राज्यसभा कल सुबह 9 बजे तक स्थगित।
राज्यसभा से भी किसान बिलों के पास होने पर प्रधानमंत्री ने भारत के कृषि इतिहास में रविवार को एतिहासिक दिन बताया है। उन्होंने संसद में अहम विधेयकों के पारित होने पर परिश्रमी अन्नदाताओं को बधाई दी प्रधानमंत्री ने बिलों के पास होने पर ट्वीट कर कहा, दशकों तक हमारे किसान भाई-बहन कई प्रकार के बंधनों में जकड़े हुए थे और उन्हें बिचौलियों का सामना करना पड़ता था। संसद में पारित विधेयकों से अन्नदाताओं को इन सबसे आजादी मिली है।
राज्यसभा से भी कृषि बिल पास होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा,भारत के कृषि इतिहास में आज एक बड़ा दिन है। संसद में अहम विधेयकों के पारित होने पर मैं अपने परिश्रमी अन्नदाताओं को बधाई देता हूं। यह न केवल कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन लाएगा, बल्कि इससे करोड़ों किसान सशक्त होंगे।
PM मोदी ने कहा,'दशकों तक हमारे किसान भाई-बहन कई प्रकार के बंधनों में जकड़े हुए थे और उन्हें बिचौलियों का सामना करना पड़ता था। संसद में पारित विधेयकों से अन्नदाताओं को इन सबसे आजादी मिली है। इससे किसानों की आय दोगुनी करने के प्रयासों को बल मिलेगा और उनकी समृद्धि सुनिश्चित होगी।
उन्होंने कहा,'' हमारे कृषि क्षेत्र को आधुनिकतम तकनीक की तत्काल जरूरत है, क्योंकि इससे मेहनतकश किसानों को मदद मिलेगी। अब इन बिलों के पास होने से हमारे किसानों की पहुंच भविष्य की टेक्नोलॉजी तक आसान होगी। इससे न केवल उपज बढ़ेगी, बल्कि बेहतर परिणाम सामने आएंगे। यह एक स्वागत योग्य कदम है।
प्रधानमंत्री ने कहा,'मैं पहले भी कहा चुका हूं और एक बार फिर कहता हूं: MSP की व्यवस्था जारी रहेगी। सरकारी खरीद जारी रहेगी। हम यहां अपने किसानों की सेवा के लिए हैं। हम अन्नदाताओं की सहायता के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे और उनकी आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर जीवन सुनिश्चित करेंगे।
राज्यसभा में विपक्ष के भारी हंगामे पर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि विपक्षी दल किसान विरोधी हैं। प्रक्रिया का हिस्सा बनने के बजाए उन्होंने बाधा डालने की कोशिश की। नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार ने पिछले 70 वर्षों से किसानों को अन्याय से मुक्त किया है। उन्होंने कहा, 'विपक्ष का गैर-जिम्मेदाराना काम दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने प्रोटोकॉल का उल्लंघन किया, अध्यक्ष इसका ध्यान रखेंगे और कार्रवाई करेंगे। लोकतांत्रिक प्रणाली को सुचारू रूप से कार्य करना चाहिए, हम सभापति से अनुरोध करेंगे कि वे इसके लिए कदम उठाएं।'