प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने दिल्ली में प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता की। इसके बाद दोनों नेताओं ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की| जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा,''मैं अपने मित्र ओलाफ स्कोल्ज और उनके प्रतिनिधियों का भारत में स्वागत करता हूं। चांसलर ओलाफ कई वर्षों के बाद भारत का दौरा कर रहे हैं। आज की बैठक में हमने सभी महत्वपूर्ण द्विपक्षीय मुद्दों और क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय विषय पर चर्चा की|
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा,''भारत और जर्मनी के मजबूत संबंध, साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, और एक दूसरे के हितों की डीप अंडरस्टैंडिंग पर आधारित हैं। दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक आदान-प्रदान का लंबा इतिहास रहा है। विश्व की दो बड़ी लोकतांत्रिक अर्थव्यवस्थाओं के बीच बढ़ता सहयोग, दोनों देशों की जनता के लिए लाभकारी तो है ही, आज के तनावग्रस्त विश्व में इससे एक सकारात्मक संदेश भी जाता है|
जर्मनी यूरोप में हमारा सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर होने के साथ भारत में निवेश का भी महत्वपूर्ण स्रोत है। आज “मेक इन इंडिया ” और “आत्मनिर्भर भारत” की वजह से भारत में सभी सेक्टर्स में नए अवसर खुल रहे हैं|'' भारत और जर्मनी त्रिकोणीय विकास सहयोग के तहत तीसरे देशों के विकास के लिए आपसी सहयोग बढ़ा रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में हमारे बीच पीपुल-टू-पीपुल संबंध भी सुदृढ़ हुए हैं|
'क्रॉस-बॉर्डर टेररिज्म' को समाप्त करने के लिए ठोस कार्रवाई आवश्यक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा,''सुरक्षा और रक्षा सहयोग हमारी रणनीतिक भागीदारी का एक महत्वपूर्ण स्तम्भ बन सकता है। इस क्षेत्र में हमारे अप्रयुक्त क्षमता को पूरी तरह रियलाइज करने के लिए हम साथ मिलकर प्रयास करते रहेंगे| आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ लड़ाई में भारत और जर्मनी के बीच सक्रिय सहयोग है। दोनों देश इस बात पर भी सहमत हैं कि 'क्रॉस-बॉर्डर टेररिज्म' को समाप्त करने के लिए ठोस कार्रवाई आवश्यक है|''
उन्होंने कहा,''हमने इस बात पर भी सहमति दोहराई कि वैश्विक वास्तविकताओं को बेहतर तरीके से दर्शाने के लिए मल्टी-लेटरल इंस्टीट्यूशन्स में सुधार आवश्यक है। यूएन सिक्योरिटी काउंसिल में सुधार लाने के लिए G4 के अंतर्गत हमारी सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट है|''
कोविड महामारी और यूक्रेन संघर्ष के प्रभाव पूरे विश्व पर पड़े: मोदी
मोदी ने कहा,''कोविड महामारी और यूक्रेन संघर्ष के प्रभाव पूरे विश्व पर पड़े हैं। विकासशील देशों पर इनका विशेष रूप से नकारात्मक प्रभाव रहा है। हमने इस बारे मे अपनी साझा चिंता व्यक्त की। हम सहमत हैं कि इन समस्याओं का समाधान संयुक्त प्रयासों से ही संभव है। भारत की G20 की अध्यक्ष्ता में भी हम इस बात पर बल दे रहे हैं। यूक्रेन के घटनाक्रम के शुरुआत से ही भारत ने डायलॉग और डिप्लोमेसी के माध्यम से इस विवाद को सुलझाने पर जोर दिया है। भारत किसी भी शांति प्रक्रिया में योगदान देने के लिए तैयार है। हमने इस बात पर भी सहमति दोहराई कि वैश्विक वास्तविकताओं को बेहतर तरीके से दर्शाने के लिए मल्टी-लेटरल institutions में सुधार आवश्यक है। UN Security Council में सुधार लाने के लिए G4 के अंतर्गत हमारी सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट है।
रूस की आक्रामकता का “खामियाजा” भुगत रही दुनिया: जर्मनी चांसलर
जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने कहा,''भारत ने काफी तरक्की की है और यह दोनों देशों के बीच संबंधों के लिए बहुत अच्छा है। रूस की आक्रामकता का खामियाजा दुनिया भुगत रही है। अभी भोजन और ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है|" स्कोल्ज ने कहा,''पिछली बार जब मैंने भारत का दौरा किया था तब से बहुत कुछ बदल गया है। भारत वास्तव में विकास कर रहा है। मेरे और पीएम मोदी के विचार समान हैं। मुझे प्रसन्नता है कि इस वर्ष भारत के पास G20 की अध्यक्षता है|''